जानिए क्या है ई-सिगरेट, सरकार ने किया बैन, इस्तेमाल पर होगी जेल

केंद्र की मोदी सरकार ने बुधवार को कैबिनेट बैठक में अहम फैसले लिए। सरकार ने देश में ई-सिगरेट को पूरी तरह से बैन कर दिया है। सरकार ने त्योहारों से पहले रेलवे कर्मचारियों को 78 दिन के वेतन के बराबर बोनस का फैसला लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक हुई।

Update: 2023-05-11 23:49 GMT

नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने बुधवार को कैबिनेट बैठक में अहम फैसले लिए। सरकार ने देश में ई-सिगरेट को पूरी तरह से बैन कर दिया है। सरकार ने त्योहारों से पहले रेलवे कर्मचारियों को 78 दिन के वेतन के बराबर बोनस का फैसला लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक हुई।

कैबनिट बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि सरकार ने ई-सिगरेट को बैन कर दिया है। वित्त मंत्री ने कहा कि ई-सिगरेट के उपयोग, उत्पादन, बिक्री, भंडारण को पूरी तरह बैन कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों में भी इसका चलन तेजी से बढ़ रहा था।

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कैबिनेट ने ई-सिगरेट के इम्पोर्ट, प्रोडक्शन और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ई-सिगरेट के प्रमोशन पर भी रोक लगाई गई है।

सरकार ई-सिगरेट से ज्यादा नुकसानदेह सिगरेट पर भी बैन क्यों नहीं लगा रही है के सवाल पर सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि अभी इसकी लत नई है, इसलिए सरकार ने इसे शुरुआत में ही रोकने का फैसला किया है। उन्होंने साफ किया कि ई-हुक्का पर भी बैन लगा है।

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पहला गुनाह करने पर आरोपी को 1 साल की सजा या एक लाख का जुर्माना या दोनों हो सकती है, लेकिन अगर बार-बार गुनाह करता है तो दूसरी बार पकड़े जाने पर 5 लाख तक जुर्माना या 3 साल की कैद या दोनों हो सकती है।

जावेडकर ने कहा कि सही समय पर स्टेप उठाया गया है जिससे ई-सिगरेट के चलन को बढ़ने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि दुनिया में क्या हो रहा है, इसकी पृष्ठभूमि है लेकिन भारत के रिसर्च संस्थानों ने इस पर रिसर्च किया है।

उन्होंने कहा कि एम्स, टाटा और बाकी प्रमुख संस्थानों और डॉक्टरों ने इसकी सिफारिश की थी। टेक्निकल कमिटी ने इसकी पूरी जांच की इसके बाद ही मंत्रिमंडल के पास आया।

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क्‍या है ई-सिगरेट

ई-सिगरेट बैटरी से चलने वाले ऐसी डिवाइस हैं जिनमें लिक्विड भरा रहता है। यह निकोटीन और दूसरे हानिकारक केमिकल्‍स का घोल होता है। जब आप कश खींचते हैं तो हीटिंग डिवाइस इसे गर्म करके भाप में बदल देती है। इसीलिए स्‍मोकिंग की तर्ज पर वेपिंग) कहते हैं।

सिगरेट जैसा ही नुकसान

देखा जा रहा है कि लोग आम सिगरेट की जगह ई-सिगरेट पीने लगे हैं। उनका मानना है कि धुंआ देने वाली सिगरेट की जगह यह इलेक्‍ट्रॉनिक सिगरेट ज्‍यादा बेहतर है, क्‍योंकि यह सेहत को कम नुकसान पहुंचाती है। पर असलियत इससे अलग है, ई-सिगरेट भी सेहत पर बुरा असर डालती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी कहा था कि इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट से पारंपरिक सिगरेट जैसा ही नुकसान होता है।

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