जेबकतरा बोलने पर संसद में हंगामा, कांग्रेस-बीजेपी आमने सामने

कांग्रेस के सात सांसदों के निलंबन का मुद्दा शुक्रवार को लोकसभा में उठा। दिल्ली हिंसा पर चर्चा करने की मांग करने को लेकर हंगामा करने वाली कांग्रेस को सरकार..

Update: 2020-03-06 13:41 GMT

नई दिल्ली। कांग्रेस के सात सांसदों के निलंबन का मुद्दा शुक्रवार को लोकसभा में उठा। दिल्ली हिंसा पर चर्चा करने की मांग करने को लेकर हंगामा करने वाली कांग्रेस को सरकार को घेरने का एक और मुद्दा मिल गया। लोकसभा में कांग्रेस के सांसदों ने जोरदार हंगामा किया। इस दौरान कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने एक अजीबोगरीब बयान भी दिया।

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उन्होंने अपने सांसदों के काम की तुलना जेबकतरे से कर दी। अधीर रंजन ने कहा कि हम आसन का सम्मान करते हैं। हमारे सात सांसदों को निलंबित किया गया। सदन में हम लोग मांग करते आए हैं कि दिल्ली हिंसा पर चर्चा हो, लेकिन एक साथ सात सांसदों को किस आधार पर निलंबित किया गया, इसकी जानकारी हमें नहीं है।

विपक्ष को बाहर रखकर कार्यवाही जारी रखना नहीं चाहती सरकार-जोशी

ये छोटी बात नहीं है। कांग्रेस नेता ने कहा कि जेबकतरे को भी फांसी की सजा नहीं मिलती है। इसके जवाब में संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मैं साफ करना चाहता हूं कि सरकार विपक्ष को बाहर रखकर कार्यवाही जारी रखना नहीं चाहती है।

 

 

जो कल हुआ वो भारत के 70 साल के इतिहास में कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि निलंबन की तुलना जेब काटने से नहीं की जा सकती। ये तुलना करना ठीक नहीं है।

संसदीय कार्यमंत्री ने कार्रवाई को ठहराया उचित

प्रह्लाद जोशी ने कहा कि जब कोरोना वायरस पर चर्चा के लिए किसी नेता के खिलाफ गलत टिप्पणी की तो उसे तुरंत कार्यवाही से निकाला गया। आप लोग भी कई बार पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ अनाप-शनाप बोल चुके हैं, लेकिन ऐसे सदस्यों के खिलाफ कुछ नहीं किया गया।

संसदीय मंत्री ने कांग्रेस सांसदों के खिलाफ कार्यवाही को उचित ठहराते हुए कहा, '374 (1) और 374 (2) में यह स्पष्ट है, जब मीरा कुमार जी स्पीकर थीं उन्होंने 44 लोगों को बाहर किया था। फिर भी मैं कहना चाहता हूं कि जो स्पीकर निर्णय करेंगे वह हमें मंजूर है, लेकिन सदन में बदतमीजी नहीं होना चाहिए, मैं यही निवदेन करता हूं।

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