Delhi Election 2025: कांग्रेस ने मजबूत प्रत्याशी तो उतारे मगर प्रचार में पिछड़ी पार्टी, दिग्गज नेता अभी तक कैंपेन से दूर
Delhi Election 2025: दिल्ली के विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को मतदान होने वाला है।;
Delhi Election 2025 : दिल्ली के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने तमाम सीटों पर मजबूत उम्मीदवार तो उतारे हैं मगर चुनाव प्रचार के मामले में पार्टी पिछड़ती हुई दिख रही है। शुरुआत में रैली करने के बाद राहुल गांधी बीमारी के कारण प्रचार से दूर बने हुए हैं जबकि कांग्रेस के दूसरे बड़े नेता प्रचार करने के लिए अभी तक मैदान में नहीं उतरे हैं। कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में तमाम दिग्गज नेताओं के नाम शामिल हैं मगर इन नेताओं के दिल्ली में होने के बावजूद चुनाव प्रचार से अभी तक दूर होने को लेकर तमाम सवाल उठाए जा रहे हैं।
भाजपा और आप के मुकाबले कांग्रेस पिछड़ी
दिल्ली के विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को मतदान होने वाला है। ऐसे में अब चुनाव प्रचार के लिए ज्यादा दिन नहीं बचे हैं। इसके बावजूद कांग्रेस के बड़े नेताओं की निष्क्रियता से कांग्रेस प्रत्याशी भी हैरान हैं। राहुल गांधी की सेहत ठीक न होने के कारण वैसे ही प्रत्याशियों की चिंता बढ़ी हुई है मगर पार्टी के दूसरे नेता भी उनकी मदद के लिए आगे नहीं आ रहे हैं।
दिल्ली में जहां एक ओर भाजपा और आम आदमी पार्टी ने जोरदार प्रचार अभियान छेड़ रखा है,वहीं कांग्रेस कैंपेन के मामले में काफी पिछड़ गई है। भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ ही योगी आदित्यनाथ जैसे नेता भी दिल्ली के सियासी रण में उतर चुके हैं।
पूर्वांचल के मतदाताओं को साधने और हिंदुत्व का कार्ड चलने के लिए भाजपा ने योगी को दिल्ली के प्रचार में उतारा है। आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल समेत पार्टी के सभी नेता दिल्ली के विभिन्न इलाकों में सक्रिय हैं मगर कांग्रेस की लीडरशिप उदासीन बनी हुई है।
सोनिया, प्रियंका और खड़गे प्रचार से दूर
केरल की वायनाड लोकसभा सीट से चुनाव जीतने वाली प्रियंका गांधी ने अभी तक दिल्ली चुनाव के लिए एक भी रैली नहीं की है। राहुल के बीमार होने के बाद सबकी निगाहें प्रियंका गांधी पर थीं मगर प्रियंका ने भी उदासीन रवैया अपना रखा है। सोनिया गांधी और प्रियंका का नाम दिल्ली की मतदाता सूची में शामिल है मगर दोनों नेताओं की निष्क्रियता पर हैरानी जताई जा रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल भी पार्टी के चुनाव प्रचार से दूर बने हुए हैं। उल्लेखनीय बात यह है कि ये सभी नेता दिल्ली में बने हुए हैं मगर आने वाले दिनों में भी उनकी रैलियों का कोई कार्यक्रम नहीं जारी किया गया है। ऐसे में अभी तक यह साफ नहीं है कि आने वाले दिनों में इनकी रैलियां होंगी या नहीं।
कांग्रेस के जाट नेता भी नहीं दिख रहे सक्रिय
दिल्ली के चुनाव में जाट मतदाताओं की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है और जाट मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए भाजपा और आम आदमी पार्टी में जबर्दस्त होड़ दिख रही है। दूसरी ओर हरियाणा से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस के जाट नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, दीपेंद्र हुड्डा और रणजीत सिंह सुरजेवाला दिल्ली के सियासी रण में नहीं उतरे हैं।
कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को छोड़ दिया जाए तो विभिन्न राज्यों में कांग्रेस के बड़े चेहरे भी चुनाव प्रचार से दूर दिख रहे हैं। अशोक गहलोत, सुखविंदर सिंह सुक्खू,भूपेश बघेल, डीके शिवकुमार, रेवंत रेड्डी, मुकुल वासनिक और चरणजीत सिंह चन्नी जैसे नेताओं की चुनाव प्रचार से दूरी तमाम सवाल खड़े कर रही है।
लोकसभा चुनाव तो लड़ा मगर प्रचार में निष्क्रिय
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात तो यह है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले नेता भी चुनाव प्रचार में सक्रिय नहीं दिख रहे हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने आप के साथ गठबंधन किया था और तीन सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। कांग्रेस के टिकट पर जयप्रकाश अग्रवाल, उदित राज और कन्हैया कुमार ने चुनाव लड़ा था। जयप्रकाश अग्रवाल सिर्फ अपने बेटे मुदित के लिए सक्रिय हैं। उदित राज भी सिर्फ एक-दो रैलियां कर रहे हैं तो कन्हैया कुमार चुनाव प्रचार में नहीं दिख रहे हैं।
कांग्रेस के पास राज्य स्तरीय नेताओं की भी लंबी-चौड़ी फौज है मगर ये सभी नेता अपनी-अपनी सीटों पर ही सिमट गए हैं। देवेंद्र यादव,अलका लांबा,संदीप दीक्षित,चौधरी अनिल,राजेश लिलौठिया जैसे नेताओं की सक्रियता दूसरे क्षेत्रों में नहीं दिख रही है।
सियासी जानकारों का मानना है कि शुरुआत में कांग्रेस मुकाबले को त्रिकोणीय बनाती दिख रही थी मगर मतदान की तारीख नजदीक आने के साथ ही मुकाबला भाजपा और आप के बीच सिमटता दिख रहा है।