राज कपूर और बेटे राजीव के रिश्तें में आ गई थी दरार, एक एक्ट्रेस थी वजह
राज कपूर की दोनों बेटियों ने फिल्मों में काम नहीं किया लेकिन उनके तीनों बेटे एक्टिंग की दुनिया में आए। इनमें सबसे ज्यादा सफलता ऋषि कपूर को मिली
'शो मैन ' राज कपूर की लाइफ खुद किसी फ़िल्मी कहानी से कम नहीं थी। राज कपूर ने अपना नाम दुनिया भर में कमाया। उनकी फ़िल्में ना केवल भारत बल्कि दूसरें कई देशों में देखा जाता रहा था। उनकी दीवानगी इस कदर थी की लडकियां उन्हें एक नज़र देखने को तरस्तीं थी।
राज कपूर के पांच बच्चे हुए, तीन लड़के और दो लड़कियां। राज कपूर की दोनों बेटियों ने फिल्मों में काम नहीं किया लेकिन उनके तीनों बेटे एक्टिंग की दुनिया में आए। इनमें सबसे ज्यादा सफलता ऋषि कपूर को मिली। रणधीर कपूर ने कई फिल्मों में काम किया। इसके साथ ही कहा जाता है कि सबसे छोटे बेटे राजीव कपूर के साथ राज कपूर के रिश्ते कुछ खास नहीं रहे।
छोटे बेटे का जन्म
बता दें, राजीव कपूर का जन्म 25 अगस्त 1962 को मुंबई में हुआ था। राजीव ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत फिल्म 'एक जान हैं हम' से की थी। राम तेरी गंगा मैली फिल्म में राजीव कपूर ने रोल निभाया था। उनको सबसे ज्यादा पहचान इसी फिल्म से मिली। लेकिन कहते हैं कि यही फिल्म कपूर खानदान में कलह का कारण भी बनी।
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राजीव कपूर हुए फ्लॉप
मधु जैन की किताब 'द कपूर्स' के मुताबिक, राज कपूर ने अपने सबसे छोटे बेटे राजीव कपूर को 'राम तेरी गंगा मैली' फिल्म से लान्च किया था। फिल्म तो हिट रही लेकिन राजीव कपूर की वजह से नहीं बल्कि झरने के नीचे नहाती हुई मंदाकिनी की वजह से। इस फिल्म को जितनी चर्चित मिली उतनी हीरो के अपने पिता से दुरिया बढ़ती गयी । दोनों के बीच अनबन की नौबत तक बन गई। 'राम तेरी गंगा मैली' से इसकी अभिनेत्री मंदाकिनी के इर्द-गिर्द सिमट कर रह गई। फिल्म हिट होने के बाद भी राजीव कपूर को इसका कोई खास फायदा नहीं मिला।
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डेब्यू फिल्म से हुई फेमस
एक फिल्म के बाद से ही मंदाकिनी रातों-रात स्टार बन गईं लेकिन राजीव कपूर वहीं के वहीं रह गए। राजीव कपूर का मानना था इसके लिए राज कपूर जिम्मेदार हैं। दरअसल राजीव कपूर चाहते थे कि राज कपूर 'राम तेरी गंगा मैली' के बाद उनके लिए एक और फिल्म बनाएं। वो उन्हें उस फिल्म में एक नायक की तरह प्रोजेक्ट करें ताकि स्टार होने का जो फायदा मंदाकिनी को मिला था वो अब उन्हें इस फिल्म में मिले।
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नहीं टिकी एक भी फिल्म
राजीव कपूर के चाहने के बावजूद राज कपूर ने ऐसा नहीं किया और राजीव को राज कपूर ने एक असिस्टेंट के तौर पर रखा। 'राम तेरी गंगा मैली' के बाद राजीव कपूर 'लवर ब्वॉय', 'अंगारे', 'जलजला', 'शुक्रिया', 'हम तो चले परदेस' जैसी फिल्मों में दिखे तो पर उनकी फिल्में चली नहीं। ये फिल्में आरके बैनर की नहीं थीं।
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