नई दिल्ली: अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले में सीबीआई ने शुक्रवार को पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी को गिरफ्तार किया है। यह जानकारी न्यूज एजेंसी एएनआई ने दी है। एसपी त्यागी पर अगस्ता सौदे में दलाली का आरोप है।
त्यागी के भाई भी हिरासत में
अगस्ता वेस्टलैंड मामले में सीबीआई ने पूर्व एयर चीफ मार्शल एसपी त्यागी समेत 3 आरोपियों को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया। साथी ही एसपी त्यागी के भाई जूली, बिजनेसमैन गौतम खेतान को भी सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। मई में सीबीआई ने इस घोटाले के सिलसिले में पूर्व वायुसेना प्रमुख त्यागी से कई दौर की पूछताछ की थी।
सीबीआई ने शर्तों पर किए थे कई सवाल
सीबीआई ने त्यागी से दलालों से कथित रिश्तों और उनके इटली दौरों से जुड़े कई सवाल किए थे। उनसे हेलिकॉप्टर के लिए शर्तों में तब्दीली और उनके रिश्तेदारों को लेकर भी सवाल किए थे।
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अधिकारियों से की थी मुलाकात
पूछताछ में त्यागी ने स्वीकार किया था कि उन्होंने अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर बनाने वाली कंपनी फिनमेक्कैनिका के वरिष्ठ अधिकारियों से तब मुलाकात की थी, जब सौदे की बातचीत जारी थी। उन्होंने बताया था कि वह 15 फरवरी 2005 को फिनमेक्कैनिका के सीओओ जॉर्जिया जापा से दिल्ली में मिले थे।
घटाया था फ्लाइंग सीलिंग
पूर्व वायुसेना प्रमुख त्यागी पर आरोप है कि उन्होंने चॉपर करार को अंतिम रूप देने के लिए इसका फ्लाइंग सीलिंग 6,000 मीटर से घटाकर 4,500 मीटर करने में मदद की थी।
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क्या है मामला?
फरवरी 2010 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने इटली की कंपनी फिनमेकेनिका की सहायक कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के साथ 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टर खरीदने का कॉन्ट्रैक्ट किया था। इन हेलिकॉप्टरों को वीवीआईपी मसलन पीएम और राष्ट्रपति के लिए इस्तेमाल किया जाना था। नए हेलिकॉप्टर इसलिए खरीदे जा रहे थे क्योंकि पुराने एमआई 8 हेलिकॉप्टर बहुत ज्यादा ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम नहीं थे। शुरुआत में हेलिकॉप्टरों की खरीद में एयरफोर्स ऊंचाई वाले मानक पर किसी तरह का समझौता करने के लिए तैयार नहीं थी। इस शर्त की वजह से अगस्ता डील के दौड़ से शुरुआत में बाहर हो गई।
ऐसे सामने आया घूस देने का मामला
घूस देने का मामला सामने आने के बाद यूपीए सरकार ने 2013 में इस डील को होल्ड पर डाल दिया। इसके बाद, जनवरी 2014 में कॉन्ट्रैकट रदद कर दिया। कैग ने अगस्त 2013 में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि इंडियन एयरफोर्स ने हेलिकॉप्टरों की खरीद के लिए जो जरूरतें बताईं, उनमें 2006 में किए गए बदलावों की वजह से बाकी कंपनियां दौड़ से बाहर हो गई और अगस्ता वेस्टलैंड को फायदा पहुंचा। इस बात का भी जिक्र है कि कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए नियमों में कई बार बदलाव किए गए।