Goa Election 2022: मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल का निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान, पणजी सीट से भरेंगे पर्चा
Goa Election 2022: गोवा के लिए भाजपा की ओर से गुरुवार को 34 उम्मीदवारों की सूची जारी की गई थी मगर इसमें पणजी सीट से उत्पल का नाम शामिल नहीं था।
Goa Election 2022: पूर्व केंद्रीय रक्षा मंत्री और गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर (Manohar Parrikar) के बेटे उत्पल पर्रिकर (Utpal Parrikar) ने पणजी विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। भाजपा की ओर से उत्पल को पणजी सीट से टिकट नहीं दिया गया था और इसे लेकर वे नाराज थे। आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल की ओर से उत्पल को आप के टिकट पर चुनाव लड़ने का न्योता दिया गया था मगर उत्पल ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
गोवा के लिए भाजपा की ओर से गुरुवार को 34 उम्मीदवारों की सूची जारी की गई थी मगर इसमें पणजी सीट से उत्पल का नाम शामिल नहीं था। भाजपा की ओर से टिकट मिलने से पहले ही उत्पल ने चुनाव प्रचार शुरू कर दिया था और वे मतदाताओं से घर-घर संपर्क स्थापित कर रहे थे। उन्होंने पहले ही पणजी से किसी भी सूरत में चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी।
पणजी से मौजूदा विधायक को ही टिकट
गोवा की राजनीति में मनोहर पर्रिकर को बड़ा चेहरा माना जाता रहा है। गोवा में भाजपा को स्थापित करने में उनकी बड़ी भूमिका मानी जाती रही है मगर उनके बेटे उत्पल पर्रिकर को टिकट देने के मामले में भाजपा नेतृत्व की ओर से कड़ा रुख अपनाया गया। भाजपा की ओर से घोषित की गई उम्मीदवारों की सूची में पणजी सीट से मौजूदा विधायक अतानासियो मोनसेरेट को ही फिर से टिकट दिया गया है।
सूची जारी होने के बाद भाजपा नेताओं का कहना था कि वे उत्पल पर्रिकर से बातचीत कर रहे हैं क्योंकि मौजूदा विधायक का टिकट काटना उचित नहीं होगा। भाजपा नेता उत्पल को आखिरकार मनाने में कामयाब नहीं हो सके और उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है।
दावेदारी छोड़ने को तैयार नहीं थे उत्पल
भाजपा ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को गोवा का प्रभारी बनाया है। फडणवीस ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि किसी नेता का पुत्र होने का मतलब टिकट की योग्यता नहीं होता। हालांकि इसके साथ उन्होंने यह भी कहा था कि गोवा में भाजपा को मजबूत बनाने में मनोहर पर्रिकर की बड़ी भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता। उनका कहना था कि उत्पल ने जिस सीट पर अपनी दावेदारी पेश की है, उस सीट पर हमारे पास पहले से ही मजबूत प्रत्याशी है।
उनका कहना था कि मौजूदा विधायक की दावेदारी को दरकिनार करके उत्पल को टिकट नहीं दिया जा सकता। फडणवीस का यह भी करना था कि पार्टी की ओर से उत्पल को दो अन्य सीटों पर विचार करने के लिए कहा गया था मगर उत्पल के तेवर से साफ है कि वे पणजी सीट पर दावेदारी छोड़ने को तैयार नहीं थे।
केजरीवाल का न्योता ठुकराया
भाजपा से उत्पल की नाराजगी की खबरें आने के बाद आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी उत्पल को न्योता दिया था। उनका कहना था कि यदि उत्पल तैयार हों तो आप की ओर से उन्हें पणजी सीट से चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है। उत्पल आम आदमी पार्टी का न्योता स्वीकार करने को तैयार नहीं हुए और उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ही फैसला किया है। उत्पल के इस फैसले से भाजपा को सियासी नुकसान होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। मनोहर पर्रिकर के साथ अभी भी गोवा के काफी लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं और ऐसे में माना जा रहा है कि उत्पल चुनाव लड़कर भाजपा को निश्चित रूप से नुकसान पहुंचाएंगे।