Goa Congress: गोवा में टूट के करीब पहुंची कांग्रेस ने किया खंडन, विधायकों के भाजपा में जाने की खबरों को बताया, भाजपा की अफवाहें
Goa Congress: गोवा में कांग्रेस ने रविवार को पार्टी में विद्रोह की खबरों से इनकार किया है। गोवा इकाई के प्रमुख अमित पाटकर ने कहा कि इस तरह की अफवाहें भाजपा फैलाई जा रही थीं।
Goa Congress: गोवा में कांग्रेस (Congress In Goa) ने रविवार को पार्टी में विद्रोह की खबरों से इनकार किया है। गौरतलब है कि विधानसभा सत्र से एक दिन पहले कुछ नेताओं के सत्तारूढ़ भाजपा (BJP) के संपर्क में होने की चर्चा के बीच पार्टी की बैठक में कम उपस्थिति देखी गई। कांग्रेस के नौ विधायकों के भाजपा में जाने की चर्चाएं चल रही हैं। विरोधी गुट ने आज अलग बैठक भी की है।
BJP द्वारा विधानसभा के बजट सत्र से पहले फैलाई जा रही अफवाहें: अमित पाटकर
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक कि कांग्रेस (Congress) ने पार्टी के भीतर किसी भी दरार से इनकार किया है, गोवा इकाई के प्रमुख अमित पाटकर (Goa unit chief Amit Patkar) ने कहा कि इस तरह की अफवाहें सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा विधानसभा के दो सप्ताह के बजट सत्र से पहले फैलाई जा रही थीं। कांग्रेस विधायक एलेक्सो सिकेरा (Congress MLA Alexo Sequeira) ने कहा है कि केवल शिष्टाचार बैठक के लिए सात विधायक शामिल हुए हैं। मुझे आलाकमान द्वारा नहीं बुलाया गया था। विधायकों के भाजपा में जाने की अफवाहें खत्म हो गई हैं। मैं अपने लिए पुष्टि कर सकता हूं, किसी और के लिए नहीं।
सूत्रों के अनुसार, इस साल की शुरुआत में हुए चुनावों में पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार दिगंबर कामत शनिवार को विधायकों की बैठक में शामिल नहीं हुए। श्री कामत कथित तौर पर इस बात से नाराज हैं कि पार्टी के माइकल लोबो को विपक्ष का नेता बनाया गया है। हालांकि इस दावे का पार्टी ने खंडन किया है। कुछ रिपोर्टों से यह भी पता चलता है कि श्री लोबो, जो चुनाव से ठीक पहले भाजपा से कांग्रेस में आ गए थे, वह भी अपनी पूर्व पार्टी के संपर्क में हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने डिप्टी स्पीकर पद के लिए चुनाव की अधिसूचना रद्द
इस बीच, गोवा विधानसभा अध्यक्ष रमेश तावड़कर (Goa Assembly Speaker Ramesh Tavkar) ने रविवार को डिप्टी स्पीकर पद के लिए चुनाव की अधिसूचना रद्द कर दी, जो मंगलवार को होने वाली थी। गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के 25 और विपक्षी कांग्रेस के 11 विधायक हैं। कांग्रेस ने आखिरी बार 2019 में विभाजन देखा था, जब उसके अधिकांश विधायक भाजपा में चले गए थे, जिससे पार्टी केवल चार पूर्व मुख्यमंत्रियों के साथ रह गई थी।
सूत्रों के मुताबिक ऐसा माना जा रहा है कि अगर नौ विधायक टूटकर भाजपा के साथ आ जाते हैं तो कांग्रेस के पास केवल दो विधायक बचेंगे।