अमेरिका ने किया बड़ा खेल! राणा को तो सौंपा मगर डेविड हेडली को बचाया, आखिर कैसे होगा मुंबई के जख्मों का हिसाब?
Tahawwur Rana: अमेरिका ने राणा को भारत के हवाले किए जाने का तो स्वागत किया है मगर हेडली के मुद्दे पर चुप्पी साध ली है।;
Tahawwur Rana vs David Headley: मुंबई में 2008 में हुए आतंकी हमले ने केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया था। इस हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे। मुंबई में हुए इस बड़े हमले की साजिश में दो नाम प्रमुखता से उभरे थे। पहला डेविड कोलमैन हेडली और दूसरा तहव्वुर हुसैन राणा। राणा को भारतीय जांच एजेंसियों के हवाले किया जा चुका है मगर हेडली अभी भी अमेरिका की जेल में ही बंद है।
हेडली अमेरिकी नागरिक है और उसे भारतीय एजेंसियों के हवाले न किए जाने पर सवाल उठने लगे हैं। जानकारों का कहना है कि राणा मुंबई के आतंकी हमले का छोटा खिलाड़ी है जबकि अमेरिकी नागरिक हेडली हमले का मुख्य साजिशकर्ता है और उसे अमेरिकी संरक्षण प्राप्त है। ऐसे में अमेरिका की मंशा पर सवाल उठाए जा रहे हैं। अमेरिका ने राणा को भारत के हवाले किए जाने का तो स्वागत किया है मगर हेडली के मुद्दे पर चुप्पी साध ली है।
हेडली ने ही की थी हमले से पहले मुंबई की रेकी
मुंबई के आतंकी हमले में शामिल नौ आतंकियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया था जबकि एक आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया था जिसे 2012 में फांसी दे दी गई थी। वैसे इस हमले की साजिश को अंजाम देने वाले असली मास्टरमाइंड अभी भी सजा से पूरी तरह दूर बने हुए हैं। मुंबई के आतंकी हमले की साजिश रचने में दो नाम प्रमुखता से उभरे थे।
इनमें पहला नाम डेबिट कोलमैन हेडली का था जबकि दूसरा नाम तहव्वुर हुसैन राणा का था। हेडली ने ही हमले से पहले मुंबई की रेकी की थी और इस तरह वह आतंकी हमले मास्टरमाइंड था। राणा ने हेडली को लॉजिस्टिक सपोर्ट और फंडिंग मुहैया कराई थी।
2006 से 2008 के बीच कई बार मुंबई की यात्रा
डेविड कोलमैन हेडली का असली नाम दाऊद सईद गिलानी है। वह पाकिस्तानी-अमेरिकी नागरिक है और उसका जन्म वॉशिंगटन डीसी में एक पाकिस्तानी पिता और अमेरिकी मां के घर हुआ था। हेडली ने ने 2006 से 2008 के बीच कई बार मुंबई की यात्रा की और इस दौरान उन स्थानों की रेकी की जहां पर आतंकी हमला होना था। अपनी पहचान छिपाने के लिए उसने खुद को एक बिजनेसमैन के रूप में पेश किया था।
अमेरिका पर हेडली को संरक्षण का बड़ा आरोप
हेडली अभी भी अमेरिका की एक अज्ञात जेल में बंद है जबकि तहव्वुर राणा को भारत के हवाले किया जा चुका है। हेडली को भारत को न सौंपे जाने पर सवाल भी उठाए जा रहे हैं। देश के पूर्व केंद्रीय गृह सचिव जीके पिल्लई का कहना है कि तहव्वुर राणा की इस नरसंहार में बहुत "छोटी भूमिका" थी और मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली को अमेरिकी सरकार का संरक्षण प्राप्त है। पिल्लई के अलावा भी कई लोगों ने हेडली का प्रत्यर्पण न किए जाने पर सवाल उठाए हैं।
एक अंग्रेजी अखबार को दिए गए इंटरव्यू में पिल्लई ने अमेरिका पर बुरी नीयत से काम करने का बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हेडली ने अमेरिकी सरकार और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए डबल एजेंट के रूप में काम किया। 2009 में हेडली की गिरफ्तारी हुई थी मगर अमेरिका ने डील और सौदेबाजी की पेशकश करके उसे भारत के हवाले करने का रास्ता बंद कर दिया।
अमेरिकी पासपोर्ट पर पाकिस्तान की यात्रा
एक उल्लेखनीय बात यह है कि केंद्रीय गृह सचिव के रूप में पिल्लई के कार्यकाल के दौरान ही 2009 में अमेरिकी अधिकारियों ने हेडली और राणा को गिरफ्तार किया था। मुंबई के हमले में 166 लोग मारे गए थे और इस हमले के साल भर बाद इन दोनों गुनहगारों की गिरफ्तारी हुई थी। पिल्लई ने कहा कि शायद बाद में एनआईए के हाथ महत्वपूर्ण सबूत लगे होंगे। इस मामले में चार्जशीट दाखिल होने के बाद ही इन सबूतों के बारे में जानकारी मिल सकेगी।
पिल्लई ने कहा कि मुंबई के आतंकी हमले से पहले हेडली ने कई बार भारत की यात्राएं कीं। अमेरिकी पासपोर्ट पर वह भारत से पाकिस्तान की यात्रा पर भी गया था। उसके पास अमेरिकी पासपोर्ट होने के कारण हमारी खुफिया एजेसियों को भी हेडली के पाकिस्तानी एजेंट होने का कोई शक नहीं था। आतंकियों ने उसकी पाकिस्तानी पहचान छिपाने के लिए शातिर चाल चली थी और उसने मुंबई की रेकी करके आतंकी हमले में बड़ी भूमिका निभाई थी।
मुंबई हमले में स्वीकार की थी भूमिका
जानकारों का कहना है कि अमेरिका में पूछताछ के दौरान हेडली ने मुंबई हमले में अपनी भूमिका स्वीकार की थी। इस पूछताछ के दौरान ही तहव्वुर राणा का नाम सामने आया था। जानकारों का कहना है कि हेडली ने अमेरिकी जांच एजेंसी के साथ एक डील कर ली थी। उसने लश्कर और आईएसआई के बारे में जानकारी देने के बदले भारत को प्रत्यर्पित न किए जाने की शर्त रखी थी।
2010 में उसने अपने खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया था जिसमें मुंबई हमले की साजिश और आतंकवाद को समर्थन देना शामिल था। जनवरी 2013 में उसे 35 साल की सजा सुनाई गई थी और मौजूदा समय में वह अमेरिका की किसी अज्ञात जेल में सजा काट रहा है। वैसे जानकारों का मानना है कि यदि मुंबई हमले के बारे में हेडली भारतीय एजेंसियों के हाथ लगा होता तो निश्चित रूप से हमले की परत दर परत खुल गई होती।