Maharashtra: महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों में 3 दिन में 50 मौतें, शिवसेना सांसद ने डीन से साफ करवाया शौचालय, वीडियो वायरल

Maharashtra News: नांदेड़ जिले के शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल में 32 मौतें और छत्रपति संभाजीनगर जिले के शासकीय मेडिकल कॉलेज एंव अस्पताल में 18 मरीजों की मौत होने के बाद से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2023-10-04 06:05 GMT

Maharashtra govt hospital  (photo: social media )

Maharashtra News: देश के विकसित राज्यों की श्रेणी में गिना जाने वाला महाराष्ट्र इन दिनों लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर खबरों में है। राज्य के दो सरकारी अस्पतालों में बीते तीन दिन में 50 मौतें हुई हैं, जिसे लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। नांदेड़ जिले के शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल में 32 मौतें और छत्रपति संभाजीनगर जिले के शासकीय मेडिकल कॉलेज एंव अस्पताल में 18 मरीजों की मौत होने के बाद से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।

नांदेड़ का शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल राज्य के बड़े अस्पतालों में शुमार है। ऐसे में यहां होने वाली मौतों को लेकर शिंदे सरकार विपक्ष के निशाने पर है। मीडिय रिपोर्ट्स के मुताबिक, अस्पताल में जो 32 मौतें हुई हैं, उनमें से आधे यानी 16 बच्चे हैं। अस्पताल में एडमिट 70 मरीजों की हालत अभी भी गंभीर बताई जा रही है, जिनमें 38 नवजात हैं। इस हॉस्पिटल में क्षमता से अधिक मरीज भर्ती हैं। अस्पताल में मरीजों के लिए 500 बेड हैं लेकिन यहां एडमिट मरीजों की संख्या एक हजार से अखिक है।

अस्पताल में दवाओं और कर्मचारियों की कमी

शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल में इलाज कराने पहुंच रहे लोग यहां की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था की शिकायत कर रहे हैं। मरीजों के परिजन का आरोप है कि लापरवाही के कारण मरीजों की मौत हो रही है। जबकि अस्पताल इसकी कुछ और ही वजह बता रहा है। अस्पताल के अध्यक्ष डॉक्टर श्याम राव वाकोड़े ने कहा कि सांप काटने और अन्य गंभीर बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली जरूरी दवाओं की कमी है। दवा की आपूर्ति करने वाली कंपनी हाफकिन ने सप्लाई बंद कर दी है। इसके अलावा लगातार कर्मचारियों के तबादले से मैनपॉवर की भी किल्लत हो गई है।

अस्पताल के डीन का कहना है कि शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल 70-80 किमी के दायरे में एकमात्र सरकारी अस्पताल है। इसलिए यहां बड़े पैमाने पर दूर-दराज इलाके से मरीज इलाज कराने पहुंचते हैं। अचानक मरीजों की संख्या में वृद्धि हो जाने से बजट की समस्या खडी हो जाती है। दवाईयों और कर्मचारियों की कमी हालात को और जटिल कर देते हैं।


सरकार ने सबकुछ ठीक करने का किया दावा

महाराष्ट्र के दो बड़े सरकारी अस्पतालों में मरीजों की लगातार हो रही मौतों को लेकर एकनाथ शिंदे सरकार विपक्ष के निशाने पर है। मामला तूल पकड़ने के बाद राज्य सरकार हरकत में आई है। राजधानी मुंबई से मंत्री और अधिकारियों की टीम को मौके के लिए रवाना किया गया। चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ ने कहा कि सरकारी अस्पताल में हर मरीज की मौत की जांच होगी। अगले 15 दिनों में हॉस्पिटल में हालात बेहतर हो जाएंगे।


शिवसेना सांसद ने डीन से साफ करवाया शौचालय

हिंगोली लोकसभा सीट से सांसद हेमंत पाटिल का एक वीडियो सामने आया है। वीडियो मंगलवार का बताया जा रहा है। पाटिल अचानक शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल का मुआयना करने पहुंचे, जब वे शौचालय की ओर गए तो वहां पसरी गंदगी को देखकर भड़क गए। उन्होंने फौरन अस्पताल के कार्यवाहक डीन को बुलावा भेजा और गंदगी को लेकर जमकर फटकार लगाई। शिवसेना सांसद यहीं नहीं रूके उन्होंने डीन को हाथ में झाडू पकड़ाकर शौचालय साफ करवाया। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हेमंत पाटिल मुख्यमंत्री शिंदे गुट के शिवसेना सांसद हैं।

विपक्ष हुआ हमलावर

सरकारी अस्पतालों में मरीजों की मौत को लेकर विपक्ष शिंदे सरकार पर हमलावर है। एनसीपी सुप्रीम शरद पवार की पुत्री और सांसद सुप्रिया सुले ने मरीजों की मौत के पीछे राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने इसकी जांच करने की मांग के साथ-साथ संबंधित मंत्री का इस्तीफा मांगा है।

वहीं, मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने राज्य सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि तीन इंजन की सरकार में स्वास्थ्य व्यवस्था वेंटिलेटर पर है। उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों में दवाईयां नहीं है। नांदेड़ ही नहीं मुंबई और ठाणे में भी यही स्थिति है।

बता दें कि महाराष्ट्र में बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी की सरकार चल रही है। इस सरकारी की अगुवाई शिवसेना शिंदु गुट के प्रमुख एकनाथ शिंदे कर रहे हैं।

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