Bengal Ration Scam: राशन घोटाला मामले में ईडी की बड़ी कार्रवाई, TMC नेता शंकर आद्या को किया गिरफ्तार

Bengal Ration Scam: ईडी ने इससे पहले बनगांव के शिमुलतला स्थित उनके ससुराल पर छापा मारा था और 17 घंटे की तलाशी अभियान के बाद तृणमुल नेता को अरेस्ट कर लिया गया।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2024-01-06 08:21 IST

TMC leader Shankar Adhya   (photo: social media )

Bengal Ration Scam: राशन घोटाला मामले में पश्चिम बंगाल में प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई जारी है। ईडी ने आज यानी शनिवार तड़के उत्तर 24 परगना जिले से टीएमसी नेता शंकर आद्या को गिरफ्तार कर लिया है। आद्य बोंगगांव नगरपालिका के अध्यक्ष रह चुके हैं। उनकी पत्नी भी राजनीति में एक्टिव है। ईडी ने इससे पहले बनगांव के शिमुलतला स्थित उनके ससुराल पर छापा मारा था और 17 घंटे की तलाशी अभियान के बाद तृणमुल नेता को अरेस्ट कर लिया गया।

बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय सीआरपीएफ के साथ शुक्रवार को उत्तर 24 परगना जिले के दो प्रभावशाली टीएमसी नेता शंकर आद्या और शाहजहां शेख के यहां रेड डालने गई थी। शाहजहां शेख के यहां उनके समर्थकों ने ईडी के अधिकारियों पर हमला बोल दिया, जिसमें कई अधिकारी जख्मी हो गए। आद्या और शेख जेल में बंद पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक के बेहद करीबी माने जाते हैं।

आद्या के समर्थकों ने भी किया कड़ा विरोध

टीएमसी नेता शाहजहां शेख की तरह शंकर आद्या के समर्थकों ने भी ईडी के अधिकारियों का कड़ा विरोध किया। आद्या को जब गिरफ्तार कर गाड़ी में बैठाया जा रहा था, तब उनके समर्थकों की वहां भारी भीड़ मौजूद थी और वे लगातार नारेबाजी कर रहे थे। काफी जद्दोजहद के बाद ईडी की टीम आद्या को लेकर वहां से निकल सकी। शंकर की आद्या की पत्नी ज्योत्सना आद्या जो कि खुद बनगांव नगरपालिका की अध्यक्ष रहीं हैं, ने ईडी पर गहरी साजिश रचने का आरोप लगाया है।

उन्होंने कहा कि उनके पति एजेंसी का जांच में सहयोग कर रहे थे, फिर भी उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। बताया जाता है कि शंकर आद्या ज्योतिप्रिय मलिक के सहयोग से सियासत में आए। बनगांव से पार्षदी का सफर शुरू करते हुए आगे नगरपालिका अध्यक्ष तक बने। इतना ही नहीं उन्होंने पत्नी को भी राजनीति में आगे बढ़ाया। बता दें कि ममता सरकार में वन मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को ईडी ने 27 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था। तभी से वह जेल में हैं। मलिक वन मंत्री से पहले खाद्य मंत्री रह चुके हैं।

शुक्रवार को ईडी की टीम पर हुआ था हमला

पश्चिम बंगाल में शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई को लेकर दिनभर काफी गहमागहमी रही। दरअसल, कल सुबह सात बजे ईडी की एक टीम उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली के सरबेरिया स्थित तृणमुल नेता शाहजहां शेख के घर रेड डालने पहुंची थी। शेख के घर पर कोई नहीं था और वहां ताला लटका हुआ था। अधिकारियों ने शेख को फोन किया और काफी देर तक किसी के आने का इंतजार किया। जब कोई नहीं पहुंचा तो ईडी की टीम ने टीएमसी नेता के घर का ताला तोड़ने की कोशिश की।

इस मौके पर शाहजहां शेख के समर्थकों की भारी भीड़ जमा हो गई। उन्होंने ईडी की इस कार्रवाई का विरोध किया और देखते ही देखते वहां की स्थिति बिगड़ गई। टीएमसी कार्यकर्ताओं ने ईडी के साथ-साथ सीआरपीएफ जवानों पर हमला बोल दिया। उनकी ओर से जमकर पत्थरबाजी की गई और गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई। ईडी की ओर से घटना को लेकर एक्स पर एक पोस्ट भी किया गया है।

ईडी ने बताया कि करीब 800 से 1000 लोगों की भीड़ ने हत्या के इरादे से हमला किया था। भीड़ के पास लाठियां, ईंट और पत्थर जैसे हथियार थे। हमले में तीन अधिकारियों को गंभीर चोटें आई हैं। फिलहाल अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। आगे उन्होंने बताया कि भीड़ ने उनके मोबाइल फोन, लैपटॉप, वॉलेट और नकदी भी छीन लिए। इसके अलावा उनके वाहनों को भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया गया।

ईडी पर हमले के बाद सियासत तेज

प्रवर्तन निदेशालय की टीम पर हमले को लेकर कोलकाता से लेकर दिल्ली तक की राजनीति गरमा गई है। मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता सरकार में दिनों-दिन ब कानून व्यवस्था होती जा रही है। घटना की एनआईए से जांच करवाने की मांग की गई है। इस मामले को लेकर कांग्रेस भी टीएमसी पर हमलावर है। बंगाल कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ईडी के अधिकारियों पर सत्तारूढ़ दल के गुंडों के हमले के बाद से स्पष्ट है कि राज्य में कानून व्यवस्था नाम की चीन नहीं है। आज वे घायल हुए, कल उनकी हत्या हो सकती है। वहीं, सत्ताधारी टीएमसी का आरोप है कि ईडी के अधिकारियों ने ही स्थानीय लोगों को भड़काया, जिसके कारण ये घटना हुई।

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