Delhi MCD Election: आप ने पहली बार बीजेपी को सत्ता से किया बेदखल, 'डबल इंजन' फैक्टर कर गया काम
MCD Election Result 2022: दिल्ली नगर निगम के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 15 सालों से सत्ता में काबिज बीजेपी को उखाड़ फेंका है।
Delhi MCD Election Result 2022: दिल्ली से बाहर जब कभी अरविंद केजरीवाल की पार्टी चुनाव लड़ने के लिए जाती है तो विरोधी उसे भारतीय जनता पार्टी की बी टीम करार देते हैं। हाल ही में गुजरात में भी ऐसा ही देखने को मिला। कुछ राजनीतिक जानकार इस दलील में वजन भी मानते थे क्योंकि उनका कहना था कि अभी तक आप ने केवल कांग्रेस से सत्ता छिनी है, बीजेपी से उसने कभी सत्ता हासिल नहीं की। लेकिन एमसीडी चुनाव के नतीजों ने आप पर आरोप लगाने वालों को चुप करा दिया है।
दिल्ली नगर निगम के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 15 सालों से सत्ता में काबिज बीजेपी को उखाड़ फेंका है। दिल्ली की राजनीति में एक्टिव होने के बाद एमसीडी के चुनाव में उसकी यह पहली जीत है। पार्टी ने पहली बार 2017 में नगर निगम का चुनाव लड़ा था, उसमें कांग्रेस को पछाड़कर वह दूसरे स्थान पर रही थी। पांच साल बाद पार्टी ने सत्ता हासिल कर ली।
बीजेपी को उसी की भाषा में दी मात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यों में जब कभी विधानसभा चुनाव होते हैं, तो वह डबल इंजन का जिक्र करना नहीं भूलते। सबसे ताजा उदाहरण गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव का है। जहां चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी बार-बार जनता को चेताते नजर आए कि अगर केंद्र और राज्य में दो अलग-अलग दल की सरकार हुई तो इसका सबसे अधिक नुकसान जनता को होगा। राज्य की सत्ता में आने वाली विपक्षी पार्टी की सरकार दिल्ली द्वारा करवाए जाने वाले विकास कार्यों में रोड़े अटकाएंगे।
दिल्ली नगर निगम चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री के इसी मंत्र का हूबहू पालन किया और डबल इंजन का कार्ड खेला। नतीजे बताते हैं कि दिल्लीवालों ने उनके 'डबल इंजन' पर भरोसा किया। आप ने 'केजरीवाल की सरकार, केजरीवाल का पार्षद' का नारा बुलंद किया था। अपने चुनाव अभियानों में केजरीवाल इसबात पर जोर देते नजर आए कि अगर एमसीडी में भी आप की सरकार बनी तो जनता के लिए डबल फायदे की बात होगी। बीजेपी जिन सीटों पर जीतेगी, वहां विकास के कामों में रोड़े अटकाएगी। इसलिए जनता आप को वोट दें। दिल्ली सीएम की यह दलील जनता को भा गई और नतीजा ये हुआ कि बीजेपी की एमसीडी से विदाई हो गई।
एमसीडी में आप के जीत के मायने
गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले दिल्ली नगर निगम के चुनाव परिणा ने सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है। दिल्ली सीएम और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा किसी से छिपी नहीं है। मार्च में पंजाब में ऐतिहासिक जीत हासिल करने के बाद इस साल एमसीडी के रूप में उनकी ये दूसरी बड़ी जीत है। उनकी पार्टी का गोवा में भी खाता खुल चुका है और एग्जिट पोल्स की माने तो गुजरात में भी उन्हें कुछ सीटें मिलती नजर आ रही हैं। इसके बाद उनकी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल सकता है।
एमसीडी में बीजेपी को सत्ता से हटाकर अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी के संभावित चैलेंजर के रूप में विपक्षी खेमे में अपना दावा मजबूत किया है। हिंदी पट्टी से आने वाले केजरीवाल कांग्रेस के कमजोर होने के कारण इस क्षेत्र में विपक्ष के खाली स्पेस को भर सकते हैं। अगले साल कई बड़े राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जहां बीजेपी – कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई है। कुछ राज्यों में कांग्रेस की हालत पतली है। आम आदमी पार्टी ऐसे राज्यों में दिल्ली और पंजाब की तरह कांग्रेस को रिप्लेस करना चाहेगी। वहीं, हिंदी पट्टी की पार्टी मानी जाने वाली बीजेपी के लिए केजरीवाल का लगातार मजबूत होना खतरे की घंटी से कम नहीं है।