जब गाते वक़्त गले से निकल आया था खून, आज इनकी आवाज के सब हैं दीवाने
हिंदी सिनेमा जगत के सदाबहार गायक मोहम्मद रफी का आज के ही दिन जन्म हुआ था। मोहम्मद रफी के गाने आज भी लोगों को काफी पसंद आते हैं।
मुंबई: हिंदी सिनेमा जगत के सदाबहार गायक मोहम्मद रफी का आज के ही दिन जन्म हुआ था। मोहम्मद रफी के गाने आज भी लोगों को काफी पसंद आते हैं। उनके गानों के बारे में तो आप जानते ही होंगे लेकिन लेकिन उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ किस्से ऐसे हैं जिनसे शायद आप अनजान होंगे। तो हम आपको बताते है उनके बारे में।
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पहला ब्रेक पंजाबी फिल्म 'गुलबलोच' में मिला था
मोहम्मद रफी साहब को पहला ब्रेक पंजाबी फिल्म 'गुलबलोच' में मिला था। नौशाद और हुस्नलाल भगतराम ने रफी की प्रतिभा को पहचाना और खय्याम ने फिल्म 'बीवी' में उन्हें मौका दिया।
एक वेबसाइट के मुताबिक, खय्याम ने याद करते हुए बताया था, '1949 में मेरी उनके साथ पहली गजल रिकॉर्ड हुई जिसे वली साहब ने लिखा था- 'अकेले में वह घबराते तो होंगे, मिटाके वह मुझको पछताते तो होंगे।' मोहम्मद रफी की आवाज के क्या कहने! जिस तरह मैंने चाहा उन्होंने उसे गाया।' 'बैजू-बावरा' में गाने के बाद रफी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
उनके बारे में कहा जाता है जब एक स्टेज शो के दौरान बिजली जाने की वजह से उस जमाने के जाने-माने गायक केएल सहगल ने गाना गाने से मना कर दिया, तो वहां मौजूद 13 साल के रफी ने स्टेज संभाला और गाना शुरू कर दिया और उस समय से मोहम्मद रफी ने गाने के दौर में कदम रखा था।
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आपको बता दें कि 'बैजू बावरा' फिल्म का गाना 'ऐ दुनिया के रखवाले' के लिए मोहम्मद रफी ने 15 दिन तक रियाज किया था और रिकॉर्डिंग के बाद उनकी आवाज इस हद तक टूट गई थी कि कुछ लोगों ने कहना शुरू कर दिया था कि रफी शायद कभी अपनी आवाज वापस नहीं पा सकेंगे। इतना ही नहीं 'ओ दुनिया के रखवाले' गाने को गाते समय रफी के गले से खून तक आ गया था।