Arvind Kejriwal: केजरीवाल के इस्तीफे को BJP ने बताया 'राजनीतिक पैंतरेबाजी', सुधांशु बोले- 48 घंटे का राज क्या है?

Arvind Kejriwal CM Resignation: भाजपा प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए केजरीवाल के सीएम पद के इस्तीफे पर जोर का हमला बोला।

Newstrack :  Network
Update:2024-09-15 15:48 IST

Arvind Kejriwal CM Resignation (सोशल मीडिया) 

Arvind Kejriwal CM Resignation:  शराब घोटाले के ईडी और सीबीआई मामले में सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिलते ही तिहाड़ जेल से बाहर आने के दो दिन बाद रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी। रविवार को सीएम केजरीवाल ने पार्टी कार्यालय में विधायक दल की बैठक की, जिसमें यह फैसला लिया गया कि अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री पद छोड़ेंगे। पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा कि वह दो दिन पर मुख्यमंत्री पद छोड़ेंगे। केजरीवाल के इस ऐलान के बाद दिल्ली का सियासी पारा हाई हो गया है। आप जहां केजरीवाल के इस कदम को कट्टर ईमानदार बता रही है तो वहीं भाजपा ने इसे 'राजनीतिक पैंतरेबाजी' और चुनाव से पहले जानबूझकर 'सहानुभूति' करार दिया है। भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने आप और केजरीवाल से ये तक पूछा लिया है कि आखिर 48 घंटे का राज क्या है?

48 घंटे में क्या-क्या निपटाना है, पूछी रही दिल्ली की जनता

भाजपा प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए केजरीवाल के सीएम पद के इस्तीफे पर जोर का हमला बोला। सुधांशु त्रिवेदी तंज मारते हुए कहा कि केजरीवाल के जेल से बाहर आने के बाद आतिशबाजी की गई। वे इस देश के पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं, जो जेल से बाहर आकर अपनी ही सरकार के बनाए नियमों को तोड़ रहे हैं। खुद दिल्ली सरकार आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाने का फैसला करती है और खुद ही अपना नियम तोड़ती है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल बाहर आकर इस्तीफा देने की बात क्यों कर रहे हैं और 48 घंटे बाद क्या मामला है? देश और दिल्ली की जनता जानना चाहती है कि 48 घंटे का राज क्या है और 48 घंटे में क्या-क्या निपटाना है?

केजरीवाल राजनीतिक दांव-पेंच में माहिर, बोलीं- इल्मी

भाजपा नेता शाजिया इल्मी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें बहुत पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था। अरविंद केजरीवाल राजनीतिक दांव-पेंच में माहिर हैं। उन्हें पता है कि उन्हें उन 5 महीनों में ही इस्तीफा दे देना चाहिए था, जब वे जेल में थे। वे जानबूझकर इस्तीफे की बात कर रहे हैं, क्योंकि सहानुभूति पाने का यही एकमात्र तरीका है। दिल्ली की जनता उनकी असलियत को पूरी तरह समझ चुकी है।

6 महीने पहले क्यों नहीं दिया इस्तीफा

भाजपा नेता हरीश खुराना ने दिल्ली के मुख्यमंत्री से पूछा कि जब वे पिछले 6 महीनों से जेल में थे, तब उन्होंने इस्तीफा क्यों नहीं दिया। खुराना ने कहा, अगर उन्हें इस्तीफा देना है तो आज क्यों नहीं? लोग आपसे पूछ रहे हैं कि अगर कोर्ट ने फैसला दिया है कि आप सचिवालय नहीं जा सकते, आप किसी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते, तो फिर सीएम पद पर बने रहने का आपका क्या औचित्य है?... आप जमानत पर सीएम हैं। आप बरी नहीं हुए हैं, आप एक सीएम हैं जो ट्रायल का सामना कर रहे हैं। आपने तब इस्तीफा नहीं दिया जब दिल्ली में सारे काम बंद हो गए थे और आप 6 महीने तक जेल में थे।

केजरीवाल का ये सब नाटक और नौटंकी

भाजपा नेता योगेंद्र चंदोलिया ने आप पर हमला करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल सीएम पद से इस्तीफा देने की "नौटंकी" कर रहे हैं। यह सब दिल्ली के मुख्यमंत्री का नाटक और नौटंकी है। यह तब हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि वह सीएमओ कार्यालय नहीं जाएंगे और कागजात पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे। इतना कुछ होने के बाद क्या केजरीवाल जी के पास कुछ बचा है? मनीष सिसोदिया और वह (अरविंद केजरीवाल) एक ही थाली के चाटते हैं। मनीष सिसोदिया मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते क्योंकि उन पर अरविंद केजरीवाल का दबाव है।

जानिए कब होंगे विस चुनाव

बता दें कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2025 की शुरुआत में होने की उम्मीद है। 2020 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस खाता तक नहीं खुला था। आप ने जहां 70 में से 62 सीटें जीतीं, वहीं भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में आठ सीटें हासिल की थीं।

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