शेयर बाजार का बेताज बादशाह: ऐसे बना विलेन, काले धंधों पर आई वेब सीरीज
ये फिल्म हर्षद मेहता की लाइफ स्टोरी पर बनी फिल्म हैं। हर्षद मेहता अपने ज़माने के एक मशहूर स्टॉक ब्रॉकर थे। जैसे ये बेहद कम समय में मशहूर हुए वैसे ही बदनामी ने भी इन्हें घेर लिया।
9 अक्टूबर को एक वेब सीरीज रिलीज़ होने को तैयार हैं जिसका नाम 'स्कैम 1992- द हर्षद मेहता स्टोरी' है। ये फिल्म हर्षद मेहता की लाइफ स्टोरी पर बनी फिल्म हैं। हर्षद मेहता अपने ज़माने के एक मशहूर स्टॉक ब्रॉकर थे। जैसे ये बेहद कम समय में मशहूर हुए वैसे ही बदनामी ने भी इन्हें घेर लिया। हर्षद मेहता की सच्चाई सामने आते ही शेयर बाजार में हलचल मच गयी थी। निवेशकों में हाहाकार मच गया था। कवर 40 रूपए लिए मुंबई आए हर्षद मेहता शेयर बाजार की दुनिया का एक जाना माना नाम बन गए थे जिन्होंने करीब 5000 करोड़ रुपये के घोटाले को अंजाम दिया था।
एक स्कैम
हर्षद मेहता पर एक वेबसीरीज 9 अक्टूबर को रिलीज होने वाली हैं। 'स्कैम 1992- द हर्षद मेहता स्टोरी' के डायरेक्टर हंसल मेहता हैं। इस वेबसीरीज में 80 और 90 के दशक का बंबई दिखाया जाएगा। इस वेबसीरीज में हर्षद मेहता स्कैम की कहानी पर फोकस किया गया हैं कि कैसे एक आम आदमी रातों रात करोड़ों की संपत्ति का मालिक बन गया। फिर अपराध की दुनिया में भी उलझता चला गया। आपको बता दें, कि ये वेबसीरीज देबाशीष बासु और सुचेता दलाल की किताब 'द स्कैम' पर आधारित है।
हर्षद मेहता की रियल स्टोरी
हर्षद मेहता एक इंश्योरेंस कंपनी में काम करने वाला 80 के दशक में शेयर बाजार का सबसे बड़ा नाम बन गया। और फिर कैसे हर्षद मेहता की पोल खुली और उसके बाद शेयर बाजार का क्या हाल हुआ? दरअसल हर कोई आज भी बैंक, पोस्ट ऑफिस के मुकाबले बेहतर रिटर्न के लिए शेयर बाजार में निवेश करते हैं,80-90 के दशक में भी यही हाल था।
वेबसीरीज में डॉयलाग
जिस तरह 80 और 90 के दशक में अभिनेता अमिताभ बच्चन फिल्मी दिनिया पर राज कर रहे थे ठीक उस्सी तरह हर्षद मेहता स्टॉक मार्केट का बेताज बादशाह था। इसलिए लोग हर्षद मेहता को शेयर बाजार का अमिताभ बच्चन कहते थे। वेबसीरीज में भी 'रिस्क है तो इश्क है' और 'BSE के बच्चन' जैसे डायलॉग इस्तेमाल किए गए हैं। आपको बता दें, कि इस फिल्म में फेमस हर्षद मेहता का किरदार प्रतीक गांधी निभा रहे हैं।
हर्षद की फर्श से अर्श की कहानी
हर्षद मेहता का जन्म 29 जुलाई 1954 को गुजरात के राजकोट में हुआ थाशेयर बाजार का बेताज बादशाह: ऐसे बना विलेन, काले धंधों पर आई वेब सीरीज बचपन मुंबई के कांदिवली में बीताशेयर बाजार का बेताज बादशाह ऐसे बना विलेन, काले धंधों पर आई वेब सीरीज 1976 में बी कॉम करने के बाद हर्षद ने पहली नौकरी न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड में बतौर सेल्समैन की। इस नौकरी के दौरान हर्षद ने शेयर मार्केट के बारे में खंगालना शुरू किया। दिलचस्पी बढ़ी तो नौकरी छोड़कर 1981 में एक ब्रोकरेज फर्म ज्वाइन कर ली।1984 से शुरुआत कर 1992 तक पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1992 में हर्ष मेहता के पाप का घड़ा भर गया। 1990 में हर्षद मेहता इंडियन स्टॉक मार्केट का बड़ा नाम बन चुका था। कहा जाता है कि 1990 के दशक में हर्षद मेहता ने शेयर बाजार को मैनुपुलेट कर ACC के शेयर का भाव आसमान पर चढ़ा दिया था। हर्षद मेहता ने एसीसी के शेयर को 200 रुपये से 9000 रुपये के स्तर तक पहुंचा दिया था।
ऐसे बनाए पैसे
हर्षद शेयर बाजार में ज्यादा पैसा लगाकर मोटा मुनाफा कमाना चाहते थे। जाली बैंकिंग रसीद जारी करवाई। इसके लिए उन्होंने दो छोटे बैंकों को झांसे में लेकर अपने नापाक इरादे को अंजाम दिया। जब तक शेयर बाजार गुलजार था, तब तक हर्षद मेहता पैसा बनाते रहे। लेकिन जैसे ही शेयर बाजार में गिरावट शुरू हुई तो फिर हर्षद मेहता के दांव उलटे पड़ गए। बैंकों से लिए पैसे 15 दिन के भीतर नहीं लौटा पाए, और फिर इस काले खेल का पर्दाफाश हो गया।
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ऐसे फूटा भांडा
शेयर बाजार से कमाई के दौरान हर्षद मेहता के सी फेसिंग बंग्लो और लग्जरी कारें अखबारों की सुर्खियां बनने लगी थीं। हर्षद मेहता को गिरफ्तार कर लिया गया। हर्षद के खिलाफ दर्जनों सिविल और क्रिमिनल केस फाइल हुए। एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दोषी करार हुए हर्षद मेहता 5 साल की सजा और 25000 रुपये का जुर्माना लगाया था।
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