Delhi Liquor Scam: CM केजरीवाल को पद से हटाने की याचिका फिर खारिज, AAP के पूर्व नेता को HC की फटकार
Delhi Liquor Scam: इस याचिका को जोड़कर अब तक दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामलें में तीन याचिकाएं डाली जा चुकी हैं। हर याचिका को अदालत खारिज करते हुए हस्तक्षेप करने से इंकार करता रहा है।
Delhi Liquor Scam: आबकारी घोटाले में गिरफ्तार हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुख्यमंत्री पद से हटाने को लेकर लगातार दिल्ली की हाई कोर्ट में याचिकाएं डाली जा रही हैं। अदालत इन याचिकाओं को बार-बार खारिज कर रहा है। न्यायिक हिरासत में अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने को लेकर एक नई याचिका हाई कोर्ट में पूर्व विधायक विधायक संदीप कुमार की ओर से डाली गई थी, जिस पर अदालत सोमवार को सुनवाई करते हुए खारिज कर दिया और इस बार कोर्ट ने कड़ी फटकार भी लगाई है।
अब तक तीन याचिकाएं हो चुकीं खारिज
इस याचिका को जोड़कर अब तक दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामलें में तीन याचिकाएं डाली जा चुकी हैं। हर याचिका को अदालत खारिज करते हुए हस्तक्षेप करने से इंकार करता रहा है। लेकिन इस बार आप के पूर्व विधायक संदीप कुमार ने अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने वाली याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए कड़ी नाराजगी जाहिर की, साथ ही जुर्माना लगाने का भी फरमान सुनाया है।
याचिकाकर्ता पर लगाया जुर्माना
इस याचिका की सुनवाई की न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने की। सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि इस मामले में दो याचिकाएं हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की पीठ पहले ही खारिज कर चुकी है। अब इस याचिका का फिर से क्या औचित्य है। कोर्ट इसमें क्या कर सकता है? कोर्ट ने कड़े शब्दों ने कहा याचिकाकर्ता पर भारी जुर्माना लगाया जाए। कोर्ट ने इस याचिका को मुख्य पीठ के समक्ष 10 अप्रैल को सूचीबद्ध किया है।
21 मार्च को किया गया था गिरफ्तार
बता दें, अरविंद केजरीवाल को आबकारी घोटाला से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। दस दिन के ईडी रिमांड के बाद राउज एवेन्यू की विशेष अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। केजरीवाल तिहाड़ जेल में बंद हैं। ईडी की गिरफ्तारी के बाद से केजरीवाल के खिलाफ कोर्ट में कई बार मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर की जा चुकी हैं और हर अदालत इन्हें खारिज करता आ रहा है।