Bharat Jodo Yatra: कई प्रमुख दलों ने बनाई राहुल के कार्यक्रम से दूरी, विपक्षी एकजुटता की मुहिम को लगा करारा झटका

Bharat Jodo Yatra: कांग्रेस की ओर से समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों को समापन कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता दिया गया था. मगर कई प्रमुख विपक्षी दलों के इनकार से कांग्रेस की योजना को करारा झटका लगा है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2023-01-27 18:06 IST

major parties distanced from Rahul Bharat Jodo Yatra (Social Media)

Bharat Jodo Yatra: भारत जोड़ो यात्रा के समापन कार्यक्रम को मेगा इवेंट बनाने की कांग्रेस की योजना पर पानी फिरता हुआ नजर आ रहा है। श्रीनगर में 30 जनवरी को आयोजित होने वाले समापन कार्यक्रम में कई प्रमुख विपक्षी दलों ने हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है। कांग्रेस की ओर से समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों को समापन कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता दिया गया था. मगर कई प्रमुख विपक्षी दलों के इनकार से कांग्रेस की योजना को करारा झटका लगा है।

जानकार सूत्रों का कहना है कि सपा, बसपा, टीएमसी, जदयू और जदएस समेत कई दलों ने समापन कार्यक्रम में भाग लेने के कांग्रेश के अनुरोध को ठुकरा दिया है। प्रमुख विपक्षी दलों की ओर से उठाए गए इस कदम को मिशन 2024 में विपक्षी एकजुटता के लिए भी बड़ा झटका माना जा रहा है। सियासी जानकारों का मानना है कि विपक्षी दलों के रुख से स्पष्ट हो गया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ विपक्ष का मोर्चा बनाना काफी मुश्किल काम है।

विपक्षी दलों ने दिया कांग्रेस को झटका

जम्मू-कश्मीर में भारत जोड़ो यात्रा के पहुंचने के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के नेता डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला ने यात्रा का स्वागत किया था। यात्रा में शुक्रवार को उमर अब्दुल्ला ने भी हिस्सा लिया। पीडीपी की नेता और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी यात्रा को समर्थन दिया है मगर दूसरे राज्यों में ताकतवर माने जाने वाले कई विपक्षी दल यात्रा से किनारा करते हुए नजर आ रहे हैं।

सपा, बसपा और रालोद ने आमंत्रण के बावजूद उत्तर प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा में हिस्सा नहीं लिया था। अखिलेश यादव, मायावती और जयंत चौधरी ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों में व्यस्तता के बहाने यात्रा से दूरी बना ली थी। अब सपा और बसपा ने यात्रा के समापन कार्यक्रम में भी हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई वाली पार्टी टीएमसी ने भी समापन कार्यक्रम से दूरी बना ली है। जदयू और जदएस ने भी समापन कार्यक्रम से किनारा कर लिया है। विपक्षी दलों के इस रुख से कांग्रेस को करारा झटका लगा है।

विपक्षी दलों ने इसलिए बनाई दूरी

सियासी जानकारों का मानना है कि विपक्षी दलों के नेता समापन कार्यक्रम में हिस्सा लेकर 2024 की सियासी जंग में राहुल गांधी की दावेदारी को मजबूत बनाने के इच्छुक नहीं दिख रहे हैं। विपक्षी दलों के इस रुख से मिशन 2024 में विपक्षी दलों की एकजुटता को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री और बीआरएस के मुखिया के चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने हाल में तेलंगाना में बड़ी रैली का आयोजन किया था मगर इस रैली में कांग्रेस को आमंत्रित नहीं किया गया था।

केसीआर ने अपनी रैली में सपा मुखिया अखिलेश यादव, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और भाकपा नेता डी राजा को आमंत्रित किया था। रैली में हिस्सा लेने के लिए ये सभी नेता तेलंगाना पहुंचे थे और भाजपा पर जमकर निशाना साधा था। केसीआर के इस कदम से माना जा रहा है कि वे कांग्रेस को छोड़कर विपक्षी एकजुटता की अलग खिचड़ी पका रहे हैं।

पीएम चेहरे को लेकर गुत्थी उलझी

कांग्रेस नेताओं का दावा है कि भारत जोड़ो यात्रा को पूरे देश में व्यापक समर्थन हासिल हुआ है और इसके जरिए पार्टी बड़े वर्ग तक पहुंचने में कामयाब हो गई है। यात्रा के समापन कार्यक्रम को मेगा शो बनाने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 24 विपक्षी दलों को चिट्ठी लिखी थी मगर विपक्षी दलों का रवैए से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है।

सियासी जानकारों का मानना है कि विपक्ष में असली गुथी पीएम पद के चेहरे को लेकर फंसी हुई है और इस कारण विपक्षी दल कांग्रेस के कार्यक्रम से दूरी बनाकर चल रहे हैं। वे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की दावेदारी को मजबूत नहीं बनाना चाहते। आने वाले दिनों में विपक्षी दलों के बीच पीएम चेहरों को लेकर गुत्थी और उलझने की आशंका जताई जा रही है। विपक्ष के इस रुख से साफ हो गया है कि अगले लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के खिलाफ विपक्ष का मजबूत मोर्चा बनाना आसान नहीं होगा।

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