मुंबई HC ने कहा: एजुकेशन बोर्ड्स 10वीं कक्षा में मैथ्स को ऑपश्नल सब्जेक्ट बनाने पर करें विचार

मुंबई हाईकोर्ट ने विभिन्न शैक्षणिक बोर्ड्स से कहा कि वे 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए मैथ्स को ऑपश्नल सब्जेक्ट बनाने पर विचार करें, जिससे उन्हें बिना गणित के ज्ञान के कला और दूसरे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रेरणा मिलेगी।

Update: 2017-06-19 15:09 GMT

मुंबई: मुंबई हाईकोर्ट ने विभिन्न शैक्षणिक बोर्ड्स से कहा कि वे 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए मैथ्स को ऑपश्नल सब्जेक्ट बनाने पर विचार करें, जिससे उन्हें बिना गणित के ज्ञान के कला और दूसरे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रेरणा मिलेगी।

पास न होने पर छात्र छोड़ देते है पढ़ाई

जज वी एम कनाडे और ए एम बदर ने प्रमुख मनोचिकित्सक हरीश शेट्टी की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह सुझाव दिया। याचिका में स्कूल स्तर पर छात्रों के सीखने की अक्षमता और ऐसे छात्रों की मदद के लिए शैक्षणिक बोर्ड्स की ओर से उठाए गए कदमों का मुद्दा उठाया गया है। अदालत ने पाया कि 10वीं के बाद गणित और भाषा की परीक्षा में पास नहीं हो पाने के कारण बहुत से छात्र पढ़ाई छोड़ देते हैं।

ग्रेजुएशन करने में मिलेगी मदद

सुनावाई कर रहे जज कानाडे ने का कहना है, 'कला और दूसरे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में ग्रेजुएशन स्तर पर गणित जैसे विषयों की आवश्नयकता नहीं होती। छात्रों को अगर गणित की पढ़ाई नहीं करने का ऑप्शन मिले, तो इससे उन्हें ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने में सहायता मिलेगी।'

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