Tahawwur Rana Extradition: पाकिस्तान ने किया तहव्वुर राणा से किनारा, पाक विदेश मंत्रालय ने कहा, राणा कनाडाई नागरिक

Tahawwur Rana Extradition: पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "राणा ने दो दशकों से अपने पाकिस्तानी दस्तावेज़ों का नवीनीकरण नहीं कराया है। उसकी कनाडाई नागरिकता बिल्कुल स्पष्ट है।";

Update:2025-04-10 16:54 IST

Pakistan distances itself from Tahawwur Rana (Photo: Social Media)

Tahawwur Rana Extradition: 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के एक अहम आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा अब भारत के हवाले होने जा रहा है। लंबे समय से अमेरिका में कानूनी लड़ाई लड़ रहे राणा को अब भारत प्रत्यर्पित किया जा रहा है, और जैसे ही वह भारतीय जमीन पर कदम रखेगा, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) उसे अपनी हिरासत में ले लेगी। इस बीच, पाकिस्तान ने उससे पूरी तरह किनारा कर लिया है और साफ कहा है कि तहव्वुर राणा अब उनका नागरिक नहीं है बल्कि एक कनाडाई नागरिक है।

पाकिस्तान ने किया किनारा

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "राणा ने दो दशकों से अपने पाकिस्तानी दस्तावेज़ों का नवीनीकरण नहीं कराया है। उसकी कनाडाई नागरिकता बिल्कुल स्पष्ट है।" इस बयान के बाद पाकिस्तान ने यह संकेत दिया है कि वो अब इस मामले से खुद को अलग रखना चाहता है।

गौरतलब है कि तहव्वुर राणा पर अमेरिका में मुकदमा चला था, जहां उसे लश्कर-ए-तैयबा जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन को सहयोग देने और मुंबई हमलों में अहम भूमिका निभाने का दोषी पाया गया था। 26/11 के उस दर्दनाक हमले में 174 लोगों की जान गई थी और सैकड़ों घायल हुए थे।

अमेरिका से हुआ प्रत्यर्पण

भारत ने पिछले कई वर्षों से राणा के प्रत्यर्पण की मांग की थी, और अब जाकर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर भारत के लिए रास्ता साफ कर दिया है। 11 फरवरी को अमेरिकी विदेश मंत्री ने भारत को प्रत्यर्पण की अनुमति देने वाले आत्मसमर्पण वारंट पर हस्ताक्षर किए थे, जिसे बाद में राणा के वकीलों ने चुनौती दी थी। लेकिन आखिरकार 7 अप्रैल को अमेरिका की सर्वोच्च अदालत ने उसकी याचिका को खारिज कर दिया।

NIA ने बताया कि 11 नवंबर 2009 को इस मामले में केस दर्ज किया गया था। इसमें राणा के साथ-साथ डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का भी नाम शामिल है, जो पहले ही अमेरिका में सज़ा काट रहा है। जांच के दौरान पाकिस्तान को भी सहयोग का अनुरोध भेजा गया था, लेकिन अब तक वहां से कोई संतोषजनक जवाब नहीं आया है।

Tags:    

Similar News