उत्तराखंड में आसान होगा फिल्म बनाना, हो सकता है शूटिंग शुल्क समाप्त

उत्तराखंड की लोकेशन को ध्यान में रखकर फिल्म तैयार करने वाले निर्माताओं के लिए अच्छी खबर है। उत्तराखंड सरकार राज्य की फिल्म नीति में संशोधन करने जा रही है।

Update: 2017-12-27 10:21 GMT
उत्तराखंड में आसान होगा फिल्म बनाना, हो सकता है शूटिंग शुल्क समाप्त

देहरादून: उत्तराखंड की लोकेशन को ध्यान में रखकर फिल्म तैयार करने वाले निर्माताओं के लिए अच्छी खबर है। उत्तराखंड सरकार राज्य की फिल्म नीति में संशोधन करने जा रही है। यह फिल्म नीति हरीश रावत सरकार के समय तैयार की गई थी।

इस नीति का बहुत सकारात्मक परिणाम न आने के कारण अब इसमें संशोधन के बारे में सोचा जा रहा है कहा जा रहा है कि यह बात सही है कि उत्तराखंड में फिल्म शूट करने के लिए एक से एक बेहतरीन लोकेशन मौजूद हैं। बावजूद इसके फिल्म निर्माताओं का रुझान इस ओर न होने से सरकार चिंतित है। इसका एक कारण उत्तराखंड में एक दिन की शूटिंग का किराया दस हजार रुपए रखा जाना भी बताया जा रहा है दूसरे फिल्मों को टैक्स फ्री करने में दिक्कत। इन्हीं सब कारणों से सरकार नई नीति डिजाइन करने जा रही है। इसमें फिल्म शूटिंग के लिए निर्धारित धनराशि को दस हजार रुपये प्रतिदिन को कम किया जाएगा तथा वन विभाग द्वारा शूटिंग शुल्क को समाप्त करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा।

उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद फिल्म नीति-2015 में संशोधन करेगी। इसके लिए फिल्म जगत के लोगों से सुझाव मांगे जाएंगे ताकि प्रदेश में फिल्म उद्योग को अधिक अवसर मुहैया कराए जा सकें। परिषद जनवरी में क्षेत्रीय फिल्मों के निर्माता निर्देशक व कलाकारों के सम्मान के लिए सम्मान समारोह आयोजित करेगी। उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद की 7वीं बैठक में परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं महानिदेशक सूचना डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि परिषद के माध्यम से प्रदेश में फिल्म निर्माण एवं शूटिंग के लिए बेहतर वातारण तैयार किया जा रहा है।

फिल्म नीति में जो आवश्यक संशोधन किये जा रहे हैं उनमें मुख्य रूप से फिल्म शूटिंग हेतु निर्धारित धनराशि 10,000 रुपये प्रति दिन को कम किया जाना। आंचलिक फिल्मों को प्रोत्साहित करने हेतु मनोरंजन कर के समाप्त होने के कारण जीएसटी के अनुरूप शासन को संशोधित प्रस्ताव प्रेषित किया जाना। वन विभाग द्वारा लिये जाने वाले शूटिंग शुल्क को समाप्त करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाना। परिषद द्वारा निर्गत अनुमति पत्र ही अनुमन्य होना व अन्य बिन्दुओं पर भी संशोधन किया जाना प्रस्तावित है।

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