फुस्‍स हुआ डीजीपी का एक्‍शन प्‍लान, अब तीन नहीं थानों पर रहेगा एक ही इंस्‍पेक्‍टर

Update: 2018-07-16 11:41 GMT

लखनऊ: डीजीपी ओ पी सिंह ने कानून व्‍यवस्‍था दुरूस्‍त करने को लेकर एक नया एक्‍शन प्‍लान तैयार किया था। इसके तहत प्रदेश के थानों पर एक इंस्‍पेक्‍टर के अलावा दो अन्‍य इंस्‍पेक्‍टरों की तैनाती होनी थी। इनमें एक इंस्‍पेक्‍टर कानून व्‍यवस्था और दूसरा इंस्‍पेक्‍टर अपराध तैनात होना था। प्रदेश के जिलों में कप्‍तानों ने इस नई व्यवस्‍था के तहत इंस्‍पेक्‍टरों की तैनाती भी कर दी थी। लेकिन उससे कोई खास प्रभाव न पड़ता देखकर डीजीपी ने सोमवार को अपना ही फरमान वापस लेने का ऐलान किया है।

अब कप्‍तानों को दिया विवेकाधिकार

डीजीपी ने अपना फरमान वापस लेते हुए जिलों के कप्‍तानों को एडिशनल एसएचओ की तैनाती का विवेकाधिकार सौंप दिया है। उन्‍होंने कहा है कि अब जिले के कप्‍तान पर निर्भर रहेगा कि वह कहां पर एडिशनल एसएचओ तैनात करना चाहते हैं और कहां पर नहीं। इस आदेश के बाद एक बार फिर से सर्किल के थानों में चहेते थानेदारों का दबदबा फिर से कायम हो गया है।

थानों में झगड़ा कुछ हद तक सुलझा

डीजीपी के फरमान के चलते सर्किल के थानों में तीन-तीन एसएचओ तैनात कर दिए गए थे। इससे थानेदार और बाकी एसएचओ के बीच एक नया विवाद खड़ा हो गया था। सूत्रों की मानें तो यह विवाद केस को सुलझाने का नहीं बल्कि इलाके से आई एक्‍सआई की रकम को लेकर था। इससे थाने की कमाई भी प्रभावित हो रही थी। इसलिए कमाई में रोड़ा बन रही तीन एसएचओ तैनात करने की योजना वापस ले ली गई है।

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