मुंबई के होटल में मिला इस दिग्गज नेता का शव, 7 बार चुनकर पहुंचे थे लोकसभा

मोहन संजीभाई डेलकर को 1999 और 2004 में उन्हें लोकसभा में एक स्वतंत्र और भारतीय नवशक्ति पार्टी (बीएनपी) के उम्मीदवार के रूप में फिर से चुना गया।

Update: 2021-02-22 10:32 GMT
मोहन संजीभाई डेलकर दमन और दीव से सांसद थे। डेलकर ने सिलवासा में एक ट्रेड यूनियन नेता के रूप में अपने करियर की शुरूआत की थीं। 

मुंबई: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से इस वक्त की बड़ी खबर आ रही है। दमन और दीव के सांसद मोहन डेलकर का शव सोमवार को यहां एक एक होटल में मिला है।

जिस होटल में सांसद का शव पाया गया है। वह मरीन ड्राइव इलाके में स्थित हैं। घटना की सूचना पुलिस को दे दी गई है। मौके पर इस समय पुलिस के आला अफसर जांच करने के लिए पहुंचे हुए हैं।

शुरुआती जांच में ये सुसाइड का मामला प्रतीत हो रहा है। हालांकि, अभी तक पुलिस ने इस बात की पुष्टि नहीं की है और मामले की जांच की जा रही है। पुलिस ने जल्द ही इस पूरे मामले का खुलासा करने की बात कही है।

डेलकर निर्दलीय सांसद थे। 1989 में वे पहली बार सांसद बने। तब से अब तक वे 7 बार लोकसभा के लिए चुने जा चुके थे।

कस्तूरबा गांधी: बापू का हर कदम पर दिया साथ, सफलता के पीछे रहा अहम योगदान

मुंबई के होटल में मिला इस दिग्गज नेता का शव, 7 बार चुनकर पहुंचे थे लोकसभा (फोटो:सोशल मीडिया)

ट्रेड यूनियन के नेता के रूप में की थीं करियर की शुरूआत

बता दें कि मोहन संजीभाई डेलकर दमन और दीव से सांसद थे। डेलकर ने सिलवासा में एक ट्रेड यूनियन नेता के रूप में अपने करियर की शुरूआत की थीं।

उन्होंने विभिन्न कारखानों में काम करने वाले आदिवासी लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। बाद में उन्होंने आदिवासियों के लिए 1985 में आदिवासी विकास संगठन शुरू किया।

1989 में वे दादरा और नगर हवेली निर्वाचन क्षेत्र से 9 वीं लोकसभा के लिए एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुने गए। 1991 और 1996 में उन्हें उसी निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में फिर से लोकसभा के लिए चुना गया।

जानिए कौन हैं दातार सिंह, जिनके निधन पर आज रो रहा देश का हर किसान

मुंबई के होटल में मिला इस दिग्गज नेता का शव, 7 बार चुनकर पहुंचे थे लोकसभा (फोटो:सोशल मीडिया)

2019 में कांग्रेस से हो गए थे अलग

मालूम हो कि 1998 में वह फिर से उसी निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में लोकसभा के लिए चुने गए। 1999 और 2004 में उन्हें लोकसभा में एक स्वतंत्र और भारतीय नवशक्ति पार्टी (बीएनपी) के उम्मीदवार के रूप में फिर से चुना गया।

4 फरवरी 2009 को उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में फिर से शामिल हो गए। 2019 में उन्होंने खुद को कांग्रेस पार्टी से अलग कर लिया और एक स्वतंत्र राजनेता के रूप में चुने गए।

महाराष्ट्र में मचा हाहाकार: 34 जिलों में तत्काल हाई अलर्ट जारी, लापरवाही पर होगी जेल

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

 

Tags:    

Similar News