टैक्स चोरी में फंसे कांग्रेसी नेता अभिषेक मनु सिंघवी, 57 करोड़ का जुर्माना

कांग्रेस के प्रवक्ता और सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के घेरे में फंसे हैं। उनपर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सेटलमेंट कमीशन ने 57 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। इस पर अभिषेक मनु सिंघवी ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया है।

Update:2016-11-15 16:17 IST

नई दिल्ली: कांग्रेस के प्रवक्ता और सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के घेरे में फंसे हैं। उनपर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सेटलमेंट कमीशन ने 57 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। इस पर अभिषेक मनु सिंघवी ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया है। फिलहाल राजस्थान हाई कोर्ट की जोधपुर बेंच ने कमीशन के 11 सितंबर के आदेश पर स्टे लगा दिया है। बता दें कि अभिषेक मनु सिंघवी कांग्रेस के राज्यसभा एमपी भी हैं।

क्या है आरोप ?

-अभिषेक मनु सिंघवी पर आरोप है कि वह अपने ऑफिस पर खर्च की गई राशि से संबंधित डाॅक्यूमेंट्स को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को मुहैया नहीं करवा पाए।

-इसी को लेकर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने सिंघवी पर यह कार्रवाई की है।

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क्या था मामला ?

-मामला साल 2010-11 से 2012-13 का है।

-अभिषेक मनु सिंघवी पर आरोप है कि उन्होंने इन तीन सालों की अपनी प्रोफेशनल इनकम 91.95 करोड़ रुपए कम दिखाई।

-इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की कार्रवाई के खिलाफ सिंघवी खुद सेटलमेंट कमिशन गए थे।

-जहां से उन्हें कोई राहत नहीं मिली।

-मामले की जांच करने वाले जोधपुर इनकम टैक्स कमिश्नर ने पाया कि सिंघवी के अकाउंट्स से काफी कैश निकाला गया।

-जो करीब 7 करोड़ रुपए से लेकर 32 करोड़ रुपए तक था।

-कमीशन ने मुकदमे से छूट की सिंघवी की याचिका को खारिज करते हुए उन पर यह जुर्माना लगा दिया।

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क्या है सिंघवी की दलील ?

-अभिषेक मनु सिंघवी ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को बताया कि उन्होंने 3 साल में अपने स्टाफ के लिए 5 करोड़ रुपए के लैपटॉप खरीदे।

-सिंघवी लैपटॉप की इस खरीद पर इनकम टैक्स में 30 प्रतिशत की छूट मांग रहे थे।

-सिंघवी ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को बताया कि दिसंबर 2012 में उनकी इनकम से जुड़े डाॅक्यूमेंट्स को दीमक खा गई।

-सिंघवी ने कहा कि इसीलिए वे अपनी इनकम से संबंधित डाॅक्यूमेंट्स जमा नहीं कर पाए।

-इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने सिंघवी की इस दलील को अस्वीकार कर दिया और उनपर 56 करोड़ 67 लाख रुपए का जुर्माना लगाया।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को हुआ था शक

फाइनेंशियल ईयर 2010-11 में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को सिंघवी के दावों की सत्यता पर शक हुआ क्योंकि सिंघवी ने 16 करोड़ का खर्च दिखाया था, पर उससे जुड़ी कोई लिस्ट नहीं दी थी। डिपार्टमेंट को यह भी पता चला कि ज्यादातर पेमेंट जनवरी से मार्च के बीच किया गया है।

इसी तरह, साल 2012-13 में भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कुछ गड़बड़ियां पकड़ीं। सेटलमेंट कमीशन ने अपने फैसले में कहा कि तीन निर्धारण वर्षों के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को दिखाए गए कुल खर्च के 90 फीसदी राशि पर टैक्स लगाना चाहिए। सिंघवी के दफ्तर के मुताबिक कमीशन ने उनकी तीन सालों की घोषित प्रोफेशनल इनकम में 91.95 करोड़ रुपए जोड़ते हुए, 56.67 करोड़ का जुर्माना लगाया है।

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