गजब की चीज है बिटकॉइन, जानें इसके बारे में बहुत सी खास बातें

नए साल में क्रिप्टोकरेंसी का जोर रहेगा। साल बीतते ही बिटकॉइन की कीमत 20 हजार डॉलर के पार जा चुकी है। तीन साल पहले इसे पहली बार अमेरिकी शेयर बाजार में कारोबार को मंजूरी मिली थी।

Update: 2021-01-01 09:21 GMT
गजब की चीज है बिटकॉइन, जानें इसके बारे में बहुत सी खास बातें (PC: social media)

लखनऊ: नए साल में क्रिप्टोकरेंसी का जोर रहेगा। साल बीतते ही बिटकॉइन की कीमत 20 हजार डॉलर के पार जा चुकी है। तीन साल पहले इसे पहली बार अमेरिकी शेयर बाजार में कारोबार को मंजूरी मिली थी। तबसे यह करेंसी छलांग लगती ही जा रही है। अनिश्चितता के इस दौर में पैसा सुरक्षित रखने के दूसरे तरीकों की तरह ही बिटकॉइन को भी कोरोना महामारी से काफी फायदा हुआ है।

कोरोना काल में सोना, चांदी, प्लैटिनम की कीमत कई गुना बढ़ी है। इस लिस्ट में बिटकॉइन भी शामिल हो गया है। अपनी खास बनावट के कारण अब बिटकॉइन ज्यादा संख्या में नहीं बन पा रहा है सो ऐसे में जो भी बिटकॉइन हैं, उनका कारोबार तेज हो गया है।

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बिटकॉइन कैसे काम करता है

पहले तो अनजान लोग यह जान लें कि बिटकॉइन है क्या? तो जनाब यह एक डिजिटल मुद्रा है। यह किसी बैंक या सरकार से नहीं जुड़ी है। इसे बिना पहचान जाहिर किए खर्च किया जा सकता है। यानी इस मुद्रा को लेने या देने वाले गुप्त रहते हैं। बिटकॉइन या इसके जैसी किसी भी क्रिप्टोकरेंसी को यूजर खुद ही बनाते हैं। इसके लिए उन्हें इनको ‘माइन’ करना पड़ता है।

माइन को खदान न समझिये, यह कंप्यूटर में जटिल कैलकुलेशन वाली माइनिंग है। इसमें बहुत ज्यादा बिजली और कंप्यूटर की जबरदस्त ताकत लगती है। यह मान लीजिये कि क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग में किसी छोटे शहर जितनी बिजली खप जाती है।

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यूजर को ‘माइन’ के लिए उन्हें गणना करने की क्षमता देनी होती है

बहरहाल, यूजर को ‘माइन’ के लिए उन्हें गणना करने की क्षमता देनी होती है। इसके बदले में उन्हें बिटकॉइन मिलते हैं। बिटकॉइन के सिक्कों को शेयर बाजारों में अमेरिकी डॉलर और दूसरी मुद्राओं के बदले खरीदा भी जा सकता है। कुछ कारोबार में बिटकॉइन मुद्रा के रूप में इस्तेमाल होती है हालांकि बीते कुछ सालों में इसकी लोकप्रियता ठहरी हुई है।

बिटकॉइन को स्टॉक एक्सचेंज की मंजूरी

दिसंबर 2017 में बिटकॉइन फ्यूचर को शिकागो मर्केंटाइल एक्सचेंज और शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड ने इनकी खरीद बिक्री को मंजूरी दी थी। बिटकॉइन को लेकर दिलचस्पी इतनी ज्यादा थी कि कारोबार की अनुमति मिलते ही इसकी कीमतों में भारी उछाल आया।2017 के शुरुआत में इस मुद्रा की कीमत 1000 डॉलर थी जो साल के आखिर में बढ़ कर 19,783 तक पहुंच गई।

हालांकि कारोबार शुरू होने के बाद बिटकॉइन फ्यूचर अगले कुछ महीनों में तेजी से नीचे आया। एक साल बाद ही इसकी कीमत घट कर 4000 डॉलर पर चली गयी। निवेशकों और बिटकॉइन में दिलचस्पी रखने वालों का कहना है कि 2017 में आए उछाल की बड़ी वजहें सट्टेबाजी और मीडिया का आकर्षण थे।

बिटकॉइन का क्या मोल

डिजिटल करेंसी एक्सचेंज कॉइनबेस के मुताबिक एक बिटकॉइन की कीमत लगभग 20,700 डॉलर है। कॉइनबेस दूसरे टोकन और मुद्राओं का भी कारोबार करती है। हालांकि बिटकॉइन की कीमत अस्थिर है। यह एक हफ्ते में ही सैकड़ों या हजारों डॉलरों का उतार चढ़ाव देखती है। एक महीने पहले इसकी कीमत 17,000 डॉलर थी । एक साल पहले 7000 डॉलर।

जोखिम वाला निवेश

बिटकॉइन एक बहुत जोखिम वाला निवेश है और पारंपरिक निवेश के तरीकों जैसे कि शेयर या फिर बॉन्ड की तरह व्यवहार नहीं करता, जब तक कि खरीदार कई सालों तक इस मुद्रा को अपने पास ना रखे। उदाहरण के लिए एसोसिएटेड प्रेस ने 100 अमेरिकी डॉलर की कीमत के बिटकॉइन खरीदे ताकि वह इस मुद्रा पर नजर रख सके और व्यापार में इसके इस्तेमाल के बारे में खबर दे सके। इस पोर्टफोलियो का खर्च इस महीने जा कर अपने मूलधन पर पहुंचा है।

इतना लोकप्रिय क्यों

दरअसल कंप्यूटर कोड की एक सीरीज है। यह जब भी एक यूजर से दूसरे के पास जाता है तो इस पर डिजिटल सिग्नेचर किए जाते हैं। लेन देन खुद को गोपनीय रख कर भी किया जा सकता है। इसी वजह से यह अच्छे और बुरे, दोनों लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है।

‘ओवरस्टॉक डॉट कॉम’ बिटकॉइन में भुगतान स्वीकार करता है

बिटकॉइन को डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है जिसे या तो कॉइनबेस जैसे एक्सचेंज के जरिए ऑनलाइन हासिल किया जा सकता है या फिर ऑफलाइन हार्ड ड्राइव में एक खास सॉफ्टवेयर के जरिए। बिटकॉइन का समुदाय यह तो जानता है कि कितने बिटकॉइन हैं लेकिन वे कहां हैं इसके बारे में सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है।

bitcoin (PC: social media)

कुछ कारोबार बिटकॉइन का इस्तेमाल कर रहे हैं जैसे कि ‘ओवरस्टॉक डॉट कॉम’ बिटकॉइन में भुगतान स्वीकार करता है। ये मुद्रा इतनी मशहूर है कि ब्लॉकचेन डॉट इंफो के मुताबिक औसतन हर दिन 3,00,000 लेनदेन होते हैं। हालांकि इसकी लोकप्रियता नगद या क्रेडिट कार्ड की तुलना में कम ही है। बहुत सारे लोग और कारोबार में इसे भुगतान के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

बिटकॉइन की सुरक्षा

बिटकॉइन नेटवर्क सामूहिक अच्छाई के लिए कुछ लोगों की लालसा पर निर्भर करता है। तकनीक के जानकार कुछ लोग जिन्हें माइनर कहा जाता है वो इस तंत्र में गणना की क्षमता ब्लॉकचेन में डाल कर इसे ईमानदार बनाए रखते हैं। ब्लॉक चेन हर बिटकॉइन के लेनदेन का हिसाब रखता है। इस तरह से यह उन्हें दो बार बेचे जाने को रोकता है। माइनरों को उनकी कोशिशों के लिए तोहफों में बिटकॉइन दिए जाते हैं। जब तक माइनर ब्लॉकचेन को सुरक्षित रखेंगे इसकी नकल करके नकली मुद्रा बनने का डर नहीं रहेगा।

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यहां तक कैसे पहुंचा बिटकॉइन

बिटकॉइन को 2009 में एक शख्स या फिर एक समूह ने शुरू किया जो सातोषी नाकामोतो के नाम से काम कर रहे थे। उस वक्त बिटकॉन को थोड़े से उत्साही लोग ही इस्तेमाल कर रहे थे। जब ज्यादा लोगों का ध्यान उस तरफ गया तो नाकामोतो को नक्शे से बाहर कर दिया गया। हालांकि इससे मुद्रा को बहुत फर्क नहीं पड़ा यह सिर्फ अपनी आंतरिक दलीलों पर ही चलता रहा।

2016 में एक ऑस्ट्रेलिया उद्यमी ने खुद को बिटकॉइन के संस्थापक के रूप में पेश किया। हालांकि कुछ दिनों बाद ही उसने कहा कि उसके पास सबूतों को जाहिर करने की "हिम्मत नहीं है।" इसके बाद से इस मुद्रा की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है।

रिपोर्ट- नीलमणि लाल

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