Haryana Cabinet: भाजपा को दलबदलू नेताओं पर ज्यादा भरोसा! 13 मंत्रियों में छह दूसरे दल से, संघ के महज चार

Haryana Cabinet: भाजपा ने दूसरे दलों से आए नेताओं पर ज्यादा भरोसा जताया है। मंत्रिमंडल के 13 मंत्रियों में छह दूसरी पार्टी से आए हैं। महज चार ही संघ की उपज हैं।

Update:2024-10-17 15:53 IST

Haryana Cabinet ( Pic- Social- Media)

Haryana Cabinet: हरियाणा में लगातार तीसरी बार भाजपा सरकार का गठन हुआ। नायब सिंह सैनी ने आज दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस दौरान देश भर से भाजपा और एनडीए के नेता शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। नायब सिंह सैनी को हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने शपथ दिलाई। इसके साथ ही 13 विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। विधायक अनिल विज, कृष्ण लाल पंवार, राव नरबीर, महिपाल ढांडा, विपुल गोयल, अरविंद शर्मा, श्याम सिंह राणा, रणबीर गंगवा, कृष्ण बेदी, श्रुति चौधरी, आरती राव, राजेश नागर और गौरव गौतम को सरकार में मंत्री बनाया गया है। भाजपा के 13 मंत्रियों में छह दूसरी पार्टी से आए हैं। महज चार ही संघ की उपज हैं।


अरविंद शर्मा

गोहाना से विधायक अरविंद शर्मा को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। इन्हें भाजपा हाईकमान का करीबी माना जाता है। अरविंद कांग्रेस पार्टी के नेता थे। 2014 में कांग्रेस का हाथ छोड़कर वह बसपा की हाथी पर सवार हुए। बसपा ने चुनाव में उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया गया। मगर वह चुनाव हार गए। शर्मा चर्चा में तब आए जब उन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर लड़ते हुए रोहतक सीट से दीपेंद्र हुड्डा को चुनाव हराया। हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। विधानसभा चुनाव में जगबीर मल्लिक को हराकर विधायक बने।


राव नरवीर

बादशाहपुर सीट से विधायक राव नरवीर को सरकार में मंत्री बनाया गया है। भाजपा में रहने से पहले राव कई अन्य पार्टियों का हिस्सा रहे चुके हैं। राव नरवीर लोकदल, कांग्रेस, हरियाणा विकास पार्टी, हरियाणा जनहित कांग्रेस और बीएसपी के सदस्य रह चुके हैं। 2005 में भाजपा से विधायक का चुनाव हारने के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। 2009 के चुनाव में उन्होंने हरियाणा जनहित कांग्रेस (बीएल) से लोकसभा का चुनाव लड़ा मगर हार गए। 2014 में वह फिर भाजपा में लौटे। वह बादशाहपुर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। इस बार के चुनाव में भी उन्होंने इस सीट पर जीत हासिल की। दक्षिण हरियाणा के कद्दावर नेता और अहीरवाल बेल्ट में राव इंद्रजीत के विरोधी माने जाते हैं। मनोहर लाल खट्टर की सरकार में नरवीर मंत्री भी रह चुके हैं।


आरती राव

केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी और पूर्व मुख्यमंत्री राव बीरेंद्र सिंह की पोत्री आरती राव पहली बार विधायक बनते ही मंत्रिमंडल में शामिल कर ली गई हैं। विधानसभा चुनाव में वह अटेली से विधायक चुनी गईं। आरती राव ने तब भाजपा का दामन थामा जब उनके पिता राव इंद्रजीत ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया। राव इंद्रजीत भी मुख्यमंत्री पद की रेश में शामिल थे। आरती का कैबिनेट में शामिल होने के पीछे उनके पिता का हाथ बताया जा रहा है।


श्याम सिंह राणा

यमुनानगर के रादौर से विधायक श्याम सिंह राणा को मंत्री पद दिया गया है। वह चुनाव से पहले ही भाजपा में शामिल हुए थे। इससे पहले 2020 में किसानों का समर्थन करते हुए उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। जिसके बाद वह इनेलो में शामिल हो गए थे। बीते जुलाई में उन्होंने दोबारा भाजपा ज्वाइन कर ली। विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के बिशन सिंह को हराया है। राणा राजपूतों के बड़े नेता माने जाते हैं। भाजपा ने इनके जरिए राजपूतों को साधने की कोशिश की है।


रणवीर गंगवा

हिसार की बरवाला सीट से चुनाव जीतकर सदन पहुंचे रणवीर गंगवा को मंत्री बनाया गया है। भाजपा से पहले वह इनेलो में थे। 2014 में रणबीर गंगवा नलवा से विधायक चुने गए। 2019 के भारतीय आम चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। 2019 विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने नलवा से जीत हासिल की। इस बार पार्टी ने उनकी सीट बदल दी। हालांकि बरवाला सीट से भी उन्होंने जीत दर्ज की।


श्रुति चौधरी

चौधरी बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी को नायब सरकार में मंत्री पद दिया गया है। चुनाव से ठीक पहले श्रुति ने अपनी मां के साथ भाजपा की सदस्यता ली थी। इनकी मां किरण राज्यसभा सांसद हैं। कांग्रेस पार्टी ने 2009 के लोकसभा चुनाव में श्रुति को भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से उतारा। इस सीट पर श्रुति पहली बार सांसद चुनी गईं। मगर 2014 में वह चुनाव नहीं जीत सकीं। 2024 में टिकट न मिलने पर जून में उन्होंने भाजपा का रुख किया। अब वह तोशाम विधानसभा सीट से विधायक हैं।


महज चार नेता संघ की उपज

13 मंत्रियों में महज चार मंत्री भाजपा संगठन और संघ से जुड़े रहे हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ महज तीन मंत्री महिपाल ढांडा, गौरव गौतम और अनिल विज ही मूलत: भाजपा और संघ की उपज हैं। इनके अलावा सभी मंत्री अन्य पार्टियों से भाजपा में आए हैं। हरियाणा में लगातार तीसरी बार भाजपा की सरकार बनी है। पार्टी ने 90 सीटों में से 48 सीट जीतकर सरकार बनाई है।

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