क्या मास्क लगाने की वजह से शरीर में कम हो रही है ऑक्सीजन?
सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि मास्क की वजह से शरीर में हो रही है ऑक्सीजन की कमी? जानें वायरल हो रहे दावों का सच!
लखनऊ: क्या इस महामारी में अपनाया जाने वाला सबसे महत्तवपूर्ण हथियार 'मास्क' बन रहा है लोगों की मौत का कारण? क्या अब मास्क पहनने से पहले दो बार सोचना पड़ेगा? क्या इसकी वजह से शरीर में हो रही है ऑक्सीजन की कमी? जानें सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इन दावों का सच!
दुनियाभर में फैली कोरोना वायरस महामारी अभी खत्म नहीं हुई है। वैक्सीन आने के बावजूद भारत सरकार समय समय पर दिशा निर्देशों के पालन को लेकर ऐडवाइज़री जारी कर रही है। देश में फैली नई लहर तेज़ी से पैर पसार रही है, ऐसे में ये ज़रूरी है कि लोग दिशा निर्देशों के पालन को गंभीरता से लें और साथ ही फर्ज़ी खबरों और अफवाहों से भी दूर रहें।
मास्क की वजह से मचा है ऑक्सीजन के लिए हाहाकार?
सोशल मीडिया पर एक मेसेज तेज़ी से वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि लंबे समय तक मास्क के उपयोग से शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड की अधिकता और ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। मेसेज में लिखा है, "कोरोना वायरस पिछले साल भी था, मास्क पर बंदिश ज़्यादा नहीं थी। मास्क की बंदिश जैसे जैसे बढ़ती गयी शरीर में ऑक्सीजन कम होती गई और लोग खुद की ही कार्बन डाइऑक्साइड की वजह से मरने लगे। इंसान को दिन भर में 550 लीटर ऑक्सीजन की ज़रूरत होती है जो वो प्राकृतिक तरीके से लेता है। मास्क के अवरोध की वजह से वो 250 से 300 लीटर ही ले पा रहा है।" इस मेसेज में यह भी दावा किया गया है कि मास्क को कई देशों ने आवश्याक की श्रेणी से हटा दिया है।
फर्जी है दावा
इस मेसेज का स्क्रीनशॉट शेयर कर सरकार की पीआईबी फैक्ट चेक के ट्विटर हैंडल ने स्पष्टीकरण जारी किया है। हैंडल ने ट्वीट किया, "दावा: एक मैसेज में दावा किया जा रहा है कि लंबे समय तक मास्क के उपयोग से शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड की अधिकता और ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। पीआईबी फैक्ट चेक में ये दावा फर्जी पाया गया है। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सही तरीके से मास्क जरूर लगाएं।"