मेरठ के प्राइवेट स्कूलों से बेहतर होंगे सरकारी स्कूल, ऐसी होगी व्यवस्था

प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए माॅडल स्कूल विकसित करने की पहल की जा रही है।  मंडल के प्रत्येक जिले के 10-10 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को माॅडल स्कूल के रूप में विकसित होंगे। उनकी शिक्षा का स्तर ऊंचा कर प्राइवेट स्कूलों से बेहतर बनाया जाएगा।

Update: 2017-07-14 14:57 GMT

मेरठ: प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए माॅडल स्कूल विकसित करने की पहल की जा रही है। मंडल के प्रत्येक जिले के 10-10 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को माॅडल स्कूल के रूप में विकसित होंगे। उनकी शिक्षा का स्तर ऊंचा कर प्राइवेट स्कूलों से बेहतर बनाया जाएगा।

स्कूलों में हिंदी के साथ अंग्रेजी और कंप्यूटर का ज्ञान बच्चों को मिलेगा। स्कूल चलों अभियान को सफल बनाने के लिए जुलाई के अंतिम सप्ताह या अगस्त के प्रथम सप्ताह में प्रधानों का सम्मेलन बुलाया जाएगा।

ये होगी व्यवस्था

-माॅडल स्कूल में प्रभावी कार्यवाही के लिए एक-एक अधिकारी स्कूलों को गोद लेगा।

-प्रत्येक स्कूल का डिजाइन बनाने, व्हाटस एप पर फोटो सहित बच्चों की उपस्थिति माॅनिटर करने, प्रत्येक स्कूल में पीने का पानी, साफ-सफाई शौचालय की पर्याप्त व्यवस्था होगी।

-इसके लिए आयुक्त प्रभात कुमार ने भी स्कूलों का बेस लाइन सर्वे कराने और अध्यापकों का वर्कशाॅप कराने के लिए निर्देश दिए है।

-उन्होने कहा है कि स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 90 प्रतिशत से अधिक होनी चाहिए।

-प्रत्येक स्कूल में खेलकूद गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। जिससे कोई भविष्य में अच्छा खिलाडी मंडल में बन सके।

जल्द शुरू होगा कार्य

-सहायक निदेशक बेसिक शिक्षा अशोक कुमार सिंह के मुताबिक मंडल में सभी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, प्राइवेट और मदरसा स्कूलों को मिलाकर 6 से 10 साल के 15 लाख 62672 हजार बच्चें हैं।

-11 से 14 वर्ष के 9 लाख 08,430 हजार बच्चे हैं। इस प्रकार कुल 24 लाख 71,102 हजार बच्चें है। उन्होंने कहा कि 10-10 स्कूलों को माॅडल स्कूल बनाने के लिए जल्द कार्य शुरू किया जाएगा।

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