गोरखपुर: यूपी के महाराजगंज जिले के जिला जेल में बन्द एक महिला कैदी ने बीती रात इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया है। मृतक महिला सहित उसके पति और पुत्र को दहेज हत्या के आरोप में बीते दिनों सात वर्ष की सजा सुनाई गई थी। जिसे चार दिन पूर्व जिला जेल में बन्द किया गया था। महिला कैदी की मौत को लेकर जेल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।
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दहेज हत्या में हुई थी सजा
ठुठीबारी थाना क्षेत्र के गड़ौरा में 25 वर्ष पूर्व मृतक महिला की बहु की संदिग्ध परिस्थितियों में जलने से मौत हो गयी थी। इस मामले में मृतक महिला की बहु के परिजनों ने मृतक महिला सहित उसके पति और पुत्र के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में मंगलवार को महराजगंज न्यायालय से मृतक महिला की सास हारमती और उसके पति नन्दलाल यादव को सात साल तथा उसके पुत्र सुदामा यादव को दस साल की सजा सुनाई गई थी।
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जेल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही का आरोप
सजा के बाद जिला जेल में बन्द हारामती का अचानक स्वास्थ्य खराब हो गया तो परिजन दवा आदि सामग्री लेकर जिला जेल मिलने के लिए गये तो जेल प्रशासन यह कह कर दवा देने से मना कर दिया कि जेल से दवा दे दिया जाएगा। लेकिन लापरवाही का आलम यह रहा कि बीती रात महिला इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। सवाल यह उठता है कि अगर मृतक महिला पहले से बीमार थी तो उसको इलाज के लिए जेल प्रशासन किसी हास्पीटल में दवा क्यो नही कराया। वहीं परिजनों ने आरोप भी लगाया है पुलिस प्रशासन की लापरवाही रवैया से महिला की मौत हुई है और इसके दोषी जिला जेल के पुलिस अधिकारी व कर्मचारी है परिजनों की मांग भी है इसकी उच्चस्तरीय जांच कराई जाए तथा दोषियों पर कार्यवाही की जाए।
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जेलर ने नकारे आरोपवहीं एके सिंह जेल अधीक्षक महराजगंज ने परिजनों के आरोपों को निराधार बताया है बताया और कहा कि महिला बंदी को कोर्ट ने 7 वर्ष की सजा सुनाई गई है। महिला बंदी की शिकायत पर उनका स्वास्थ्य परीक्षण जेल प्रशासन द्वारा कराया गया था ।उन्हें कोई बीमारी नहीं थी कल शाम को खाना खाने के बाद सुबह में उनकी मौत हो गई इस बात की जानकारी उनके परिजनों को दी गई थी परिवार का आरोप निराधार है।