Lucknow Building Collapse: गुजरात की टीम करेगी बिल्डिंग ढहने के कारणों की पड़ताल, शासन की कमिटी ने भी की जाँच

Lucknow Building Collapse: नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की यह टीम मंगलवार को ट्रांसपोर्ट नगर स्थित घटनास्थल का निरीक्षण कर सकती है।

Report :  Santosh Tiwari
Update: 2024-09-09 13:15 GMT

Photo- Social Media

Lucknow Building Collapse: ट्रांसपोर्ट नगर में बिल्डिंग गिरने के कारणों की जाँच के लिए गुजरात से टीम बुलाई गई है। नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, गांधीनगर की यह टीम घटनास्थल का निरीक्षण कर बिल्डिंग गिरने के पीछे की वजहों का पता लगाएगी। इसी के आधार पर एलडीए की ओर से अग्रिम आदेश जारी किए जाएंगे। साथ ही शासन की ओर से गठित की गई तीन सदस्यीय कमिटी ने भी सोमवार को दिन में घटनास्थल का जायजा लेकर साक्ष्य एकत्रित किए हैं। कमिटी की ओर से यह रिपोर्ट सीएम को भेजी जाएगी। माना जा रहा है कि कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर कुछ लापरवाह अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है। वहीं, रविवार को पीडब्ल्यूडी की टीम ने भी घटनास्थल का मौका मुआयना किया था।

मंगलवार को साक्ष्य एकत्रित कर सकती है टीम

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की यह टीम मंगलवार को ट्रांसपोर्ट नगर स्थित घटनास्थल का निरीक्षण कर सकती है। बताया जा रहा है कि निरीक्षण के दौरान टीम की ओर से निर्माण क्षेत्र, मानचित्र, बिल्डिंग का स्ट्रक्चर आदि देखा जाएगा और साक्ष्य संकलन भी किया जाएगा। हालाँकि सोमवार देर शाम तक इसे लेकर एलडीए की ओर से आधिकारिक रूप से कुछ भी नहीं कहा गया है।

यह थी ट्रांसपोर्ट नगर में हुई वारदात

शनिवार की शाम बारिश के दौरान ट्रांसपोर्ट नगर इलाके में एक तीन मंजिला इमारत अचानक ढह गई थी। इस इमारत में दवा और मोबिल ऑयल कंपनी का गोदाम था। जिस वक्त हादसा हुआ उस दौरान इमारत में बड़ी संख्या में कर्मचारी मौजूद थे। अचानक इमारत ढहने से सभी लोग अंदर ही फंस गए थे। घटना में अभी तक 8 लोगों की मौत हुई थी जबकि 28 लोग घायल हुए थे।

बिल्डिंग मालिक के समर्थन में गुटबाजी शुरू

शनिवार देर रात बिल्डिंग के मालिक राकेश सिंघल के खिलाफ पुलिस की ओर से गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसे लेकर अब ट्रांसपोर्ट नगर में व्यापारी संगठन राकेश सिंघल के समर्थन में लामबंद होने लगे हैं। व्यापारियों का कहना है कि हादसा तो कभी भी हो सकता है। ऐसे में व्यापारी के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर देना उचित नहीं है। 

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