Haryana News : हार के बावजूद हुड्डा सबसे मजबूत, कांग्रेस पर्यवेक्षकों से बातचीत में अधिकांश विधायकों ने किया समर्थन
haryana News : हरियाणा के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर भले ही निशाना साधा जा रहा हो मगर वे अभी भी हरियाणा कांग्रेस में सबसे मजबूत नेता बने हुए हैं।
haryana News : हरियाणा के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर भले ही निशाना साधा जा रहा हो मगर वे अभी भी हरियाणा कांग्रेस में सबसे मजबूत नेता बने हुए हैं। राज्य के अधिकांश विधायकों ने हुड्डा को ही नेता विपक्ष की जिम्मेदारी सौंपने की मांग की है। पार्टी हाईकमान की ओर से भेजे गए पर्यवेक्षकों के सामने विधायकों का कहना था कि हरियाणा कांग्रेस में हुड्डा का कद सबसे मजबूत और ऊंचा है। ऐसे में उन्हें ही यह जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए।
पर्यवेक्षकों ने विधायकों की मंशा से पार्टी हाईकमान को अवगत कराया है। अब पार्टी हाईकमान कोई यह फैसला करना है कि हरियाणा में कांग्रेस की कमान हुड्डा के ही हाथों में सौंपी जाए या फिर किसी और नेता को नेता विपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जाए। अब हरियाणा कांग्रेस में हर किसी को हाईकमान के फैसले का बेसब्री से इंतजार है।
हुड्डा को नेता विपक्ष बनाने की विधायकों की मांग
विधायकों की राय जानने के लिए पार्टी हाईकमान की ओर से अशोक गहलोत, अजय माकन और पंजाब में नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा को भेजा गया था। तीनों पर्यवेक्षकों ने हरियाणा में जीत हासिल करने वाले सभी कांग्रेस विधायकों से अलग-अलग बातचीत की थी। इस बातचीत के दौरान अधिकांश विधायकों ने नेता विपक्ष पद के लिए हुड्डा का ही समर्थन किया।
कई विधायकों का कहना था कि विधानसभा चुनाव के दौरान हुड्डा ने पूरी मजबूती के साथ पार्टी का नेतृत्व किया। उन्होंने अपने दम पर पार्टी को जीत दिलाने की पूरी कोशिश की। हरियाणा में कांग्रेस को मजबूत बनाने में हुड्डा की बड़ी भूमिका रही है। विधायकों से बातचीत के बाद पर्यवेक्षकों की ओर से हाईकमान को रिपोर्ट सौंपी गई है जिसमें कहा गया है कि अधिकांश विधायक हुड्डा को ही नेता विपक्ष बनाने के पक्ष में हैं।
बैठक के जरिए हुड्डा ने दिखाई ताकत
हरियाणा के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 37 सीटों पर जीत मिली है जबकि भाजपा ने 48 सीट जीतने के साथ राज्य में अपनी सरकार बना ली है। तीन निर्दलीय विधायकों ने भी भाजपा को समर्थन देने का फैसला किया है। दूसरी ओर कांग्रेस के जीत हासिल करने वाले विधायकों में हुड्डा की सबसे मजबूत पकड़ बनी हुई है। अभी हाल में राजधानी दिल्ली में हुड्डा खेमे से जुड़े विधायकों की बैठक भी हुई थी।
इस बैठक में कांग्रेस के 37 में से 31 विधायकों ने हिस्सा लिया था। इस बैठक को हुड्डा खेमे के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। पर्यवेक्षकों से बातचीत के दौरान भी अधिकांश विधायकों के समर्थन के जरिए हुड्डा ने अपनी ताकत दिखा दी है।
अब पार्टी हाईकमान के फैसले का इंतजार
हुड्डा का समर्थन करने वाले विधायकों का कहना था कि राज्य में लगातार तीसरी बार जीत हासिल करके भाजपा मजबूत बनकर उभरी है। हरियाणा में भाजपा का मुकाबला करने के लिए मजबूत जनाधार वाले अनुभवी नेता की जरूरत है और यह काम हुड्डा ही कर सकते हैं। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि हरियाणा में अधिकांश विधायकों का समर्थन हुड्डा के साथ ही बना हुआ है।
हालांकि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद पार्टी के कुछ नेता हुड्डा पर निशाना साधते रहे हैं मगर अभी भी पार्टी पर हुड्डा की ही मजबूत पकड़ बनी हुई है। हुड्डा का समर्थन करने वाले विधायक किसी और नेता को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। वे मजबूत नेता के रूप में विपक्ष की कमान हुड्डा को सौंपने के पक्षधर हैं। ऐसे में अब सबकी निगाहें हैं हाईकमान के फैसले पर टिकी हुई हैं।