Congress President Election: नया अध्यक्ष चुनने के लिए नामांकन आज से, आखिर क्यों सबसे मजबूत है गहलोत की दावेदारी

Congress President Election 2022: लंबे इंतजार के बाद हो रहे कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में आज से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। नामांकन की यह प्रक्रिया 30 सितंबर तक चलेगी।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2022-09-24 09:54 IST

कांग्रेस का नया अध्यक्ष चुनने के लिए नामांकन आज से: Photo- Social Media

Congress President Election 2022: लंबे इंतजार के बाद हो रहे कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में आज से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। नामांकन की यह प्रक्रिया 30 सितंबर तक चलेगी। नामांकन प्रक्रिया (Enrollment Process) की शुरुआत के साथ ही कांग्रेस में गहमागहमी काफी तेज हो गई है। 24 साल बाद कांग्रेस को गैर गांधी अध्यक्ष मिलने वाला है। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने साफ कर दिया है कि इस बार गांधी परिवार से कोई भी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं लड़ेगा। 

कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में फिलहाल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और शशि थरूर का नाम सबसे आगे चल रहा है। गहलोत ने अपने नामांकन का ऐलान कर दिया है मगर उन्होंने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि वे किस तारीख को नामांकन करेंगे। हालांकि कुछ और दावेदारों के नाम भी चर्चा में है। वैसे इन दावेदारों ने अभी तक अध्यक्ष का पद का चुनाव लड़ने के संबंध में खुलकर कोई बयान नहीं दिया है।

गहलोत सबसे मजबूत दावेदार

कांग्रेस के नए अध्यक्ष के लिए अधिकांश नेता राहुल गांधी के समर्थन में थे मगर काफी मनाए जाने के बावजूद राहुल चुनाव मैदान में उतरने के लिए तैयार नहीं हुए। कांग्रेस की अधिकांश प्रदेश इकाइयों ने भी राहुल गांधी को ही पार्टी की कमान सौंपने का प्रस्ताव पारित किया था। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी दो दिनों पूर्व केरल जाकर राहुल गांधी को मनाने की आखिरी कोशिश की थी मगर राहुल ने अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का अनुरोध ठुकरा दिया। उनका कहना था कि इस बार गांधी परिवार से बाहर का कोई नेता पार्टी की कमान संभालेगा।

राहुल के तैयार न होने के बाद ही गहलोत ने खुद का नामांकन किए जाने का ऐलान किया था। अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि गहलोत अध्यक्ष पद के लिए कब नामांकन करेंगे। अशोक गहलोत की दावेदारी को सबसे मजबूत माना जा रहा है। हालांकि गांधी परिवार ने अभी तक किसी के समर्थन का ऐलान नहीं किया है मगर जानकारों का कहना है कि गहलोत को ही गांधी परिवार का आशीर्वाद हासिल है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत-पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर: Photo- Social Media

इन नेताओं के नाम चर्चा में 

अध्यक्ष पद के लिए गहलोत के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर (Former Union Minister Shashi Tharoor) का नाम भी चर्चा में है। थरूर ने पिछले दिनों कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर के अध्यक्ष का चुनाव लड़ने की मंशा जताई थी। थरूर के अलावा सांसद मनीष तिवारी के भी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने की चर्चा है।

पार्टी के वरिष्ठ नेता कमलनाथ का नाम भी चर्चाओं में है। एक और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह पिछले दिनों अपना नाम खारिज न करने की बात कह चुके है। वैसे नामांकन के मुद्दे पर इन नेताओं ने खुलकर कोई बात नहीं कही है। 

24 साल से गांधी परिवार के पास अध्यक्ष पद 

कांग्रेस में 24 साल बाद यह पहला मौका होगा जब गांधी परिवार से इतर कोई नेता पार्टी की कमान संभालेगा। कांग्रेस में 1998 से ही अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी गांधी परिवार ही संभालता रहा है। 1998 से 2017 तक लगातार 19 साल तक सोनिया गांधी ने पार्टी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली।

 2017 से 2019 तक राहुल गांधी को पार्टी की कमान सौंपी गई थी मगर 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद सोनिया गांधी को एक बार फिर पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष बना दिया गया था। कांग्रेस में लंबे समय से अध्यक्ष पद के चुनाव की सुगबुगाहट सुनी जाती रही है मगर अब लंबे इंतजार के बाद अध्यक्ष पद का चुनाव होने जा रहा है।

अध्यक्ष पद का चुनाव कार्यक्रम 

कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण की ओर से घोषित किए गए चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक आज से शुरू होने वाली नामांकन की प्रक्रिया 30 सितंबर तक चलेगी। पार्टी के वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री की अगुवाई वाला प्राधिकरण पूरी चुनाव प्रक्रिया की देखरेख करेगा। 8 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकते हैं। जरूरी होने पर 17 अक्टूबर को मतदान कराया जाएगा और फिर 19 अक्टूबर को मतगणना के बाद चुनाव नतीजे घोषित किए जाएंगे।

इस बीच पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने पार्टी के सभी प्रवक्ताओं और नेताओं से कहा है कि वे उम्मीदवारों को लेकर कोई टीका टिप्पणी न करें। पार्टी के प्रवक्ता गौरव बल्लभ की ओर से अशोक गहलोत की वकालत किए जाने के बाद उन्होंने पार्टी प्रवक्ताओं को उम्मीदवारों पर टिप्पणी करने से परहेज करने की नसीहत दी है।

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