UPSC RESULT 2016: प्रेगनेंट होने के बावजूद प्रज्ञा ने की कड़ी तैयारी, हासिल की 194वीं रैंक

बेटी के जन्म के डेढ़ महीने बाद ही डॉक्टर प्रज्ञा जैन ने देश की सर्वोच्च सिविल सर्विसेस परीक्षा में सफलता पाई है। बागपत के बड़ौत की रहने वाली है डॉ प्रज्ञा जैन पूरे देश में 194वीं रैंक प्राप्त की।

Update: 2017-06-01 09:29 GMT

बागपत : बेटी के जन्म के डेढ़ महीने बाद ही डॉक्टर प्रज्ञा जैन ने देश की सर्वोच्च सिविल सर्विसेस परीक्षा में सफलता पाई है। बागपत के बड़ौत की रहने वाली है डॉ प्रज्ञा जैन पूरे देश में 194वीं रैंक हासिल की है।

डॉक्टर प्रज्ञा जैन ने बताया कि आईएएस बनना उनका और उनके पति का सपना है। वो आईएएस ऑफिसर बनकर देश और समाज की सेवा करना चाहती हैं। यदि उनका सेलेक्शन आईएएस में होता है तो अच्छा है, नहीं तो वो आईपीएस के लिए भी पूरी तरह से तैयार हैं।

बचपन से रही टॉपर

डॉ प्रज्ञा जैन की बचपन से पढ़ाई में काफी रुचि रही है। प्रज्ञा जैन ने बागपत के बड़ौत के जेपी पब्लिक स्कूल से हाईस्कूल की परीक्षा पास की और इंटरमीडिएट की परीक्षा डीएवी कॉलेज दिल्ली से पास की। उन्होंने नेहरु होमेयिपेथी मेडिकल कॉलेज, डिफेन्स कॉलोनी, नई दिल्ली से की। आपको बता दे, डॉ प्रज्ञा जैन जिला टॉपर है। इतना ही नहीं उन्होंने ग्रेजुएशन में भी गोल्ड मेडलिस्ट रह चुकी हैं। प्रज्ञा जैन का जन्म 02 जुलाई 1985 को बागपत जिले के बड़ौत में हुआ था। प्रज्ञा जैन ने होमियोपैथी में डॉक्टर की डिग्री ली।

फैमिली बैकग्राउंड

प्रज्ञा जैन के पिता डॉ पदम जैन और भाई डॉ वैभव जैन चिकित्सक है। जिनका बड़ौत में पदम क्लिनिक के नाम से हॉस्पिटल है। पिता पदम जैन और भाई वैभव जैन दोनों एक ही जगह प्रक्टिस करते है। डॉ वैभव जैन डेंटिस्ट है। डॉ प्रज्ञा जैन के पति विनीत जैन बैंक ऑफ बड़ोदा में चीफ मैनेजर है, जो गुजरात के गांधी नगर में वर्त्तमान में कार्यरत है। प्रज्ञा जैन के ससुर सुदर्शन जैन भी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शाहदरा, नई दिल्ली में कार्यरत है।

बेटी है सौभाग्यशाली

डॉ प्रज्ञा जैन से हुई विशेष बातचीत में उन्होंने बताया कि उनकी बेटी का डेढ़ महीने पहले ही जन्म हुआ है। उनके सिविल सर्विसिस में चयन होना भी उनकी बेटी के सौभाग्य का सूचक है। डॉ प्रज्ञा और उनके परिजन काफी खुश है। परिजनों का कहना है कि प्रज्ञा की बेटी पिहू जैन उनके लिए ढेरों खुशियां लेकर आई है। इसके लिए वो पिहू को सौभाग्यशाली मानते हैं।

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परिवार का रहा सपोर्ट

डॉ प्रज्ञा जैन प्रेगनेंट थी और उन्हें डॉक्टर ने आराम करने की सलाह भी दी थी। लेकिन प्रज्ञा ने हार नहीं मानी और अपनी परीक्षा की पूर्ण तैयारी की। रात दिन एक करके उन्होंने अपनी परीक्षा की तैयारी की। जिसमें उनके परिवार के लोगों ने और उनके पति ने उनका काफी सपोर्ट भी किया। प्रज्ञा ने बताया कि उनके लिए परीक्षा पास करना एक चुनोतीपूर्ण था, क्योकि वो प्रेग्नेंट भी थी और उन्हें अपने क्लिनिक पर भी काम देखना होता था। लेकिन उनके परिवार के लोगों ने उन्हें काफी सपोर्ट किया। जिस वजह से उन्होंने इस चुनोती को बड़ी आसानी से पास कर लिया।

सन 2014 में 2 मार्क्स से रह गई थी

डॉ प्रज्ञा जैन का यूपीएससी की परीक्षा में ये दूसरा मौका था। उन्होंने 2014 में भी यूपीएससी सिविल सर्विसिस की परीक्षा दी थी, लेकिन उन्हें उस समय निराशा हाथ लगी, क्योकि प्रज्ञा जैन सिर्फ 2 नंबर से रह गई थी। लेकिन इस बार की कड़ी मेहनत और उनकी बेटी का जन्म लेना उनके लिए सोभाग्यशाली रहा।

इंटरव्यू के 14 दिन बाद हुआ बेटी का जन्म

डॉ प्रज्ञा जैन की उम्र 32 साल है उनकी शादी सन 2012 में बागपत के बड़ौत के रहने वाले विनीत जैन पुत्र सुदर्शन जैन से हुई थी। प्रज्ञा ने यूपीएससी सिविल सर्विसिस की परीक्षा 29 साल की आयु में पहली बार दी थी। उनके इस बार यूपीएससी के इंटरव्यू के 14 दिन बाद ही उनके घर एक नन्ही सी बेटी ने जन्म लिया। प्रज्ञा का इस बार चयन होना वो अपनी बेटी पिहू के सौभाग्यशाली होने का सूचक मानती है।

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पांच लोगों के पेनल ने लिया इंटरव्यू

प्रज्ञा जैन ने बताया कि यूपीएससी के चेयरमैन सहित 5 लोगों का पैनल था, जिन्होंने वहा सभी के इंटरव्यू लिए। डॉ प्रज्ञा जैन का लगभग 35 मिनट तक इंटरव्यू चला जिसे उन्होंने पास कर दिखाया और अपने जिला का नाम रोशन किया।

इन सवालों के जवाब देकर पास किया इंटरव्यू

-इंटरव्यू में पूछे गए सवाल, जिनके जवाब देकर प्रज्ञा ने इंटरव्यू पास किया।

-प्रज्ञा जैन ने बताया कि वहां पर उनसे सबसे पहले सवाल यूपीएससी के चेयरमैन एयर वाईस मार्शल अजित भोसले ने किया, जो सवाल उनसे पूछे गए वो कुछ सवाल और जवाब जो उन्होंने हमारे साथ साझा किए।

-पहला सवाल उन्होंने पूछा कि होम्योपैथी की खोज कैसे हुई और किस तरह काम करती है।

-प्रज्ञा ने होमियोपैथी के मुलभुत सिद्धांतो के बारे में बताया और सीसीआरएच की वेबसाइट पर दी गयी रिसर्च के बारे में बताया।

-उसके बाद दूसरा उनसे भ्रष्ट नेता का नाम का सवाल पूछा गया जिसका जवाब उन्होंने सद्दाम हुसैन बताया।

-तीसरा सवाल अब तक महिलाओं को आरक्षण क्यों नहीं मिल सका उन्होंने जवाब दिया कि कुछ राजनितिक दल है जो नहीं चाहते की आरक्षण मिले इसीलिए वो लोग अलग अलग मुद्दे बनाकर इस बिल को लटका देते है।

-लिंग असमानता में हम बांग्लादेश से भी नीचे है, लेकिन कुछ साल के लिए आर्थिक मानदंड भी होना चाहिए, ताकि गरीब लड़किया भी आगे आ सके।

-चौथा सवाल था कि एक नेता में क्या गुण होने चाहिए। उन्होंने बताया कि इमानदारी, सच्चाई और लोगों के दुःखदर्द समझने की काबिलियत होने चाहिए।

-जैनिज्म और बुद्दिज्म ने औरतों को बढ़ावा देने के लिए क्या किया और पुराने जमाने में औरतों की स्थिति इतनी खराब क्यों थी।

-इसके अलावा भी उनसे बायोलॉजी से जुड़े वायरस बेक्टेरिया आदि से संबंधित सवाल पूछे गए।

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