JNU में केवल 4 कैंडिडेट्स ने पास की हिन्दी एमफिल प्रवेश परीक्षा
जवाहरलाल नेहरु (JNU) में नए शैक्षिक सत्र के लिए प्रवेश परीक्षाओं के नतीजे आ गए है और हिन्दी विभाग में 749 छात्रों में से सिर्फ 4 का इंटरव्यू के लिए चयन किया गया है।
नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरु (JNU) में नए शैक्षिक सत्र के लिए प्रवेश परीक्षाओं के नतीजे आ गए है और हिन्दी विभाग में 749 छात्रों में से सिर्फ 4 का इंटरव्यू के लिए चयन किया गया है।
विभाग में एमफिल/पीएचडी कार्यक्रम में 12 सीटें हैं। अन्य केंद्रों का भी यही हाल है और कम छात्रों को ही इंटरव्यू के लिए बुलाया गया है। छात्रों और शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि वंचित तबके से आने वालों को अतिरिक्त अंक नहीं दिए गए। सेंटर फॉर इंडियन लेंगवेज्स के प्रमुख गोबिंद प्रसाद ने कहा कि आरक्षण की नीति को खत्म कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि हिन्दी विभाग में 12 खाली सीटें हैं, परीक्षा देने वाले 749 में से सिर्फ चार का ही चयन इंटरव्यू के लिए किया गया है। इस बात का भी कोई भरोसा नहीं है कि लिखित परीक्षा पास करने के बाद भी वे इंटरव्यू के चरण में सफल हो जाएंगे।
अंतिम चयन के लिए इंटरव्यू की शत-प्रतिशत अहमियत है। यूजीसी के 2016 की अधिसूचना में साक्षात्कार देने के लिए लिखित परीक्षा में 50 प्रतिशत अंक हासिल करने को जरूरी कर दिया गया था जिसके आधार पर अंतिम चयन किया जाएगा।
इससे पहले जेएनयू लिखित परीक्षा को 70 प्रतिशत और इंटरव्यू को 30 प्रतिशत महत्ता देता था और पिछड़ा वर्ग या दूरदराज के इलाकों से आने वाले छात्रों को 'वंचित अंक दिए जाते थे। जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार और दाखिला निदेशक मिलाप पुनिया ने पूछे गए सवालों के जवाब नहीं दिए।