Tahawwur Rana: तहव्वुर राणा को भारत लाए जाने से क्यों घबराया पाकिस्तान, आखिर सता रहा है किस बात का डर
Tahawwur Rana : मुंबई में हुए आतंकी हमले में अहम भूमिका निभाने वाला आतंकी तहव्वुर राणा अमेरिका से भारत लाया जा चुका है।;
Tahawwur Rana (Social media)
Tahawwur Rana News : मुंबई में हुए आतंकी हमले में अहम भूमिका निभाने वाला आतंकी तहव्वुर राणा अमेरिका से भारत लाया जा चुका है। एनआईए और रा की संयुक्त टीम उसे अमेरिका से लेकर भारत पहुंची है। अदालती आदेश के बाद अब राणा 18 दिनों तक एनआईए की कस्टडी में रहेगा। राणा को भारत लाए जाने के बाद अब मुंबई में हुए आतंकी हमले से जुड़े कई राज खुलने की संभावना जताई जा रही है। राणा को भारत लाए जाने से पाकिस्तान घबराया हुआ है।
वैसे अब पाकिस्तान राणा से पल्ला झाड़ने की कोशिश में जुट गया है। जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान की घबराहट यूं ही नहीं है। राणा के पास भले ही कनाडा की नागरिकता हो मगर पाकिस्तान के साथ उसका सीधा कनेक्शन है। वह पाकिस्तान सेवा में डॉक्टर रहा है और पाकिस्तान को इस बात का डर सता रहा है कि राणा के भारतीय एजेंसियों के हाथ में आने के बाद अब पाकिस्तान की कलई खुल जाएगी। रक्षा विशेषज्ञों को भी राणा से पूछताछ के दौरान मुंबई पर हुए आतंकी हमले में पाकिस्तान की भूमिका के बारे में बड़ा खुलासा होने की उम्मीद है।
पाकिस्तान क्यों झाड़ने लगा राणा से पल्ला
राणा को भारत लाए जाने पर पाकिस्तान ने उससे दूरी बनाने की कोशिश शुरू कर दी है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने का कहना है कि राणा कनाडा का नागरिक है और पिछले दो दशकों के दौरान उसने अपने पाकिस्तान के दस्तावेजों का नवीनीकरण नहीं कराया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी किया गया बयान पड़ोसी मुल्क की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है।
दरअसल, पाकिस्तान को इस बात का आभास हो चुका है कि अब भारतीय एजेंसियों की ओर से पूरी दुनिया के सामने मुंबई पर हुए आतंकी हमले में पाकिस्तान की भूमिका का खुलासा किया जाएगा। इसके बाद वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान को लेकर इतने सवाल उठेंगे,जिनका जवाब देना पाकिस्तान के लिए आसान नहीं होगा। यही कारण है कि पाकिस्तान राणा से पल्ला झाड़ने में जुट गया है।
राणा से रिश्तों को नकारना क्यों है मुश्किल
वैसे जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान चाहे जो भी बयान जारी करें मगर वह राणा के साथ अपने रिश्तों को नकार नहीं सकता। राणा ने पाकिस्तान सेना में डॉक्टर के रूप में काम किया है। पाकिस्तान की सेना और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ उसका करीबी रिश्ता रहा है। पकिस्तान से निकलने के बाद भी वह पाकिस्तान के बड़े अधिकारियों और आईएसआई के अफसरों के संपर्क में रहा है।
इसके साथ ही मुंबई पर हमले को अंजाम देने वाले गुनहगारों के साथ भी उसका संपर्क बना हुआ था। ऐसे में पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान का कोई मतलब नहीं रह जाता। जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान को इस बात का आभास हो गया है कि आने वाले दिनों में उसकी भूमिका को लेकर बड़े सवाल खड़े होने वाले हैं।
पूछताछ में खुलेगी पाकिस्तान की पोल
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि अब भारतीय एजेंसियों की ओर से तहव्वुर राणा से गहराई से पूछताछ की जाएगी। इस पूछताछ के दौरान मुंबई पर हुए आतंकी हमले पाकिस्तान की पूरी पोल खुल जाएगी। भारत इस हमले में पाकिस्तान की भूमिका को लेकर पहले भी कई सबूत देता रहा है मगर पाकिस्तान ने हर बार इन सबूतों को नकार दिया। अब तहव्वुर राणा से पूछताछ के दौरान पाकिस्तान की सेना, खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाकिस्तान हुकूमत की भूमिका का पूरा खुलासा होने की संभावना है।
आतंकियों के मददगार की पहचान
पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर आने के लिए काफी पापड़ बेलने पड़े हैं। काफी कोशिशों के बावजूद उसे तीन साल पहले ग्रे लिस्ट से बाहर आने में कामयाबी मिली है। पाकिस्तान ने आतंकियों की फंडिंग रोकने का तर्क देकर यह कामयाबी हासिल की है।
अब राणा से पूछताछ के बाद एक बार फिर पाकिस्तान आतंकवादियों की मदद करने वाले देश के रूप में पहचाना जाएगा। आतंकियों की मदद करने वाले देश के रूप में उस पर फिर काला धब्बा लगेगा। यही कारण है कि पाकिस्तान की सरकार घबराई हुई दिख रही है।
आतंकी सरगनाओं को पाकिस्तान का संरक्षण
मुंबई में हुए आतंकी हमले के मास्टरमाइंड माने जाने वाले कई बड़े आतंकी चेहरों को पाकिस्तान संरक्षण देता रहा है। इनमें सबसे बड़ा नाम लश्कर-ए-तय्यबा के संस्थापक हाफिज सईद का है जो मुंबई में हुए हमले का मुख्य सूत्रधार है। दूसरा नाम लश्कर के ऑपरेशनल कमांडर जकी उर रहमान लखवी का है। लखवी ने हमले की योजना बनाने के साथ ही आतंकियों को प्रशिक्षण भी दिया था।
हमले का तीसरा प्रमुख गुनहगार साजिद मीर है जो मुख्य हैंडलर की भूमिका निभा रहा था। हमले के दौरान वही कराची से आतंकियों को निर्देश दे रहा था। जानकारों का मानना है कि अब राणा से एनआईए की पूछताछ के दौरान इन सभी आतंकी सरगनाओं के खिलाफ पुख्ता सबूत मिलेंगे। इन सभी आतंकी सरगनाओं को पाकिस्तान की हुकूमत संरक्षण देती रही है और ऐसे में पाकिस्तान का चेहरा भी पूरी दुनिया के सामने बेनकाब हो जाएगा।