Jhansi Crime News: रेलवे स्टेशन के सामने बनी MFC बिल्डिंग पर चला पुलिस का डंडा, दुकानें सीज

Jhansi Crime News: रेलवे स्टेशन के सामने बनी निर्माणाधीन MFC बिल्डिंग में चल रहे खानपान के अवैध कारोबार पर आरपीएफ, सिविल पुलिस का डंडा चला।

Report :  B.K Kushwaha
Published By :  Chitra Singh
Update: 2021-06-29 17:50 GMT

MFC बिल्डिंग

Jhansi Crime News: रेलवे स्टेशन के सामने बनी निर्माणाधीन एमएफसी बिल्डिंग में चल रहे खानपान के अवैध कारोबार पर आरपीएफ, सिविल पुलिस का डंडा चला। उन्होंने बिल्डिंग में बनी दुकानों के अंदर रखी खानपान सामग्री व अन्य सामग्री को जब्त कर लिया। यही नहीं, मौके से एक दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार भी किया गया। इसके अलावा दुकानों में अवैध कारोबार करने वाले लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। वहीं, रेलवे इन दुकान संचालकों से रेलवे की राजस्व भी वसूलेगी। उधर, इंजीनियरिंग विभाग के अफसरों पर भी गाज गिरने की संभावना है।

रेलवे स्टेशन के सामने निर्माणाधीन एमएफसी बिल्डिंग बनी है। इस बिल्डिंग में बनी दुकानें भी अवैध रुप से संचालित होना शुरु हो गई। इस मामले की जानकारी वाणिज्य विभाग व अन्य अफसरों को दी गई थी मगर वाणिज्य विभाग ने यह कहकर मना कर दिया था कि यह दुकानें इंजीनियरिंग विभाग के अधीन है। इस मामले को इंजीनियरिंग विभाग के अफसरों के संज्ञान में लाया गया मगर इस विभाग के अफसरों ने पुरी तरह से चुप्पी साद रखी थी।

उधर, दुकानों के सामने पंडाल चलाकर खानपान सामग्री खुलेआम बेची जा रही थी। इसके अलावा गंदगी का भी अंबार लगा हुआ था। खानपान से कुछ लोगों की हालात बिगड़ गई थी, मगर किसी ने ध्यान नहीं दिया। इसके अलावा एनसीआरईएस के मंडल अध्यक्ष रामकुमार ने उक्त दुकानों के संबंध में रेलवे बोर्ड और मंडल रेल प्रबंधक को पत्र लिखकर दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।

बिल्डिंग के पास तैनात पुलिस 

रेलवे स्टेशन परिसर का आकस्मिक निरीक्षण

उधर, मंडल रेल प्रबंधक संदीप माथुर ने रेलवे स्टेशन परिसर का आकस्मिक निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान डीआरएम और आरपीएफ कमांडेंट का नजर एमएफसी बिल्डिंग में बनी दुकानों पर गई। दुकानों के सामने खानपान सामग्री अवैध रुप से बेची जा रही थी। दुकानों के मामले में जब जांच की गई तो पता चला कि बिना अनुमति के यह दुकानों से संचालित हो रही है। रेलवे ने किसी प्रकार की अनुमति नही दी। इस मामले को डीआरएम और कमांडेंट आरपीएफ ने गंभीरता से लिया। इसके बाद अफसरों से वार्तालाप की। साथ ही उक्त बिल्डिंग के मामले में पूरी तरह से जांच पड़ताल की थी। इसके बाद बीते रोज अवैध रुप से संचालित करने वाले दुकानदारों को 48 घंटे के अंदर दुकान खाली करने का नोटिस चस्पा किया था। नोटिस चस्पा होने के बाद भी दुकानें खाली नहीं की गई।

रेल सुरक्षा बल के मंडल सुरक्षा आयुक्त आलोक कुमार ने नोटिस के मामले में जांच पड़ताल करवाई तो पता चला कि दुकानों के संचालक नोटिस को नहीं मानते हैं। इस मामले को आरपीएफ कमांडेंट ने एसएसपी शिवहरि मीणा से वार्तालाप की। वार्तालाप पश्चात मंगलवार को दुकानें खाली करवाने के निर्देश जारी किए थे। इन निर्देशों के तहत मंगलवार की सुबह मण्डल सुरक्षा आयुक्त/रेसुब/ आलोक कुमार के आदेशानुसार प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार यादव निर्देशन में प्रभारी निरीक्षक रिज़र्व/ मनोज शर्मा, प्रभारी निरीक्षक लोको/ नरेश धनकड़, प्रभारी निरीक्षक वर्कशाप/ जीपी मीना, प्रभारी निरीक्षक स्टोर/ प्रदीप यादव, आरपीएफ अनुरुद्ध जांगिड़, आरपीएफ उपनिरीक्षक रविन्द्र सिंह राजावत, आरपीएफ उपनिरीक्ष घनेन्द्र सिंह के सहयोग व प्रभारी निरीक्षक नवाबाद सुनील कुमार हमराह स्टाफ के साथ निर्माणाधीन एमएफसी बिल्डिंग पहुंचे। यहां उन्होंने दुकानों पर छापेमार कार्रवाई शुरु की। कार्रवाई से वहां हड़कंप मच गया। मौके से एक दर्जन से अधिक लोगों को पकड़ लिया। पकड़े गए लोगों को आरपीएफ थाना लाया गया। उधर, दुकान के अंदर रखे एसी, टेबिल मेज आदि सामग्री को आरपीएफ ने जब्त कर लिया। इसके बाद डीआरएम के आदेश पर उक्त दुकानों को सीज किया। चेतावनी दी कि अगर किसी भी व्यक्ति ने दुकानों से छेड़छाड़ की तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

जब्त किए गए समान

कहां गया नटवर लाल

एमएफसी बिल्डिंग में बनी तीन-चार दुकानों पर नटवरलाल कब्जा किए हुए थे। अवैध रुप से दुकान संचालित कर रहा था। इन दुकानों पर हर तरह की सुविधाएं मिल रही थी। नटवरलाल पानी का टैंकर, लाइट व अन्य सामग्री खुद की लगाए हुए था। दुकानों को लेकर दो पक्षों में विवाद भी चल रहा है। इस विवाद के मामले में नवाबाद थाने में मुकदमा भी पंजीकृत है।

नटवरलाल की कब होगी गिरफ्तार

पुलिस सूत्रों का कहना है कि नटवरलाल के खिलाफ नवाबाद थाने में मुकदमा पंजीकृत है। इस प्रकार उसके खिलाफ करीब 14 मुकदमा पंजीकृत हो चुकी है। नवाबाद पुलिस का कहना है कि आरोपी को पकड़ने के लिए दबिश दी मगर आरोपी नहीं मिला है। पता भी गलत निकल रहा है। ऐसे आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।

किसके आदेश पर दी गई दुकानें

रेलवे सूत्रों का कहना है कि किस अफसर के आदेश पर यह दुकानें दी गई थी। इस मामले में इंजीनियरिंग विभाग के अफसरों की भूमिका संदिग्ध है। इसकी भी जांच शुरु होने जा रही है। इसमें विभाग के अफसरों के खिलाफ रेलवे बोर्ड ने भी कार्रवाई का मन बनाया है।

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