इतना खतरनाक है ये एप, कर लेता है नेटवर्क पर कब्जा और फिर...
सोशल मीडिया यूजर्स के लिए बड़ी चौकाने वाली खबर आ रही है। जिसे जान कर आप सोच में पड़ जाएंगे।
नई दिल्ली: सोशल मीडिया यूजर्स के लिए बड़ी चौकाने वाली खबर आ रही है। जिसे जान कर आप सोच में पड़ जाएंगे। ऐसा बताया जा रहा है कि भारतीय इंटरनेट यूजरों ने गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) पर कथित 'खालिस्तान' (Khalistan) के लिए भारत विरोधी दुष्प्रचार (Anti India Propaganda) और उग्रवाद को बढ़ावा देने पर गूगल की कड़ी आलोचना की है। साथ ही कट्टरपंथ और भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले '2020 सिख रेफरेंडम एप' (2020 Sikh Referendum App) को गूगल से हटाने की मांग की गई है।
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असल में अमेरिका में सिखों के पाकिस्तान समर्थित अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) गूगल के प्ले स्टोर को अपना नया मंच बना लिया है। ताकि वह पंजाब को खालिस्तान नाम का अलग देश बनाने का अपना एजेंडा चला सके। '2020 सिख रेफरेंडम' नाम का यह मोबाइल एप 7।54 एमबी का है। इसे रोमानिया की आइसीईटेक वेब डिजाइनिंग कंपनी ने बनाया है। यह एप खालिस्तान के लिए पंजाब के लोगों को अपना वोट देने के लिए उकसाता है। गूगल प्ले स्टोर पर यह एप 1000 बार डाउनलोड हो चुका है।
नेटवर्क पर कर लेता है कब्जा
एप डाउनलोड करने के दौरान 3।001 वर्जन का एप कैमरा, लोकेशन, सीडी कार्ड के स्टोरेज और उसमें चेंज और उसे डिलीट करने की मंजूरी मांगता है। इसके साथ ही यह एप पूरे नेटवर्क पर कब्जा कर लेता है और वाइफाइ कनेक्शन पर भी असर करतें है। इससे भारत या विदेश में रहे रहे यूजर की सभी जानकारियों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है। एप डाउनलोड करने के बाद फोन में कई अतिरिक्त क्षमताएं आ जाती हैं। यह एप इसी साल 14 फरवरी को लांच किया गया था। इसकी रेटिंग गूगल प्ले स्टोर पर 1।0 दिखाई गई है।
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पाकिस्तान की साजिश
उल्लेखनीय है कि भारतीय खुफिया एजेंसियों के अनुसार करतारपुर कॉरिडोर को खालिस्तान समर्थित आतंकियों का गढ़ बनाने की पाकिस्तान की साजिश है।