Goa Election 2022 : गोवा चुनाव में कपल्स की दिलचस्प एंट्री
Goa Election 2022 : गोवा चुनावी मैदान में पति-पत्नी के मुकाबले। राज्य में कम से कम पांच जोड़े अपने चुनावी भाग्य का परीक्षण करेंगे।
Goa Election 2022 : गोवा विधानसभा चुनाव (Gos Election 2022) में कई पार्टियों के साथ बहुकोणीय लड़ाई के अलावा एक दिलचस्प चीज है, वो है चुनावी मैदान में पति-पत्नी के मुकाबले। राज्य में कम से कम पांच जोड़े अपने चुनावी भाग्य का परीक्षण करेंगे। अगर ये कपल्स जीत जाते हैं तो 40 सदस्यीय सदन में 10 विधायक यानी एक चौथाई हिस्सा तो इन्हीं का हो जाएगा।
ऐसे में अगर अगर पति पत्नी का झगड़ा हुआ तो असर सदन (Sadan) और गोवा (Goa) की राजनीति तक में दिखेगा। कपल्स (Couples in goa election) को चुनाव मैदान में उतारने में भाजपा (Bjp) , कांग्रेस (Congress) और तृणमूल (Trinamool) सभी आगे हैं। सिर्फ आम आदमी पार्टी को कोई ऐसा जोड़ा नहीं मिला है।
भाजपा सबसे आगे
गोवा में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी ने दो जोड़ों को मैदान में उतारा है। इसके अलावा भाजपा के एक नेता पार्टी टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं तो उनकी पत्नी निर्दलीय लड़ रही हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने भी एक-एक जोड़े को टिकट दिया है।
देविया राणे अपना पहला चुनाव लड़ रही हैं
भाजपा नेता और स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे वालपोई विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उनकी पत्नी देविया ने भाजपा के टिकट पर पोरीम निर्वाचन क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल किया है। देविया राणे अपना पहला चुनाव लड़ रही हैं। दिलचस्प बात यह है कि वर्तमान में पोरीम सीट का प्रतिनिधित्व उनके ससुर 87 वर्षीय प्रताप सिंह राणे कांग्रेस के टिकट पर कर रहे हैं। कांग्रेस ने इस विधानसभा क्षेत्र से प्रतापसिंह राणे को टिकट दिया था लेकिन अब वह अपनी पुत्रवधू के खिलाफ नहीं लड़ेंगे। हालांकि राणे का कहना है कि वे उम्र की वजह से चुनावी मैदान से हट रहे हैं।
2017 विधानसभा चुनावों में तालेगाओ से कांग्रेस को टिकट पर चुना गया
भाजपा ने पणजी विधानसभा क्षेत्र से अतानासियो मोनसेराटे और तालेगाओ सीट से उनकी पत्नी जेनिफर को भी टिकट दिया है। जहां जेनिफर मोनसेराटे को 2017 के विधानसभा चुनावों में तालेगाओ से कांग्रेस के टिकट पर चुना गया था, वहीं उनके पति ने 2019 के पणजी उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी। ये उपचुनाव, तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद हुआ था। 2019 में ही मोनसेरेट दंपति कांग्रेस के आठ अन्य विधायकों के साथ सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए थे।
सावित्री को भाजपा के टिकट की उम्मीद थी
भाजपा ने उपमुख्यमंत्री चंद्रकांत कावलेकर और उनकी पत्नी सावित्री कावलेकर को भी मैदान में उतारा है। चंद्रकांत कावलेकर अपनी पारंपरिक क्वेपम सीट से चुनाव लड़ रहे हैं जबकि पत्नी सावित्री सांगुम विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय लड़ रही हैं। सावित्री को भाजपा के टिकट की उम्मीद थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इस जोड़े ने 2017 का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था। कावलेकर ने चुनाव जीता था और 2019 के सामूहिक दलबदल में भाजपा में शामिल हो गए थे। सावित्री उस चुनाव में हार गई थीं।
कांग्रेस ने माइकल लोबो को कलंगुट और उनकी पत्नी दलीला को सिओलिम निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा है। राज्य के पूर्व मंत्री माइकेल लोबो ने हाल ही में इसलिए भाजपा छोड़ दी थी की पार्टी ने उनकी पत्नी को टिकट नहीं दिया था। भाजपा छोड़ने के बाद लोबो कपल कांग्रेस में शामिल हो गया।
आम आदमी पार्टी में अभी कोई कपल चुनाव मैदान में नहीं
कपल्स को चुनाव लड़ाने में तृणमूल कांग्रेस भी पीछे नहीं है। ममता बनर्जी ने एल्डोना निर्वाचन क्षेत्र से किरण कंडोलकर को टिकट दिया है, जबकि उनकी पत्नी कविता थिविम निर्वाचन क्षेत्र से पार्टी की उम्मीदवार हैं। किरण कंडोलकर भी दलबदल करके दीदी के साथ आईं हैं। वे पहले गोवा फॉरवर्ड पार्टी में थीं। आम आदमी पार्टी में अभी कोई कपल चुनाव मैदान में नहीं है।