Sonbhadra Crime News: चाय विक्रेता के हत्यारे पिता-पुत्र को उम्रकैद, दुष्कर्म पीड़िता को मिला न्याय, एक क्लिक में पढ़ें दोनों खबरें

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद में साढ़े आठ साल पहले चाय विक्रेता को गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के आरोपी पिता-पुत्र को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2021-08-27 16:36 GMT

सोनभद्र न्यूज़: डिजाईन फोटो- सोशल मीडिया

Sonbhadra Crime News: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद में साढ़े आठ साल पहले चाय विक्रेता को गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के आरोपी पिता-पुत्र को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। वहीं जनपद की दूसरी घटना में चोपन थाना क्षेत्र में वर्ष 2017 में किशोरी के साथ किए गए दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट पंकज श्रीवास्तव की अदालत ने सख्त रवैया अपनाते हुए दोषी को 20 साल के कैद की सजा सुनाई है। इन दोनों घटनाओं के सम्बन्ध में पूरी खबर विस्तार से नीचे दी जा रही है।

शक्तिनगर थाना क्षेत्र के बस स्टैंड पर साढ़े आठ साल पहले चाय विक्रेता की गोली मारकर हत्या की गई थी। अब उस मामले में अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम वीरेंद्र कुमार पांडेय की अदालत ने पिता-पुत्र को उम्रकैद की सजा सुनाई है। मामले में दोनों पर क्रमशः 54 हजार रुपये और 57 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। अर्थदंड अदा न करने पर दो-दो वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। वहीं अर्थदंड जमा होने के बाद उसकी आधी धनराशि मृतक के पत्नी को प्रदान कर दी जाएगी।

अभियोजन कथानक के मुताबिक शक्तिनगर थाना क्षेत्र के शक्तिनगर बस स्टैंड पर स्थित चाय की दुकान पर 21 मार्च 2013 की दोपहर करीब 3:30 बजे शक्तिनगर थानाक्षेत्र के तारापुर निवासी अविनाश पांडेय पुत्र लल्लन पांडेय कारर से पहुंचे और दुकान के सामने कार खड़ा कर दिए। चाय विक्रेता रामाश्रय जायसवाल ने कार को दुकान के सामने खड़ा करने से मना किया तो अविनाश पांडेय झगड़ा करने लगे। इसी बीच अविनाश के पिता लल्लन पांडेय पुत्र जोखू पांडेय कई लोगों के साथ पहुंच गए। उनके ललकारने पर अविनाश पांडेय ने अपने पिता की लाइसेंसी बंदूक से रामाश्रय को गोली मार दी जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

मृतक के पुत्र संजय जायसवाल ने इसको लेकर पुलिस को तहरीर देकर पूरी घटना की जानकारी दी। पिता-पुत्र के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर तफ्तीश की गई। पर्याप्त सबूत मिलने पर चार्जशीट अदालत में दाखिल कर दी गई।

मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुना और गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन किया। इसके बाद दोषसिद्ध पाते हुए पिता-पुत्र क्रमशः अविनाश पांडेय एवं लल्लन पांडेय को उम्रकैद तथा क्रमशः 54 हजार रुपये एवं 57 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न अदा करने पर दो-दो साल के अतिरिक्त कारावास के लिए कहा। निर्णय में कहा गया है कि अर्थदंड की आधी धनराशि मृतक के पत्नी को दी जाएगी।

Sonbhadra Crime News: दुष्कर्म की पीड़िता को मिला न्याय, दोषी को 20 वर्ष की कैद, विवेचना में लापरवाही करने वाले चोपन के पूर्व एसओ के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीजीपी को पत्र

चोपन थाना क्षेत्र में वर्ष 2017 में किशोरी के साथ किए गए दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट पंकज श्रीवास्तव की अदालत ने सख्त रवैया अपनाते हुए दोषी को 20 साल के कैद की सजा सुनाई है। ₹25000 का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड अदा न करने की दशा में दोषी को एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। हरीश मामले की दुर्घटना में लापरवाही बरतने वाले चोपन के पूर्व थानाध्यक्ष एवं मामले के विवेचक रविंद्र भूषण मौर्य के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश को भी निर्णय की प्रति भेजी गई है।

बताते चलें कि चोपन थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी नाबालिग के पिता ने चोपन थाने में गत 25 अप्रैल 2016 को तहरीर देकर आरोप लगाया था कि उसकी 14 वर्षीय बेटी 23 अप्रैल 2016 को बारात देखने गई थी। बारात से रात 11:15 बजे के करीब वापस आ रही थी। अभियोजन कथानक के मुताबिक रास्ते में उसे अकेला देख रामनारायण पुत्र जगदीश पनिका निवासी कोटा, थाना चोपन, ने उसकी बेटी के साथ जबरिया दुष्कर्म किया। उसी समय पीड़िता की मां वहां पहुंच गई। यह देख रामनारायण वहां से भाग निकला। तहरीर के क्रम में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी।

पीड़िता का कलमबंद बयान दर्ज करने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। इसके बाद विवेचना पूरी करते हुए न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गई। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुना। गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन किया। मामले में पर्याप्त सबूत पाते हुए शुक्रवार को दोषी रामनारायण को 20 वर्ष की कैद और ₹25000 अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक वर्ष के अतिरिक्त कारावास का आदेश दिया। जेल में बिताई गई अवधि सजा में समाहित की जाएगी।

वहीं अर्थदंड की धनराशि जमा होने के बाद उसे नियमानुसार पीड़िता को प्रदान किया जाएगा। निर्णय सुनाते समय कोर्ट ने मामले के विवेचक इंस्पेक्टर रविंद्र भूषण मौर्य को पीड़िता की उम्र की सही जानकारी प्राप्त करने के लिए स्कूल से कोई जानकारी न लेने को विवेचना में लापरवाही माना और विवेचक के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए आदेश की प्रति पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ को भेजा।अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी अधिवक्ता दिनेश अग्रहरि और सत्य प्रकाश त्रिपाठी एडवोकेट ने कोर्ट के सामने दलीलें रखीं। उधर, पुलिस प्रवक्ता ने भी दोषी को 20 साल की कैद और अर्थदंड की पुष्टि की

Tags:    

Similar News