दिल्ली हिंसा: भीड़ ने जवान के घर में लगाई आग, कहा- इधर आ पाकिस्तानी

दिल्ली में पिछले कई दिनों से हिंसा की आग जल रही है। यहां तक की भीड़ ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में फैली हिंसा में BSF के जवान का घर तक नहीं बख्शा

Update: 2020-02-28 11:17 GMT

नई दिल्ली: दिल्ली में पिछले कई दिनों से हिंसा की आग जल रही है। भड़की हिंसा में उपद्रवियों ने हर जगह उपद्रव मचा रखा है। यहां तक की भीड़ ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में फैली हिंसा में BSF के जवान का घर तक नहीं बख्शा। 25 फरवरी की दोपहर खस खजूरी गली में एक-एक घर में तोड़फोड़ और आगजनी कर रही थी इसी बीच एक बीएसएफ जवान का घर जलाने का मामला सामने आया है।

खजूरी खास स्थित घर के नेमप्लेट में लिखा है कि 'मकान नंबर 76 बीएसएफ के मोहम्मद अनीस का है और उस पर बीएसएफ का प्रतीक चिन्ह भी लगा हुआ है, लेकिन यह इस घर को हिंसा से बचाने के लिए काफी नहीं था।

इधर आ पाकिस्तानी, तुझे नागरिकता देते हैं

उपद्रवियों ने पहले जवान के घर के बाहर खड़ी कारों में आग लगा दी। फिर कुछ देर तक भीड़ ने घर पर पथराव किया। हिंसक भीड़ ने अनीस के घर में सिलिंडर फेंक कर कहा- 'इधर आ पाकिस्तानी, तुझे नागरिकता देते हैं।'

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अनीस ने पैरामिलिट्री फोर्स में अपना करियर साल 2013 में शुरू किया और करीब 3 साल जम्मू और कश्मीर में सेवा दी। अनीस के साथ उनके 55 वर्षीय पिता मोहम्मद मुनीस, 59 वर्षीय चाचा मोहम्मद अहमद और 18 वर्षीय चचेरे भाई नेहा परवीन घर में थे। आगे किसी भी अनहोनी की आशंका को देखते हुए वह किसी तरह अपने घर से बार निकले और पैरामिलिट्री फोर्स ने उनकी मदद की।

घर में होनी है शादी

बीएसएफ जवान के घर में दो शादियां होनी थीं। नेहा परवीन की अप्रैल में शादी करनी थी और अनीस को अगले महीने शादी करनी थी। परिवार ने बताया कि हमारी जिंदगी की जमा-पूंजी, जेवरात, दो सोने के हार, चांदी के गहने सब कुछ चला गया। परिवार वालों ने बताया, "हमने किस्तों पर जेवर खरीदे थे। जिनके हर महीने पैसे देते थे। शादी की व्यवस्था के लिए 3 लाख नकद भी अन्य कीमती सामान और उनके सभी सामानों के साथ जल गए।

हिंदू बाहुल्य क्षेत्र

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खजूरी खास एक हिंदू बहुल क्षेत्र है। यहां हिंदुओं की संख्या अधिक है। ऐसे में ये संभावना है कि किसी मोहल्ले वाले ने ही ये हरकत की होगी। लेकिन अनीस के परिवार का कहना है कि उनका कोई भी पड़ोसी हमले में शामिल नहीं था। उन्होंने कहा कि 'लोग बाहर से आए थे।' इसके बजाय, उनके हिंदू पड़ोसी हिंसक भीड़ से जाने के लिए कह रहे थे।

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