बैंक ग्राहकों को बड़ा झटका: इतने दिन ठप्प रहेगा काम, जल्द निपटा लें
बैंक ग्राहकों के लिए बड़ी खबर है। बैंक लेन देन से जुड़े सभी मामलों को अभी निपटा लें, क्योंकि सरकारी बैंक एक बार फिर से लंबी हड़ताल पर जा रहे हैं।
नई दिल्ली: बैंक ग्राहकों के लिए बड़ी खबर है। बैंक लेन देन से जुड़े सभी मामलों को अभी निपटा लें, क्योंकि सरकारी बैंक एक बार फिर से लंबी हड़ताल पर जा रहे हैं। बैंक हड़ताल से एक या दो दिन नहीं बल्कि ग्राहकों को लगातार 5 दिनों तक प्रभावित करेगा। ऐसे में आम आदमी को कैश की किल्लत होने के साथ ही लेन-देन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
इस दिन बैंक हड़ताल:
जानकारी के मुताबिक़, मार्च में बैंक हड़ताल होनी है। इसमें 11 मार्च से 13 मार्च के बीच तीन दिन लगातार हड़ताल रहेगी। वहीं यह हड़ताल महीने के दूसरे शनिवार से ठीक पहले आयोजित किया जाना है, ऐसे में रविवार को मिलाकर लगातार 5 दिनों के लिए बैंकिंग सेवाएं बाधित रह सकती हैं। बता दें कि हर महीने के दूसरे शनिवार को बैंकों का अवकाश रहता है।
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अनिश्चित हड़ताल पर भी जा सकते हैं बैंक:
ध्यान दें कि मार्च में सरकारी बैंकों में हड़ताल हुई तो यह साल 2020 की तीसरा बैंक हड़ताल होगा। बैंक सेवायें फिर से एक बार प्रभावित होगी। इससे पहले आठ जनवरी को सरकार की नीतियों को लेकर बैंक यूनियनों ने बंद का आह्वान किया था। इसके अलावा बैंक अगर सरकार यूनियन की मांग पूरी नहीं करती है तो एक अप्रैल से वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जा सकते हैं। यूनियन इसको लेकर पहले ही ऐलान कर चुकी है।
ये है बैंक कर्मचारियों की मांग:
यूनियन लीडर्स और बैंक प्रबंधन संग हुई कई बैठकों के बाद सरकारी बैंक कर्मचारियों की मांगों पर सहमति हुई। मांग की गयी कि हर 5 साल बाद उनके वेतन को रिवाइज किया जाएँ। बता दें कि बैंक कर्मचारियों की सैलरी को अंतिम बार 2012 में रिवाइज किया गया था।
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इसके अलावा बैंक यूनियन हर दूसरे शनिवार की छुट्टी के भी विरोध में है। वैसे इंडियन बैंक एसोसिएशन ने 5 दिवसीय कार्य सप्ताह के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि भारत में पहले से ही पब्लिक छुट्टीयां अधिक है। ऐसे में हर शनिवार और रविवार को बैंक की छुट्टी से आम लोगों को परेशानी हो सकती है।
इसके पहले भी दो दिनों की हड़ताल:
गौरतलब है कि ही में सरकारी बैंक दो दिनों कि हड़ताल पर गये थे। पिछले सप्ताह ही 31 जनवरी और 1 फरवरी को लगातार दो दिन बैंक हड़ताल रही। वहीं 8 जनवरी को भी यूनियन ने बंद का आह्वान किया था।