Fact check: जाट आंदोलन में 13 साल के बच्चे के सीने पर लगी गोली ?
10वीं में पढ़ने वाले सुनील श्योराण, जिसने 13 सितंबर को जाट आरक्षण आंदोलन में जाट कौम के लिए अपना बलिदान दिया था। उसे नमन।"
Fact Check: सोशल मीडिया पर इन दिनों एक तस्वीर खूब वायरल हो रही है। इस तस्वीर को लेकर कई दावे भी किए जा रहे हैं। तस्वीर में आप देख सकते हैं कि एक बच्चे के सीने से खून निकल रहा है, वह खड़ा है और उसकी आंखे खुली हैं। दावा किया जा रहा है की यह तस्वीर जाट आंदोलन के दौरान की हैं। वहीं, कुछ यूजर बच्चे को श्रद्धांजलि देते हुए लिख रहे हैं कि भाई को नम आंखों से नमन। क्या है इसकी सच्चाई जानते हैं।
तस्वीर के साथ लिखा है खास मैसेज
वायरल तस्वीर में एक खास मैसेज भी लिखा हुआ है। तस्वीर को शेयर करते हुए यूजर ने एक पोस्ट भी लिखा है। 'वो दुख फिर से नए जैसा हो जाता है। जब ये तस्वीर देखता हूं। 10वीं में पढ़ने वाले सुनील श्योराण, जिसने 13 सितंबर को जाट आरक्षण आंदोलन में जाट कौम के लिए अपना बलिदान दिया था। उसे नमन।"
गलत है दावा
जब इस वायरल तस्वीर की जांच पड़ताल की गई तो पाया गया की यह तस्वीर फर्जी है। यह तस्वीर भारत की नहीं, बल्कि एक फिलिस्तीनी फिल्म का सीन है। इस तस्वीर से संबंधित पोस्ट गूगल पर भी मिल जाएंगे। आप गूगल रिवर्स इमेज टूल पर एक फिलिस्तीनी यूजर का लिंक मिला, जिसने यह पोस्ट किया है। उन्होंने यह तस्वीर 2015 में शेयर की गई थी। तस्वीर जिस फिल्म से ली गई है, उसका नाम 'द किंगडम ऑफ एंट्स' है। वीडियो में लड़के को 3 मिनट 38 सेकेंड में देखा जा सकता है। वहीं, इसी फिल्म से जुड़ा एक और वीडियो मिला, जो 2012 का है। इस वीडियो में भी वही लड़का मिला, जो इस तस्वीर में वायरल हो रहा है।
फिल्म से उठाई गई है तस्वीर
ऐसे में यह साफ हो जाता है कि वायरल होने वाली तस्वीर जाट आंदोलन की नहीं है, बल्कि फिलिस्तीनी फिल्म से ली गई है।