Goa Assembly Election 2022: चुनावी अभियान में खनन, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार हैं बड़े मुद्दे

Goa Assembly Election 2022: अन्य राज्य के लोग भले न समझ पाएं, लेकिन खनन, गोवा की एक बड़ी समस्या है। अन्य जगहों पर भले ही खनन को पर्यावरण की बर्बादी माना जाता हो लेकिन गोवा में खनन शुरू करने की मांग है।

Newstrack :  Network
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2022-01-18 07:56 GMT

गोवा (फोटो-सोशल मीडिया)

Goa Assembly Election 2022: गोवा विधानसभा चुनाव में भाजपा, कांग्रेस, आप और टीएमसी के साथ साथ क्षेत्रीय पार्टियां जोर आजमाइश कर रही हैं। राज्य के 70 नागरिक संगठनों ने एक जनता का घोषणापत्र भी जारी कर दिया है। सभी दलों का चुनाव अभियान कुछ खास मुद्दों के इर्दगिर्द है जिनमें खनन, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार प्रमुख हैं। ये सभी ऐसे मसले हैं जिनको लेकर राज्य की जनता परेशान है।

अन्य राज्य के लोग भले न समझ पाएं, लेकिन खनन, गोवा की एक बड़ी समस्या (goa mining issue) है। अन्य जगहों पर भले ही खनन को पर्यावरण की बर्बादी माना जाता हो लेकिन गोवा में खनन शुरू करने की मांग है।

दरअसल, पहले गोवा की अर्थव्यवस्था में लौह अयस्क के खनन की हिस्सेदारी करीब 75 फीसदी तक थी। 2012 से गोवा की कमाई में पर्यटन से ज्यादा हिस्सा खनन का होता था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद राज्य में दस साल से खनन बंद है। इसलिए राज्य भर में खासकर दक्षिण गोवा में चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा खनन है।

डिमांड है कि खनन फिर शुरू किया जाए। इसीलिए सभी पार्टियां सत्ता में आने पर खनन दोबारा शुरू कराने का वादा कर रही हैं। आम आदमी पार्टी ने तो ऐलान किया है कि सत्ता में आने के छह महीने के भीतर खनन शुरू करा दिया जाएगा।

अक्टूबर 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने गोवा के तमाम लौह अयस्क खनन और परिवहन पर रोक लगाने का आदेश दिया था। जस्टिस एमबीशाह आयोग की रिपोर्ट के बाद ये फैसला आया जिसमें बताया गया था कि लाखों टन लौह अयस्क अवैध रूप से निकाला जा रहा था। 2015 में राज्य सरकार ने 88 खनन कंपनियों की लीज को फिर से बहाल कर दिया था लेकिन 2018 में गोवा फाउंडेशन नाम के एनजीओ की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने तमाम नई लीज रद्द कर दी थीं।

बेरोजगारी
employment in Goa

देश के बाकी राज्यों की तरह गोवा में रोजगार की कमी एक बड़ा मुद्दा है। कोरोना वायरस महामारी से पर्यटन ठप है जिससे बेरोजगारी और भी बढ़ गई है। बंद पड़े खनन कारोबार ने भी इसे बढ़ाया है। लोगों का आक्रोश बेरोजगारी के चलते बहुत ज्यादा है। गोवा में खनन और पर्यटन, अर्थव्यवस्था के दो ही स्तंभ थे और दोनों ही बर्बाद हो चुके हैं।

भ्रष्टाचार
corruption in goa

गोवा में भ्रष्टाचार भी बड़ा चुनावी मुद्दा है। विपक्ष राज्य में आक्रामक तरीके से भ्रष्टाचार को मुद्दा बना रहा है। राज्य में लोगों का कहना है कि गोवा को पुर्तगाली शासन से मुक्ति पाए 69 साल हो गए लेकिन भ्रष्टाचार से आज़ादी नहीं मिल पाई है। नौकरियों, खनन, टेंडर आदि में अनेकों घोटाले सामने आ चुके हैं। ऐसे में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने तो गोवा को पहली बार भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने का वादा किया है।

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