भारत ने अमेरिकी संसद में लॉबीइंग ना की होती तो पाकिस्तान और मजबूत होता
एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने भारत पर पलटवार करने के लिए F-16 फाइटर जेट का इस्तेमाल किया था। इसके बाद कहा गया कि पाकिस्तान इसे भारत के खिलाफ तो क्या किसी भी देश के खिलाफ इस्तेमाल नहीं कर सकता था। लेकिन कहानी कुछ और ही है मेरे दोस्तों।
नई दिल्ली : एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने भारत पर पलटवार करने के लिए F-16 फाइटर जेट का इस्तेमाल किया था। इसके बाद कहा गया कि पाकिस्तान इसे भारत के खिलाफ तो क्या किसी भी देश के खिलाफ इस्तेमाल नहीं कर सकता था। लेकिन कहानी कुछ और ही है मेरे दोस्तों। दरअसल, पाकिस्तान को ये प्लेन देते समय अमेरिका ने कहा था कि ये आतंकियों से लड़ने के साथ ही भारत के किसी टकराव की स्थिति से निपटने के लिए पाकिस्तान को दिए जा रहे हैं।
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क्या है मामला
पाकिस्तान में अमेरिका की तत्कालीन राजदूत एने पैटरसन ने अमेरिकी सरकार को 24 अप्रैल 2008 को लिखे अपने लेटर में कहा था, F-16 प्रोग्राम में बढ़ोतरी से पाकिस्तान को भारत के साथ भविष्य में टकराव की स्थिति में परमाणु हमले के बजाय अन्य तरीके से प्रतिक्रिया देने के लिए ताकत भी मिलेगी। पाकिस्तान को दिए गए पैकेज में 500 AIM-120-C5 एडवांस्ड मीडियम रेंज एयर-टु-एयर मिसाइल भी शामिल थी।
आपको बता दें, इसी मिसाइल के टुकड़ों को इंडियन एयर फ़ोर्स ने सबूत के तौर पर सामने रखा है।
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क्या कर रहा है भारत
भारत ने ट्रंप सरकार से पूछा है कि F-16 और एडवांस्ड मीडियम रेंज एयर-टु-एयर मिसाइल के उसके खिलाफ इस्तेमाल से बिक्री की शर्तों का उल्लंघन हुआ है या नहीं।
लिखा पढ़ी की बात करें तो पाकिस्तान को F-16 देते समय तत्कालीन जॉर्ज बुश सरकार ने भारत को आश्वासत किया था कि F-16 के प्रयोग और तैनाती को लेकर कड़ी निगरानी की जाएगी। पाकिस्तान के बाहर F-16 की फ्लाइट्स या अन्य देशों के साथ अभ्यास और अभियानों में इन्हें शामिल करने के लिए अमेरिका सरकार से स्वीकृति लेनी होगी।
अमेरिका वर्ष 2016 में पाकिस्तान को 8 और F-16 बेचने वाला था इसके लिए तत्कालीन ओबामा सरकार ने पूरी तैयारी भी कर ली थी। इसके बाद हरकत में आए भारत ने अमेरिकी संसद में कॉफी लॉबीइंग की और ये सौदा रद्द हो सका।