हनी ट्रैप में फंसकर ISI का जासूस बन बैठा BSF कांस्टेबल, अरेस्ट

Update: 2018-09-19 08:40 GMT

लखनऊ: पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI कुछ वर्षों से लड़कियों के फेसबुक आईडी बनाकर सेना और सशस्त्र बलों के कर्मियों से मित्रता कर अपने जाल में फंसाता है और उनसे देश की जासूसी कराता है। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है। लड़की की फेंक आईडी से ISI ने एक BSF कांस्टेबल को हनी ट्रैप में फंसाकर गोपनीय जानकारियां हासिल की है। आरोपी कांस्टेबल अच्युतानन्द मिश्रा को एटीएस ने अरेस्ट किया है। ऐसी घटनाओं को देखते हुए सशस्त्र बलों को जागरूक किया जाएगा।

लड़की की फेक आईडी से कांस्टेबल की हुई मित्रता

बीएसएफ कांस्टेबल अच्युतानन्द मिश्रा 2008 में बीएसएफ में भर्ती हुआ था। जनवरी 2016 में लड़की की फेंक आईडी से कांस्टेबल की मित्रता हुई। फेंक आईडी के जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के एजेंटो ने खुद को डिफेंस रिपोर्टर बताकर अच्युतानन्द को झांसे में लिया। शुरूआत में रसीली बातें हुई। फिर मिश्र ने गोपनीय सूचनाएं जैसे यूनिट की लोकेशन, शस्त्र गोला बारूद का विवरण, बीएसफ परिसर के चित्र और वीडियो देना शुरू कर दिया। दूसरे चरण में पाकिस्तान के नम्बर से व्हाटसएप पर बात शुरू हुई। इसके बाद इसे पूरी तरह स्पष्ट हो गया कि यह सूचनाएं पाकिस्तान भेज रहा है।

पाकिस्तानी दोस्त के नाम से सेव मिला मोबाईल नम्बर

पाकिस्तानी नम्बर से चैट में यह भी मिला है कि कांस्टेबल को धर्म परिवर्तन और कश्मीर पर भारत विरोधी बातें कह कर प्रभावित किया जा रहा था। मिश्र के मोबाइल और फेसबुक से तमाम साइबर साक्ष्य मिले हैं। इसके द्वारा भेजे गए चित्र और वीडियो भी एक्सट्रैक्शन में मिल गए हैं। जिस नम्बर से यह बात करता था। वह पाकिस्तानी दोस्त के नाम से उसके मोबाइल में सेव मिला।

पूछताछ के दौरान मिश्रा ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। यूपी एटीएस बुधवार को आरोपी कांस्टेबल को कोर्ट में पेश करेगी। अभियुक्त को रिमांड पर लेकर यह जानने की कोशिश की जाएगी कि इस नेटवर्क में और कौन लोग हैं। मिश्र का मोटिवेशन क्या है, क्या इसे पैसा मिला, इसके बैंक खाते चेक किए जाएंगे। इसने आईएसआई को कितनी सूचनाएं भेजी है। इससे कितना नुकसान हुआ है।

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