35 साल बाद भी नहीं मिली राहत, सज्जन कुमार को आजीवन रहना होगा जेल में
35 साल पुराना हुआ सिख विरोधी हिंसा कांड अभी तक खत्म नहीं हुआ है। 1984 सिख विरोधी हिंसा के मामले में पूर्व कांग्रेसी नेता सज्जन कुमार को राहत नहीं मिली।
नई दिल्ली: 35 साल पुराना हुआ सिख विरोधी हिंसा कांड अभी तक खत्म नहीं हुआ है। 1984 सिख विरोधी हिंसा के मामले में पूर्व कांग्रेसी नेता सज्जन कुमार को राहत नहीं मिली। अभी तो सज्जन कुमार को जेल में ही रहना होगा। उच्चतम न्यायालय ने 6 बुधवार को कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई की।
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सुप्रीम कोर्ट ने एम्स के निदेशक को दिया ये आदेश
जेल में बंद सज्जन कुमार की मेडिकल जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एम्स के निदेशक को डॉक्टरों का मेडिकल बोर्ड बनाने का आदेश दिया है। साथ ही उच्चतम न्यायालय ने कहा कि 4 हफ्ते में बोर्ड रिपोर्ट दाखिल करे। सज्जन कुमार ने अपनी खराब तबीयत का हवाला देकर जमानत मांगी थी।
सिख विरोधी दंगों के मामले में सज्जन कुमार को दिल्ली उच्चतम न्यायालय ने दिसंबर 2018 में आरोपी करार दे दिया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उन्होंने इस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी और जमानत याचिका दायर की थी, जो अभी तक अपूर्ण है।
हत्या करने वाली भीड़ को उकसाने की कोशिश की
सज्जन कुमार और पांच अन्य ने 31 अक्टूबर 1984 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली में कैंट के राजनगर क्षेत्र में एक परिवार के पांच सदस्यों- केहर सिंह, गुरप्रीत सिंह, रघुवेंदर सिंह, नरेंद्र पाल सिंह और कुलदीप सिंह की हत्या करने वाली भीड़ को उकसाने की कोशिश की थी।
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साल 2005 में न्यायमूर्ति जी।टी। नानावती आयोग की अनुशंसा पर सज्जन कुमार और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।