Mahesh Bhatt: विवादों से आगे, लीक से हटकर दीं सुपर हिट फिल्में

महेश भट्ट गुजराती हिन्दू पिता नानाभाई भट्ट और मुस्लिम मां शिरिन मोहम्मद अली की संतान हैं। उनकी आरंभिक पढ़ाई डान बास्को स्कूल माटुंगा में हुई। बताया जाता है कि अपनी स्कूली शिक्षा के दिनों में ही उन्होंने गर्मी की छुट्टियों में ही उत्पादों के विज्ञापन के जरिये कमाई शुरू कर दी थी।

Written By :  Ramkrishna Vajpei
Published By :  Ashiki
Update:2021-09-20 11:46 IST

Mahesh Bhatt: फिल्म निर्माता, लेखक महेश भट्ट बॉलीवुड का एक ऐसा नाम है जो 73 साल की उम्र में भी अपने विवादित बयानों के लिए चर्चा में रहते हैं। इनका सबसे सनसनीखेज बयान था अपनी बेटी से शादी की इच्छा का इजहार करना। परवीन बॉबी को सेक्स एडिक्ट बताने वाला बयान। इसके अलावा भी उनके तमाम बयान ऐसे हैं, जो उन्हें विवादों में लाते रहे हैं। वर्तमान में वह ट्वीटर से लगभग दो साल से किनारा कसे हुए हैं। पिछले दिनों वह सरबत दा भला चेरिटेबल ट्रस्ट के संचालक मशहूर व्यवसायी डॉ. एसपी ओबराय जिनका पूरा नाम सुरेंदरपाल सिंह ओबराय है के जीवन पर फिल्म लाने की बात कहकर चर्चा में आए थे।

डॉ. ओबराय के नाम से अपरिचित लोगों को हम बता दें कि ये वही ओबराय हैं जो विदेशी जेलों में फंसे हिन्दुस्तानियों की घर वापसी करवाने के बाद अफगानिस्तान के रिफ्यूजियों के लिए फरिश्ता बने थे। अगर सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही ओटीटी प्लेटफार्म और बड़े पर्दे पर ओबराय पर फिल्मायी गई फिल्म देखने को मिलेगी। जिस पर तेजी से काम शुरू हो चुका है।

कौन हैं महेश भट्ट

महेश भट्ट गुजराती हिन्दू पिता नानाभाई भट्ट और मुस्लिम मां शिरिन मोहम्मद अली की संतान हैं। उनकी आरंभिक पढ़ाई डान बास्को स्कूल माटुंगा में हुई। बताया जाता है कि अपनी स्कूली शिक्षा के दिनों में ही उन्होंने गर्मी की छुट्टियों में ही उत्पादों के विज्ञापन के जरिये कमाई शुरू कर दी थी।


महेश भट्ट के संघर्ष का दौर

इसके बाद एक समय महेश भट्ट के संघर्ष का दौर रहा जब इन्होंने स्मिता पाटिल और विनोद खन्ना के सेक्रेटरी के तौर पर काम किया।

पहला प्यार और तलाक

जानने वालों का कहना है कि महेश भट्ट की स्टूडेंट लाइफ में ही उन्हें लोरिएन ब्राइट नाम की लड़की से प्यार हो गया। जिसने बाद में अपना नाम बदलकर किरन भट्ट कर लिया। यही किरन भट्ट पूजा भट्ट की मां हैं। लेकिन एक समय ऐसा आया जब यह रिश्ता टूटना शुरू हुआ । ये समय था महेश भट्ट की जिंदगी में परवीन बॉबी की एंट्री का। लेकिन परवीन बॉबी के साथ महेश भट्ट के रिश्ते टिकाऊ नहीं रहे । जल्द ही वह उकता गए । इसके बाद उनकी जिंदगी में सोनी राजदान की एंट्री हुई। इस समय तक उनका किरन से तलाक नहीं हुआ था । इसलिए इस शादी के लिए वह मुस्लिम बन गए। इस शादी से उन्हें दो बेटियां हुईं शाहीन भट्ट और आलिया भट्ट। आलिया भट्ट नामी एक्ट्रेस हैं।

फिल्मों में कौन लाया महेश भट्ट को

इस बुजुर्ग डायरेक्टर को फिल्मी दुनिया में प्रवेश देने का श्रेय राजखोसला को जाता है। जिनके साथ इन्होंने असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में काम किया। कहा जाता है कि फिल्म कब्जा से उन्होंने निर्देशक के रूप में काम करना शुरू किया। लेकिन बहुत दिन तक महेश भट्ट जैसे क्रिएटिव आदमी का यह साथ नहीं चला चूंकि उनकी सोच लीक से हटकर फिल्में बनाने की थी।


महेश भट्ट के सुनहरे दौर की शुरुआत

26 साल की उम्र में 1974 में 'मंजिलें और भी हैं' फिल्म से महेश भट्ट ने निर्देशन की शुरूआत की। 1979 में उनकी 'लहू के दो रंग' फिल्म आई जिसमें शबाना आजमी और विनोद खन्ना ने अभिनय किया। इस फिल्म को दो फिल्म फेयर अवार्ड मिले। लेकिन 1982 में आई फिल्म 'अर्थ' से इन्हें सबसे ज्यादा आलोचना और प्रसिद्धि मिली। 1984 मे फिल्म 'सारांश' ने इन्हें स्थापित कर दिया। इसके बाद 1985 में फिल्म 'जन्म' आई। इसके बाद इनकी बड़ी फिल्म थी 1990 में आशिकी। जो कि व्यावसायिक स्तर पर सफल फिल्म रही।

इसके बाद 1991 में महेश भट्ट ने बेटी पूजा भट्ट को 'दिल है कि मानता नहीं' फिल्म से लांच किया, इसे अभूतपूर्व सफलता मिली। एक निर्देशक के रूप में महेश भट्ट की 1999 में आई फिल्म 'कारतूस' थी। इससे पहले 1993 में फिल्म 'सर', 1996 में 'दस्तक,' 1998 में 'डुप्लीकेट' और 'जख्म' ।

महेश दार्शनिक यूजी कृष्णमूर्ति को अपनी लाइफलाइन मानते हैं।.उन्होंने उनकी बायोग्राफी भी लिखी है। कई किताबों का उन्होंने संपादन भी किया है। कृष्णमूर्ति पर उनकी आखिरी किताब 2009 में प्रकाशित हुई थी।

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