Goa Election 2022: सभी दल लगा रहे अपना गुणा-गणित, किसे मिलेगी जीत

Goa Election 2022: गोव में कई महीनों तक चले जोरदार चुनाव प्रचार, चुनावी लड़ाई और मजबूत मतदान के बाद अब अंतिम परिणाम तीन सप्ताह दूर हैं। इस बीच चुनाव आयोग द्वारा 7 मार्च तक एग्जिट पोल पर रोक लगाने के साथ प्रमुख दावेदारों ने अब खुद की आंकलन करने का फैसला किया है।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Shreya
Update: 2022-02-17 06:55 GMT

(कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Goa Election 2022: गोवा में अब सभी दल और प्रत्याशी 10 मार्च को किसी भी अप्रिय आश्चर्य से आशंकित और परेशान हैं। यही नहीं, मतदाता भी समान रूप से भ्रमित हैं कि जनादेश किस तरफ जाने वाला है। सोशल मीडिया (Social Media) से लेकर व्हाट्सएप और नुक्कड़ों-दुकानों पर होने वाली साधारण चर्चा में सभी अनुमान लगाने का गेम खेल रहे हैं। भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) के अलावा आप (AAP) और टीएमसी-एमजीपी गठबंधन (TMC-MGP Gathbandhan) भी मैदान में हैं और सभी पार्टियां बहुमत का दावा कर रही हैं। पार्टियां चाहे जो कहें लेकिन उनके कार्यकर्ताओं को पता है कि नंबर गेम कुछ सही फिट नहीं हो रहा है। 

गोव में कई महीनों तक चले जोरदार चुनाव प्रचार, चुनावी लड़ाई और मजबूत मतदान के बाद अब अंतिम परिणाम तीन सप्ताह दूर हैं जिसकी प्रतीक्षा राजनीतिक दल उत्सुकता से कर रहे हैं। वोटों की गिनती से पहले, एग्जिट पोल कुछ संकेत दे सकते थे, लेकिन चुनाव आयोग (Election Commission) द्वारा 7 मार्च तक एग्जिट पोल पर रोक लगाने के साथ प्रमुख दावेदारों ने अब खुद की आंकलन करने का फैसला किया है।

कांग्रेस के प्रदेश नेताओं का कहना है कि वे निर्वाचन क्षेत्र के प्रमुख लोगों, पार्टी के समन्वयकों और बूथ कार्यकर्ताओं से बात कर रहे हैं और इससे कुछ तस्वीर साफ़ हो सकती है। भाजपा ने भी इसी तरह की कवायद शुरू की है, जिसमें पार्टी के कुछ प्रमुख पदाधिकारियों ने वोटिंग की नब्ज को समझने के लिए ट्विटर और फेसबुक का सहारा लिया है। 

19 फरवरी को परिणामों और मतदान के पैटर्न पर होगी चर्चा

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, गोवा में 78.94 फीसदी का भारी मतदान कोई हैरत की बात नहीं है लेकिन राजनीतिक दलों इससे चकित हैं। उत्तरी गोवा में मतदान प्रतिशत थोड़ा अधिक रहा है। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (CM Pramod Sawant) के संकेलिम निर्वाचन क्षेत्र (Sanquelim Assembly Seat) में लगभग 90 फीसदी का सबसे अधिक मतदान हुआ है जिससे भाजपा खेमे में खलबली मची हुई है। अधिक मतदान आमतौर पर सत्ता विरोधी लहर और बदलाव के लिए वोट का संकेत होता है।

हालांकि, भाजपा के हलकों में उच्च मतदान का श्रेय सावंत और भाजपा कैडर के मजबूत प्रयासों को दिया गया है। ट्विटर पर भाजपा से सहानुभूति रखने वालों के एक ग्रुप ने 19 फरवरी को ट्विटर स्पेस पर परिणामों और मतदान के पैटर्न पर चर्चा करने के लिए एक बैठक करने का फैसला किया है। समूह के एक सदस्य ने पोस्ट किया है कि ऐसा लगता है कि 10 मार्च को कई दिग्गजों को एक अच्छा सबक मिलने वाला है। 

विपक्ष के दावों में कोई सच्चाई नहीं

इस बीच मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (CM Pramod Sawant) और भाजपा के सभी उम्मीदवारों ने 16 फरवरी को एक समीक्षा बैठक की। इसमें पार्टी के पदाधिकारी और चुनाव एजेंट भी मौजूद थे। बैठक के बाद सावंत ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि 10 मार्च को परिणाम घोषित होने पर पार्टी को सामान्य बहुमत मिलेगा। सावंत ने यह भी कहा कि विपक्ष के दावों में कोई सच्चाई नहीं है कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में उच्च मतदान प्रतिशत उनके लिए आसन्न नुकसान की ओर इशारा करता है।

उन्होंने कहा - हमें गोवा के लोगों पर और जिस तरह से राज्य और राष्ट्रीय कद के पार्टी नेताओं ने प्रचार किया है, उस पर हमें भरोसा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी का आंतरिक सर्वेक्षण भी भाजपा की जीत की ओर इशारा करता है। उन्होंने कहा कि कई लोग नहीं जानते कि मेरे क्षेत्र नें 2012 में मतदान 92 फीसदी था और 2017 में 90 फीसदी और इस बार यह 89 फीसदी है। इसका मतलब है कि इस बार मतदान प्रतिशत वास्तव में नीचे चला गया है। विपक्ष 10 मार्च तक अपनी खुशी जाहिर कर सकता है, उसके बाद उन्हें पता चलेगा कि नतीजे सामने आएंगे। 

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