Cyber Fraud: फेक वाट्सएप प्रोफाइल के जरिए हो रही है ठगी, जानें इससे कैसे बचें
Cyber Fraud: साइबर अपराधी हाई प्रोफाइल लोगों की तस्वीरों का इस्तेमाल कर जूनियर सरकारी कर्मचारियों और आम लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं।
Cyber Fraud: कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला के नाम पर उनकी ही कंपनी के अधिकारी से मोटी रकम ऐंठ ली गई। एसआईआई के एक डायरेक्टर सायबर ठगी के शिकार हो गए। वाट्सएप पर एक शख्स ने खूद को अदार बताते हुए पीड़ित से 1 करोड़ रूपये ट्रांसफर करने को कहा। उसके प्रोफाइल पिक में पूनावाला की ही फोटो थी और नंबर भी उन्हीं था। सो बिना देरी किए डायरेक्टर सतीश देशपांडे ने 1 करोड़ रूपये बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए।
पैसे ट्रांसफर करने के बाद उन्हें समझ आया कि वो ऑनलाइन ठगी के शिकार हो गए हैं। इससे पहले राजस्थान के जैसलमेर जिले की डीएम और चर्चित आईएएस अधिकारी टीना डाबी के नाम से भी वाट्सएप के जरिए ठगी की कोशिश की जा चुकी है। जिस अधिकारी से ठगी का प्रयास किया गया था, वो चालाक निकली और उसने समय रहते हुए इसे भांप लिया। नतीजा ये हुआ कि पुलिस ने आरोपी ठग को अन्य जिले से गिरफ्तार कर लिया।
कैसे अंजाम दिया जाता है ठगी को ?
साइबर अपराधी हाई प्रोफाइल लोगों की तस्वीरों का इस्तेमाल कर जूनियर सरकारी कर्मचारियों और आम लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। झारखंड में तो राज्य के पुलिस प्रमुख से लेकर हाईकोर्ट के जजों की प्रोफाइल फोटो का इस्तेमाल कर इस कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए पिछले दिनों एक एडवायजरी जारी कर, इस तरह की ठगी से बचने के लिए कहा था।
ठगी को ऐसे अंजाम दिया जाता है - एक व्यक्ति की नई व्हाट्सएप प्रोफ़ाइल सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध उसकी तस्वीर का उपयोग करके बनाई जाती है। धोखेबाज आमतौर पर एक दोस्ताना अभिवादन के साथ संदेश की शुरुआत करता है, किसी की भलाई के लिए पूछता है और फिर कम कनेक्टिविटी वाली बैठक में अपनी उपस्थिति का हवाला देते हुए तत्काल धन हस्तांतरण की मांग करता है।
ठगी से ऐसे बचें ?
अगर किसी को व्हाट्सएप पर ऐसा संदेश मिलता है और भले ही प्रोफाइल पिक्चर आपके किसी जानने वाले की हो, तो हमेशा फोन नंबर की जांच करें और जांचें कि क्या आप इसे उस व्यक्ति के रूप में पहचानते हैं जिससे आप बातचीत करते हैं। यदि नंबर अलग है, तो इसके साथ बातचीत न करने के लिए सतर्क रहें और उस व्यक्ति से संपर्क करें जो संभवतः सबसे अधिक प्रतिरूपित किया जा रहा है। अगर आप साइबर अपराध के शिकार हो जाते हैं तो तुरंत पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं।