खाते में आए करोड़ों: 12 लाख लोगों को हुआ ऐसे लाभ, वित्त मंत्री ने दी जानकारी

EPFO ने कोरोना काल के समय में बंदी से उत्पन्न होने वाली समस्याओं को ध्यान में रखते हुए 28 मार्च को कर्मचारियों को EPFO से अग्रिम निकासी की अनुमति दी थी।

Update:2020-05-17 17:02 IST

नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। आए दिन देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। ऐसे में सरकार लोगों को लगातार राहत प्रदान कर रही है। सरकार लगातार कोई न कोई स्कीम ला कर लोगों को इस वायरस के मुश्किल समय में राहत दे रही है। इसी क्रम में सरकार द्वारा कोरोना कॉल को देखते हुए कर्मचारी भविष्य निधि से लोगों को अग्रिम धनराशि निकालने की अनुमति दी गई थी। अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने ये जानकारी दी है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के करीब 12 लाख सदस्यों ने लॉकडाउन के दौरान 3,360 करोड़ रुपये की निकासी की है।

12 लाख कर्मचारी निकल चुके 3,360 करोड़ रुपये

EPFO ने कोरोना काल के समय में बंदी से उत्पन्न होने वाली समस्याओं को ध्यान में रखते हुए 28 मार्च को कर्मचारियों को EPFO से अग्रिम निकासी की अनुमति दी थी। जिसके विषय में जानकारी देते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने बताया कि इस सुविधा का लाभ उठाते हुए 12 लाख कर्मचारियों द्वारा लॉकडाउन के दौरान 3,360 करोड़ रुपये की निकासी EPFO से की गई है। गौरतलब है कि EPFO ये पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि ये राशि श्रमिकों को दुबारा जमा नहीं करनी होगी।

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आर्थिक पैकेज की पांचवीं किस्त की घोषणा करते हुए कहा कि पिछले दो माह के दौरान ईपीएफओ के 12 लाख सदस्यों ने 3,360 करोड़ रुपये की निकासी की है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के तहत आने वाले कर्मचारी भविष्यि निधि संगठन ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 12 लाख दावों का निपटान किया है। ईपीएफ येाजना से विशेष निकासी का प्रावधान सरकार द्वारा घोषित पीएमजीकेवाई योजना का हिस्सा है।

श्रमिकों को PMGKY योजना के तहत दिए गए 3,950 करोड़ रूपए

लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये पूरा प्रावधान क्या है? यहां हम आपको बताते हैं कि क्या है प्रावधान। इस प्रावधान के तहत EPFO का सदस्य तीन महीने का मूल वेतन और महंगाई भत्ते के बराबर या सदस्य के खाते में पड़ी राशि का 75 प्रतिशत, जो भी कम हो, निकाल सकते हैं। इस राशि को उन्हें वापस जमा कराने की जरूरत नहीं होगी।

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सीतारमण ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान 2.2 करोड़ भवन और निर्माण श्रमिकों को PMGKY योजना के तहत 3,950 करोड़ रुपये दिए गए। इससे पहले मार्च में श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने सभी राज्यों से 52,000 करोड़ रुपये के निर्माण उपकर से 3.5 करोड़ निर्माण श्रमिकों को वित्तीय मदद देने को कहा था।

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