Newstrackspecial: 66 प्लस होने पर भी, दीवानगी कायम है रेखा की
रेखा का असली नाम भानुरेखा गणेशन है। उनका जन्म दक्षिण भारत के मद्रास षहर में एक ब्राम्हण परिवार में हुआ था। उनके पिता जेमिनी गणेशन भी एक फिल्म अभिनेता थें।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ: लाखों दिलों की धड़कन फिल्म अभिनेत्री रेखा का आज जन्म दिन है। इस मौके पर उनको बधाइयां देने वालों का तांता लगा हुआ है। हर कोई अपनी तरह से सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से उन्हे बधाई दे रहा है। 66 साल की होने बाद भी रेखा के प्रति लोगों की दीवानगी आज भी कायम है। आईए आज हम रूबरू करा रहे है फिल्म अभिनेत्री रेखा के बारे में कुछ दिलचस्प जानकारियों से :-
ये भी पढ़ें:दुनिया मुट्ठी मेंः अब जीत जाएँगे कोरोना से जंग, रिलायंस की धमाकेदार एंट्री
रेखा का असली नाम भानुरेखा गणेशन है
रेखा का असली नाम भानुरेखा गणेशन है। उनका जन्म दक्षिण भारत के मद्रास षहर में एक ब्राम्हण परिवार में हुआ था। उनके पिता जेमिनी गणेशन भी एक फिल्म अभिनेता थें। जब बढ़ती उम्र में रेखा की मां पुष्पावल्ली को फिल्मों में काम मिलना बंद हुआ तो घर के आर्थिक हालात बिगड़ने लगे, इस पर 13 साल की रेखा को फिल्मों में काम करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
फिल्मी जीवन की शुरुआत बतौर एक बाल कलाकार तेलुगु फिल्म रंगुला रत्नम से की थी
रेखा ने अपने फिल्मी जीवन की शुरुआत बतौर एक बाल कलाकार तेलुगु फिल्म रंगुला रत्नम से की थी। पर उनकी हिन्दी फिल्मों में शुरूआत 1970 में फिल्म सावन भादों से हुई।
दक्षिण भारतीय होने के कारण शुरू में रेखा का रंग सांवला था जिसके कारण कोई निर्माता निर्देशक उन्हे अपनी फिल्म में लेना नहीं चाहता था। सत्तर का दशक उनके कैरियर का टाप का युग था। जिसमें उनकी लगभग 25 फिल्में आई उनके दो चार को छोड़कर सभी फिल्में सफल हुई। रेखा की फिल्मों की खासियत यह रही कि जहां उन्होंने एक तरफ प्रेमप्रसंग पर आधारित फिल्में साइन की वहीं पारिवारिक फिल्में भी खूब की जिसके कारण समाज का हर वर्ग उनका दीवाना होता गया।
रेखा की निजी जिंदगी हमेशा कन्ट्रोवर्सियल रही है
रेखा की निजी जिंदगी हमेशा कन्ट्रोवर्सियल रही है। खास तौर पर उनके प्रेमप्रसंग के कई किस्से फिल्मी दुनिया में मशहूर रहे। चाहे वह अभिनेता विनोद मेहरा से शादी का मामला हो अथवा अभिनेता संजय दत्त और अमिताभ बच्चन से प्रेम प्रसंग का मामला हो।
रेखा ने उद्योगपति मुकेश अग्रवाल से विवाह भी किया
रेखा ने उद्योगपति मुकेश अग्रवाल से विवाह भी किया पर कुछ महीनों बाद ही उनके पति ने आत्महत्या कर ली। जिसके बाद रेखा अकेली हो गयी। उनकी सफल फिल्मों में सुहाग, मुकद्दर का सिकन्दर, सुहाग, सिलसिला झूठी, खून पसीना, फासले, निशान, मिस्टर नटवरलाल, दिलदार, माटी माँगे खून, अगर तुम ना होते, फूल बने अंगारे, रास्ते प्यार के, मेहंदी रंग लायेगी, अपना बना लो, एक ही भूल, विजेता, दासी, कलयुग, उमराव जान, खून भरी मांग, खूबसूरत, काली घटा, नीयत, राम बलराम, जुदाई, प्रेम बंधन आदि रही है।
ये भी पढ़ें:हाथरस पीड़िता का सरकारी मुआवजा कम तो पुजारी की मौत पर चुप क्यों हैं राहुल?
रेखा को फिल्म उमराव जान में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है
रेखा को फिल्म उमराव जान में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है। इसके साथ ही साल 2010 में केन्द्र सरकार ने उन्हे पद्मश्री से नवाजा। इसके अलावा 2012 में वह राज्यसभा सांसद भी मनोनीत की गयी। अभिनेत्री रेखा फिल्मों में अब चरित्र अभिनेत्री के तौर पर दिखाई देती है। उनकी फिल्में कुड़ियों का है जमाना, सदियां और सुपर नानी फ्लॉप रहीं लेकिन रेखा को लेकर लोगों की दिलचस्पी कम नहीं होती।
दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।