क्या आप जानते हैं आपका एक-एक पल हो रहा है ट्रैक
कंज्यूमर सॉफ्टवेयर बाजार तेजी से बढ़ा है और अब ऐसे-ऐसे सॉफ्टवेयर और एप उपलब्ध हैं जिनको किसी डिवाइस पर इंस्टाल करने के लिए किसी विशेषज्ञता की जरूरत नहीं होती। एमस्पाई, फ्लेक्सीस्पाई, वेबवाचर, स्पाईटूमोबाइल वगैरह ऐसे कुछ उदाहरण हैं।
लखनऊ: व्हाट्सअप प्राइवेसी की सुरक्षा की बातें तो बहुत बड़ी बड़ी करता है लेकिन अब फोन जासूसी प्रकरण से साफ हो गया है कि व्हाट्सअप पर भी आप सेफ नहीं हैं।
व्हाट्सअप के जरिए भी कोई स्पाईवेयर आपके फोन में घुसकर आपसे जुड़ी तमाम जानकारी को चुरा सकता है। यानी आज की टेक्नोलॉजी में सब मुमकिन है। पहले टेक्स्ट मैसेज के जरिए एक लिंक आपके पास पहुंचता था। अगर आपने क्लिक कर दिया तो स्पाईवेयर फोन में इंस्टाल हो गया। लेकिन अब बेहद खतरनाक तरीका इजाद हो गया है। ये तरीका है मिस्ड कॉल। इसमें व्हाट्सअप कॉल आती है। आप कॉल रिसीव करें या न करें स्पाईवेयर आपके फोन में इंस्टाल हो जाता है।
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ये स्पाईवेयर व्हाट्सअप, आई-मैसेज, स्काइप या टेलीग्राम के जरिए किए जाने वाले किसी भी संदेश को ट्रैक कर सकता है। पासवर्ड्स, कान्टैक्ट लिस्ट, कैलेंडर इवेंट्स, टेक्स्ट मैसेजे में सेंध लगा सकता है। आपके मोबाइल कैमरा और माइक्रोफोन तक को कंट्रोल कर सकता है। जीपीएस फंक्शन के जरिये आपकी लोकेशन ट्रैक कर सकता है। ये स्थिति तो उससे भी डरावनी है कि कोई आपके बेडरूम में स्पाई कैमरा लगा दे।
कंज्यूमर सॉफ्टवेयर बाजार तेजी से बढ़ा है और अब ऐसे-ऐसे सॉफ्टवेयर और एप उपलब्ध हैं जिनको किसी डिवाइस पर इंस्टाल करने के लिए किसी विशेषज्ञता की जरूरत नहीं होती। एमस्पाई, फ्लेक्सीस्पाई, वेबवाचर, स्पाईटूमोबाइल वगैरह ऐसे कुछ उदाहरण हैं।
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जानते हैं कुछ ऐसे ही एप के बारे में...
स्पाईएरा:
ये सिर्फ एप ही नहीं बल्कि अपने आप में समूचा स्मार्टफोन है। ये एप्पल और एंड्रायड की कई डिवाइस पर पहले से ही इंस्टाल किया हुआ होता है। स्पाईएरा सॉफ्टवेयर से कोई भी आपके फोन कॉल सुन सकता है, आपके फपन के माइक्रोफोन को कहीं से भी ऑन करके फोन के आसपास हो रही आवाजों को सुन सकता है। ये सॉफ्टवेयर इन ध्वनियों को रिकार्ड भी कर सकता है। इसके अलावा स्पाईएरा आपके मैसेज और टेक्स्ट को ट्रैक कर सकता है, फोन से खींची गई फोटो अपलोड कर सकता है, स्काईप, वाइबर, वीचैट जैसे अन्य एप पर हो रही बातचीत सुन सकता है।
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स्पाईएरा आपके फोन का कैमरा कहीं से भी ऑन करके आपकी जासूसी कर सकता है। ये साफ्टवेयर काफी महंगा होता है और इसे इंस्टाल करने के लिए डिवाइस को कंपनी को देना होता है। इस सॉफ्टवेयर को इस्तेमाल करने के लिए हर महीने का सब्सक्रिप्शन देना होता है। किसी स्मार्टफोन की साल भर की जासूसी का खर्चा करीब 30 हजार रुपए आता है।
दि वन स्पाई:
ये एप सिर्फ एप्पल की डिवाइस पर चलता है। एक बार किसी ने इसे इंस्टाल कर दिया तो समझिए कि आपका फोन उसके हाथ में चला गया है। दि वन स्पाई जो भी डेटा एकत्र करता है वह सभी एनक्रिप्टेड यानी कोडेड होता है। सॉफ्टवेयर ये डेटा एक पोर्टल को भेजता है जहां से जासूस उसे ले लेता है। इसका मतलब ये हुआ कि जासूसी करने वाला आपकी टेक्स्ट मैसेज, ईमेल पढऩे के अलावा आपकी फोन कॉल्स सुन सकता है। आप किन किन वेब साइट्स पर गए ये भी देख सकता है और आपके डिवाइस का माइक्रोफोन व कैमरा को एक्टिवेट करके आपके आसपास की गतिविधियों को सुन और देख सकता है। ये सस्ता एप है और महीने भर की फीस करीब 1500 रुपए है।
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फ्लेक्सी स्पाई:
ये भी आपकी कॉल, मैसेज, कैमरा, माइक्रोफोन सबकी जासूसी करता है लेकिन इसके साथ आपकी जीपीएस लोकेशन, पासवर्ड और फोन में इंस्टाल अन्य एप की जासूसी कर सकता है। ये एप जासूसी करने वाले को आपकी गतिविधियोन के एलर्ट भी भेजता है। इसकी एक महीने की फीस करीब 5 हजार रुपए आती है।